कोंडागांव वन विभाग की बड़ी कार्रवाई, तेंदुए के खाल सहित 6 तस्कर गिरफ्तार - Smuggler Arrested In Kondagaon
वन विभाग ने तेंदुए की खाल की तस्करी करते हुए 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. इन तस्करों ने उड़ीसा के हल्दी गांव के जंगल से एक तेंदुए का शिकार किया था, जिसे सभी तस्कर बेचने की फिराक में थे. पुलिस सभी तस्करों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई कर रही है.
तेंदुए के खाल सहित तस्कर गिरफ्तार (ETV Bharat Chhattisgarh)
कोंडागांव : जिले के वन विभाग ने वन्यजीवों की तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. वन विभाग ने तेंदुए के खाल की तस्करी करते रंगे हाथों 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. यह कार्रवाई छत्तीसगढ़-उड़ीसा सीमा पर स्थित कोंडागांव जिले के मिरमिंडा गांव में की गई. पुलिस सभी तस्करों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई कर रही है.
तस्करी करते रंगे हाथों 6 लोग गिरफ्तार : कोंडागांव के एसडीओ आशीष कोटरीवार ने बताया, "गिरफ्तार किए गए तस्करों ने उड़ीसा के हल्दी गांव के जंगल से एक तेंदुए का शिकार किया था. इसके बाद वे इस खाल को बेचने के लिए ग्राहक की तलाश में छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के अमरावती फॉरेस्ट रेंज अंतर्गत ग्राम मिरमिंडा के पास आए थे. वन विभाग के कर्मचारियों ने गुप्त सूचना के आधार पर इस इलाके में घेराबंदी की और तस्करों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया."
"गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ के दौरान यह पता चला कि वे तेंदुए की खाल को एक बड़े मुनाफे के लिए बेचने की योजना बना रहे थे. खाल की तस्करी के लिए गिरोह काफी समय से सक्रिय था और वन्यजीवों की तस्करी में संलिप्त था. इन तस्करों की गिरफ्तारी से वन विभाग को बड़ी सफलता मिली है." - आशीष कोटरीवार, एसडीओ, कोंडागांव
न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा : पुलिस ने गिरफ्तार किए गए सभी तस्करों को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है. इस घटना के बाद से वन विभाग ने जंगलों में निगरानी बढ़ा दी है. वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए वन विभाग ने और भी कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है.
वन विभाग के कर्मचारियों की यह कार्रवाई वन्यजीव संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है. वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए इसी तरह और भी कार्रवाई किए जाने की जरूरत है. वन्यजीव तस्करों के खिलाफ सख्त कदम उठने जरूरी हैं. वन विभाग ने आम जनता से अपील की है कि वे वन्यजीवों की सुरक्षा में सहयोग करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत वन विभाग को दें.