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सिंचाई के लिए नहर से मिलेगा सिर्फ एक बार पानी, किसानों को मिली 10 नवंबर की डेट

मध्य प्रदेश के छतरपुर में 10 नवंबर से खेतों में छोड़ा जाएगा नहर परियोजनाओं से पानी. फसलों के लिए 55,630 हेक्टेयर क्षेत्रफल में पानी देने का लक्ष्य.

NO WATER IN CHHATARPUR CANALS
कम बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 7, 2024, 5:22 PM IST

Updated : Nov 7, 2024, 9:52 PM IST

छतरपुर: बुंदेलखंड में कम बारिश के चलते किसानों की चिंता बढ़ती दिख रही है. जिले के अधिकांश बड़े डैम खाली हैं. जिससे सिंचाई के लिए किसानों को सिर्फ एक बार ही पानी मिल सकेगा. सिंचाई का क्षेत्रफल भी आधा होगा. सिंचाई विभाग के अनुसार इस बार किसानों को रबी सीजन की फसल के लिए 55 हजार 630 हैक्टेयर क्षेत्रफल में पानी देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था जो इस बार पूरा होता नहीं दिख रहा है.

10 नवंबर से छोड़ा जाएगा नहर परियोजनाओं से पानी

छतरपुर जिले में इस बार कम बारिश किसानों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. जिला उपयोगिता समिति और सिंचाई विभाग के अनुसार इस बार जिले में रनगवां नहर परियोजना से 4200 हेक्टेयर, उर्मिल नहर से 5000 हेक्टेयर, कुटनी बांध से 25000 हेक्टेयर, बेनीसागर बांध से 3765 हेक्टेयर एवं सिंहपुर बांध से 4500 हैक्टेयर, तरपेड़ बांध से 3700 हेक्टेयर और लघु परियोजनाओं से 9465 हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित की गई है. इन सभी परियोजनाओं से किसानों के लिए 10 नवंबर तक मांग के अनुसार पानी छोड़े जाने की योजना तैयारी की गई है.

कम बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता (Etv bharat)

छतरपुर जिले में 6 बड़े डैम से होती है फसलों की सिंचाई

बताया गया कि जिन नहरों में 10 प्रतिशत से कम पानी उपलब्ध है उनमें निस्तार के लिए पानी सुरक्षित रखा जाएगा. उनसे सिंचाई के लिए पानी नहीं दिया जाएगा. ऐसी स्थिति में कृषि विभाग इस वर्ष किसानों को कम पानी वाली फसलें लगाने की सलाह दे रहा है. सिंचाई विभाग के अनुसार छतरपुर जिले में 6 बड़े डैम निर्मित हैं, इनसे लंबे क्षेत्रफल में सिंचाई होती है.

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जिले में भले ही करीब औसत बारिश हुई है लेकिन नहरों में नाम मात्र ही उपयोगी पानी है. इनमें रनगुवां बांध की जल क्षमता 155.19 एमसीएम है. रनगुवां नहर परियोजना में उपयोगी पानी का प्रतिशत मात्र 34 है. वहीं बरियारपुर नहर परियोजना में 34 प्रतिशत, उर्मिल नहर परियोजना में 20 प्रतिशत, बैनीगंज बांध में 60 फीसदी, सिंहपुर बैराज में प्रतिशत और तरपेड़ बांध में 57% ही उपयोगी पानी है.

नहर परियोजनाओं से होती है एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई

इसके अलावा 100 से अधिक छोटी सिंचाई परियोजनाएं हैं, लेकिन उनमें भी नाम मात्र पानी है. इन परियोजनाओं से जिल में एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र से अधिक की सिंचाई होती है. लेकिन इस बार कम बारिश के चलते किसानों को इन परियोजनाओं से पर्याप्त पानी नहीं मिल सकेगा.

सिंचाई विभाग की मुख्य कार्यपालन मंत्री लता वर्मा ने बताया कि इस बार बहुत कम पानी उपलब्ध हुआ है. पूरे जिले में 34 प्रतिशत पानी टैंकों में उपलब्ध है. फसलों के लिए 55 हजार 630 हेक्टेयर क्षेत्रफल में पानी देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

वहीं जब कृषि उपसंचालक कबीर कृष्ण वैद्य से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में बारिश का आंकड़ा थोड़ा बेहतर है. लेकिन कुछ स्थानों को छोड़ दिया जाए तो जिले में रबी सीजन की फसल के हिसाब से कम बारिश हुई है. किसानों को कम पानी वाली फसलें लगाने की सलाह दी जा रही है.

Last Updated : Nov 7, 2024, 9:52 PM IST

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