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LG ने बढ़ाई केजरीवाल सरकार की मुसीबत, रिश्तेदार से जुड़े मामले की सीबीआई जांच के आदेश - LG orders CBI inquiry - LG ORDERS CBI INQUIRY

LG orders CBI inquiry: लोक निर्माण विभाग के चार इंजीनियरों के खिलाफ सतर्कता विभाग द्वारा दर्ज किए गए मामले की उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंजूरी दे दी है. क्या है पूरा मामला, आइए जानते हैं..

उपराज्यपाल ने बढ़ाई केजरीवाल सरकार की मुश्किल
उपराज्यपाल ने बढ़ाई केजरीवाल सरकार की मुश्किल (ETV Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 26, 2024, 1:55 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने लोक निर्माण विभाग के चार इंजीनियरों के खिलाफ सतर्कता विभाग द्वारा दर्ज मामले की सीबीआई जांच कराने की अनुमति दी है. उपराज्यपाल कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी रिश्तेदार भी शामिल है, जिनके खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच अब सीबीआई करेगी.

दरअसल मामला वर्ष 2015-16 का है, जो दिल्ली को जोड़ने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 के किनारे बनने वाले नाले के निर्माण से जुड़ा हुआ है. इसमें आरोप लगा था कि एक नाले को बनाने के लिए फर्जी और जाली चालान के आधार पर ठेकेदार को भुगतान किया गया. ऐसा कर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया गया है. निर्माण कार्य करने वाली जिस निजी कंपनी को ठेका दिया गया था, वह कंपनी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साढ़ू सुरेंद्र कुमार बंसल की है. हालांकि अब वे इस दुनिया में नहीं हैं. तब मामला काफी सुर्खियों में रहा था, लेकिन दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी ने इसका खंडन किया था.

मामले की जांच सतर्कता विभाग को सौंप दी गई थी. सतर्कता विभाग ने इसकी जांच की और अपनी रिपोर्ट उपराज्यपाल को सौंप दी. इसमें लोक निर्माण विभाग के उन इंजीनियरों के नाम शामिल हैं, जिन्होंने केजरीवाल के रिश्तेदार की कंपनी को भुगतान किया था. प्राप्त रिपोर्ट को संज्ञान लेने के बाद उपराज्यपाल ने अब सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है.

इसमें कथित तौर पर फर्जी और जाली बिल का सरकारी खजाने से भुगतान का आरोप है. आरोप है कि पीडब्ल्यूडी ने ठेका हासिल करने वाली कंपनी को उस काम का भी भुगतान किया, जो काम हुआ ही नहीं है. नाले का निर्माण के बाद वहां पर सौंदर्यकरण का काम भी करना था, लेकिन कंपनी ने यह नहीं किया. लोक निर्माण विभाग ने नाले से जुड़े निर्माण कार्य के लिए जो टेंडर जारी किया था उसकी बोली लगाने में भी गड़बड़ी का आरोप है. सुरेंद्र कुमार बंसल की कंपनी ने कुल 2.65 करोड़ रुपए में ठेका हासिल किया था, जो अनुमानित लागत करीब 5 करोड़ रुपए से 46 फीसद कम था.

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सतर्कता विभाग द्वारा मामले की जांच में ठेकेदार को भुगतान करने में चार इंजीनियरों की संलिप्त पाई गई है. इनमें लोक निर्माण विभाग के एक कार्यकारी अभियंता, एक सहायक अभियंता और दो कनिष्ठ अभियंता शामिल हैं. उनके खिलाफ वर्ष 2017 में एफआईआर दर्ज की गई थी. अब सीबीआई इस पूरे मामले की जांच करेगी और लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों के अलावे भुगतान हासिल करने वाली केजरीवाल के रिश्तेदार की कंपनी भी भूमिका की भी सीबीआई जांच करेगी.

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