कोरबा: कभी कश्मीर के लिए ये कहा गया था कि धरती पर अगर कहीं स्वर्ग है तो यहीं है यहीं है. कश्मीर सा सुंदर नजारा इन दिनों कोरबा के लेमरू और सतरेंगा में भी दिखाई दे रहा है. बारिश के दिनों यहां की खूबसूरती मन को मोह लेती है. जो पर्यटक यहां परदेशी बनकर आते हैं उनको यहां बस जाने का मन करने लगता है. लेमरू और सतरेंगा के पास ही देवपहरी का गोविंद झुंझ वाटरफॉल है. पानी से लबालब होने के चलते वाटरफॉल की सुरंदरता में चार चांद लग गए हैं. बड़ी संख्या में पर्यटक यहां गोविंद झुंझ वाटरफॉल को देखने आ रहे हैं.
कोरबा में उतरता है 'धरती पर स्वर्ग':देवपहरी का गोविंद झुंझ वॉटरफॉल चोरनई नदी पर बनता है. यहां करीब 40 फीट की ऊंचाई से पानी नीचे गिरता है. झरने के गिरने की आवाज करीब 200 मीटर की दूरी से सुनाई देने लगती है. गोविंद झुंझ वॉटरफॉल पूरी तरह से चट्टानों से घिरा हुआ है. अलग-अलग स्थान पर कई जगह ऐसे हैं जहां से पानी चट्टानों से होकर नदी में गिरती है. पानी की अधिकता के चलते कई छोटे-छोटे वॉटरफॉल भी यहां बन जाते हैं.
मॉनसून में पर्यटकों की पहली पसंद:तीनों ओर से पहाड़ियों से घिरे इस वाटरफॉल की खूबसूरती बारिश के दिनों और बढ़ जाती. दूर-दूर से लोग प्रकृति की वादियों में वक्त बिताने आते हैं. देवपहरी गांव के किनारे चोरनई नदी पर स्थित गोविंद झुंझ जलप्रपात अपने आप में मनमोहक है. प्राकृतिक दृष्टि से देखें तो ये इलाका चारों ओर से पहाड़ों से घिरा हुआ है. बीच के भाग में मैदानी क्षेत्र है. दोपहर में सूर्य की तेज रोशनी से पत्थर भी चमकते हैं. गोविंद झुंझ जलप्रपात सैलानियों को एमपी के मशहूर भेड़ाघाट की याद दिलाता है. पत्थरों को चीरते हुए चोरनई नदी आगे बढ़ती है. यह आगे जाकर हसदेव नदी में मिल जाती है.