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'बिहार में कहीं हंगामा हो रहा है तो उसमें घी डालना ही नेता प्रतिपक्ष का रह गया काम'- दिलीप जायसवाल का तंज - LATHICHARGE ON STUDENTS

बीपीएससी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर निशाना साधा.

Dilip Jaiswal
दिलीप जायसवाल. (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 6, 2024, 3:43 PM IST

पटनाः राजधानी पटना में बीपीएससी 70वीं परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन के विरोध में आयोग कार्यालय के बाहर छात्र प्रदर्शन कर रहे थे. पुलिस ने इन प्रदर्शनकारियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. इसके बाद राजनीति तेज हो गयी. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार से इस मामले का समाधान निकालने का अनुरोध किया था. तब चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं होता है तो आंदोलन होगा और आज शुक्रवार को आंदोलन हुआ. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने इस घटना के लिए नेता प्रतिपक्ष को जिम्मेवार ठहराया.

"नेता प्रतिपक्ष का तो एक ही काम रह गया है कि पता लगाना कि बिहार में कहीं हंगामा तो नहीं हो रहा है, उसमें जाकर घी डालना. विपक्ष का काम सिर्फ लोगों को भड़काना नहीं, सरकार को सुझाव देना भी है. जनता उनको पहचान गई."- दिलीप जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा

दिलीप जायसवाल. (ETV Bharat)

जनता ने नकार दियाः दिलीप जायसवाल ने बेलागंज उपचुनाव परिणाम का हवाला देते हुए तेजस्वी यादव को जनता द्वारा नकारे जाने वाली बात का प्रमाण दिया. उन्होंने कहा कि उपचुनाव में तेजस्वी यादव बेलागंज पहुंचे थे, जब उन्हें लगा कि हार जाएंगे तो अपने पिताजी को बुलावाया लेकिन बेलागंज में उपचुनाव का रिजल्ट क्या आया, यह सभी ने देखा है. जनता उन्हें पूरी तरह से नकार दिया है. जनता समझ चुकी है कि ये लोग झूठ-मूठ की राजनीति करते हैं.

अभ्यर्थियों को दी सलाहः भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का कहना था कि अभ्यर्थियों की जो मांग है उस पर गौर भी कर रही है. उनके साथ सहानुभूति भी रखती है. उन्होंने कहा कि जो भी करेगी सरकार करेगी. अभ्यर्थी को कोई दिक्कत है तो सरकार है. सरकार का काम है उनके हितों को सोचना और सरकार ऐसा ही करेगी. दिलीप जायसवाल ने एक बार फिर तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा 'उनका काम है सुबह-सुबह तबला और ढोलक बजाना.'

पिता के नाम के सहारे राजनीतिः दिलीप जायसवाल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हमारा और आपका बेटा नेता प्रतिपक्ष के इतना पढ़ा होता तो उसको चपरासी की नौकरी नहीं मिलती. जो आदमी स्वयं अपने जीवन में मौका मिलने पर नहीं पढ़ा लिखा वह क्या करेगा. दिलीप जायसवाल ने कहा कि तेजस्वी को अगर उनके पिता का सहारा नहीं मिला होता तो आज राजनीति में नहीं होते. पिता के नाम के सहारे हैं. दिलीप जायसवाल ने कहा कि हमलोगों ने तेजस्वी यादव का नाम 'फेलस्वी' रखा है.

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