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गाजियाबाद में वकीलों की हड़ताल जारी, उपचुनाव का करेंगे बहिष्कार

गाजियाबाद जिला न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं पर लाठी चार्ज मामले में 21 दिन से आंदोलन जारी

मांगों को मनवाने पर अड़े वकील,कहा मांगे पूरी होने तक जारी रहेगा हड़ताल
मांगों को मनवाने पर अड़े वकील,कहा मांगे पूरी होने तक जारी रहेगा हड़ताल (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : 5 hours ago

Updated : 4 hours ago

नई दिल्ली/गाजियाबाद :29 अक्टूबर को गाजियाबाद जिला न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं पर हुए लाठी चार्ज का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. वकीलों के धरने को तीन हफ्ते पूर्ण हो चुके हैं. कचहरी परिसर में 21 दिनों से अधिवक्ताओं का आंदोलन जारी है. अधिवक्ताओं ने साफ कर दिया है कि जब तक मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तब तक आंदोलन जारी रहेगा. अधिवक्ताओं की हड़ताल से आम लोगों को भी खास परेशानी हो रही है. कचहरी परिसर में 21वें दिन भी बार एसोसिएशन गाजियाबाद की नेतृत्व में अधिवक्ताओं का आंदोलन जारी रहा.

बार एसोसिएशन गाजियाबाद के सचिव अमित कुमार नेहरा के मुताबिक अनिश्चितकालीन धरनारत अधिवक्ताओं में बार एशोसिएशन गाजियाबाद के पूर्व अध्यक्ष जिनमें राम अवतार गुप्ता, विजयपाल राठी, देवेन्द्र शर्मा, सुनील दत्त त्यागी (भगत जी), राकेश त्यागी (मकनपुर), अनिल पण्डित, राकेश त्यागी (काकडा) और योगेन्द्र कौशिक (राजू) द्वारा क्रमिक अनशन किया गया. सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि 29 अक्टूबर को निहत्थे अधिवक्ताओं पर कोर्ट रूम में बर्बरतापूर्ण किये गये लाठीचार्ज की घटना पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मौन रहते हुए दोषियों के खिलाफ आज तक कोई कठोर कार्रवाई ना किये जाने कारण बार एशोसिएशन गाजियाबाद, तहसील संघ गाजियाबाद और टैक्स बार एशोसिएशन गाजियाबाद के समस्त अधिवक्ता 20 नवंबर को विरोध दिवस के रूप में उपचुनाव का बहिष्कार करेगें.

16 नवंबर 2024 को बार एसोसिएशन गाजियाबाद द्वारा अधिवक्तागणों की महा पंचायत बुलाई गई थी. महापंचायत के दौरान प्रस्ताव पारित किया जिसमें जिला जज न्याय का बहिष्कार करते हुए अन्य न्यालयों में कार्य करने से संबंधित प्रस्ताव था. हालांकि कुछ घंटे बाद ही बात संगठन गाजियाबाद द्वारा प्रस्ताव को वापस ले लिया गया और हड़ताल को निरंतर आगे बढ़ने का निर्णय लिया गया.

बार एसोसिएशन गाजियाबाद ने रखी है 5 मांगे

  1. जिला जज गाजियाबाद का ट्रांसफर और निलंबन.
  2. दोषी पुलिसकर्मियों का निलंबन.
  3. वकीलों पर दर्ज मुकदमे वापस हों.
  4. लाठी चार्ज में घायल वकीलों को सहायता राशि दी जाए.
  5. दोषी पुलिस कर्मियों पर दर्ज हो एफआईआर.
Last Updated : 4 hours ago

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