कोरबा: ऊर्जाधानी में पिछले कुछ समय से बीजेपी अपने निर्णयों से सबको चौंका रही है. नगर निगम में मेयर का फैसला हो चुका है.अब निगम की सत्ता में कांग्रेस की तरफ से विपक्ष का नेता कौन होगा इस बात पर मंथन जारी है. वहीं निगम में सभापति की कुर्सी को लेकर भी सस्पेंस बरकरार है. सभापति की रेस में अनुभवी के साथ युवा चेहरे मैदान में हैं. पार्टी अनुभवी को प्राथमिकता देती है या फिर युवाओं पर विश्वास जताती है, इसका खुलासा जल्द होगा.
45 पार्षद बीजेपी के चुनकर आए : भारतीय जनता पार्टी ने कोरबा में ऐतिहासिक जीत दर्ज कर मेयर की चेयर पर तो कब्जा कर लिया, अब सभापति की कुर्सी हासिल करने की अंदरुनी जंग में कौन जीतेगा इसकी चर्चा है. कोरबा नगर निगम के 67 वार्डों में भाजपा के 45 पार्षद चुनकर आए हैं. इनमें से सभापति कौन बनेगा इसका फैसला फिलहाल नहीं हुआ है. इसके लिए पार्टी में मंथन जारी है.
रेस में कौन-कौन :सभापति की रेस में उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन के सगे भाई निर्विरोध पार्षद नरेंद्र देवांगन, पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक चावलानी और बीते 5 साल निगम में भाजपा के विपक्ष के नेता रहे हितानंद के बीच प्रतिस्पर्धा है. भाजपा पार्षदों में छत्तीसगढ़ी सभापति की चर्चा है. दरअसल भाजपा की महापौर पूर्वांचल से ताल्लुक रखतीं हैं.ऐसे में साकेत की दूसरी सबसे महत्वपूर्ण गद्दी, यानी सभापति का पद एक योग्य छत्तीसगढ़ी उम्मीदवार को सौंपकर जातिगत समीकरण को साधने की चर्चा है.