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BJP ने भागीरथ चौधरी पर फिर जताया भरोसा, अजमेर लोकसभा सीट से किया रिपीट - AJMER LOKSABHA SEAT - AJMER LOKSABHA SEAT

राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटों के लिए घमासान जारी है. रविवार को बीजेपी ने राजस्थान के लिए अपनी दूसरी लिस्ट जारी कर दी. लिस्ट में 7 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है. 7 प्रत्याशियों की सूची में दो मौजूदा सांसदों को फिर से चुनाव मैदान में उतारा है. सांसद भागीरथ चौधरी को अजमेर से और सुखबीर सिंह जौनपुरिया को टोंक सवाई माधोपुर से दोबारा प्रत्याशी घोषित किया गया है.

BJP ने भागीरथ चौधरी पर फिर जताया भरोसा
BJP ने भागीरथ चौधरी पर फिर जताया भरोसा

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 25, 2024, 7:09 AM IST

अजमेर.भारतीय जनता पार्टी ने अजमेर लोकसभा सीट से भागीरथ चौधरी को दोबारा से मैदान में उतारा है. चौधरी अजमेर लोकसभा सीट से सांसद हैं. हालांकि, चौधरी ने अपने गृह क्षेत्र किशनगढ़ से विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था लेकिन वह हार गए थे. इसके बावजूद बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने भागीरथ चौधरी को दोबारा टिकट देकर उन पर भरोसा जताया है. अजमेर लोकसभा सीट पर बीजेपी से भागीरथ चौधरी के नाम का ऐलान होते ही बड़ी संख्या में बीजेपी समर्थक उनके निवास पर जुटे और फूलों की माला पहनाकर उन्हें बधाई दी.

भागीरथ चौधरी ने 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के रिजु झुनझुनवाला को रिकॉर्ड सवा चार लाख मतों से हराया था. भागीरथ चौधरी को दोबारा टिकट देकर बीजेपी ने बड़ा दांव खेला है. दरअसल अजमेर लोकसभा क्षेत्र जाट बाहुल्य है. ऐसे में यह तो तय था कि बीजेपी अजमेर लोकसभा सीट से जाट चेहरे को ही उम्मीदवार बनाएगी. मगर भागीरथ चौधरी को दोबारा टिकट मिलेगा इसकी संभावना कम नजर आ रही थी. दरअसल बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में किशनगढ़ से भागीरथ चौधरी को मैदान में उतारा था. चौधरी अपने गृह क्षेत्र में नही जीत पाए बल्कि तीसरे स्थान पर रहे थे. ऐसे में विधानसभा चुनाव में उनकी हार को देखते हुए अजमेर लोकसभा चुनाव में उनके टिकट को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई थी. अजमेर सीट से भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का नाम प्रबलता के साथ सामने आया था, लेकिन पुनिया को हरियाणा प्रभारी बनाकर भेज दिया गया था. ऐसे में भागीरथ चौधरी के नाम की फिर से चर्चा होने लगी. दरअसल अजमेर लोकसभा क्षेत्र में भागीरथ चौधरी जाट समाज का एक बड़ा चेहरा है. यही वजह है कि क्षेत्र में जातिगत आंकड़ों को साधते हुए भागीरथ चौधरी पर फिर से बीजेपी ने दांव लगाया है.

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भागीरथ चौधरी एक नजर :भागीरथ चौधरी का जन्म 1 जून 1954 में मानपुरा में हुआ था. चौधरी की आय व्यवसाय और कृषि दोनों से ही हैं. चौधरी ने बीए पार्ट टू तक की ही पढ़ाई की है. भागीरथ चौधरी ने पहली बार किशनगढ़ से 2003 में विधानसभा का चुनाव लड़ा. चौधरी कांग्रेस के नाथूराम सिनोदिया को हराकर पहली बार विधायक बने थे. लेकिन 2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने भागीरथ चौधरी को मैदान में दोबारा उतारा लेकिन इस बार वह कांग्रेस के उम्मीदवार नाथूराम सिनोदिया से चुनाव हार गए थे. वर्ष 2013 में भागीरथ चौधरी को तीसरी बार बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में किशनगढ़ से उतारा. इस बार भागीरथ चौधरी ने बाजी पलटी और कांग्रेस के नाथूराम सिनोदिया को हराकर दूसरी बार विधायक बने. भागीरथ चौधरी को प्रदेश किसान मोर्चा का अध्यक्ष भी बनाया गया था. वर्ष 2018 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने भागीरथ चौधरी को टिकट नहीं दिया और यहां नए चेहरे के तौर पर विकास चौधरी पर दाव लगाया. उस वक्त भागीरथ चौधरी नाराज थे लेकिन उन्हें नही पता था कि भाजपा ने उनके लिए कुछ और ही सोच रखा था. बीजेपी ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भागीरथ चौधरी को अजमेर लोकसभा क्षेत्र से टिकट दिया. इस चुनाव में भागीरथ चौधरी ने रिकॉर्ड मत से जीत हासिल की. चौधरी ने कांग्रेस के रिजु झुनझुनवाला को चुनाव में पटखनी दी थी.

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