उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

एक रुपये टोकन मनी पर निजी कंपनियों को सौंपी जाएगी करोड़ों की जमीन! ऊर्जा संगठन ने जताई आपत्ति - UPPCL NEWS

Uttar Pradesh Power Corporation: पूर्वांचल व दक्षिणांचल की पूरी जमीन एक रुपये टोकन मनी पर निजी घरानों को दी जाएगी.

ETV Bharat
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 11, 2024, 9:43 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के प्रस्ताव पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली एनर्जी टास्क फोर्स ने जिस मसौदे को अपनी मंजूरी दी है, उससे सबसे ज्यादा नुकसान उत्तर प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का होने वाला है. प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर लगभग 33,122 करोड़ सरप्लस निकल रहा है. दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम व पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में लगभग एक करोड़ 62 लाख उपभोक्ता हैं. इनका सरप्लस लगभग 16 हजार करोड़ के आसपास होगा. एनर्जी टास्क फोर्स के मसौदे में इसका अता पता नहीं है.

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा, कि एनर्जी टास्क फोर्स ने अपने मसौदे में सभी पहलुओं को छुआ है. यहां तक कि पहली बार ऐसा हो रहा है, कि पूर्वांचल व दक्षिणांचल की पूरी जमीन एक रुपये टोकन मनी पर निजी घरानों को दी जाएगी. जो उसको बेच नहीं सकते न ही उसका दूसरा उपयोग कर सकते हैं. यानी केवल बिजली के लिए ही उसका उपयोग कर सकते हैं. लेकिन, सवाल यह उठता है कि जब नेटवर्थ में जमीन की पूरी लागत नहीं जोडी गई है तो उस पर किराया निजी घरानों के लाभांश से लेने का प्रावधान क्यों नहीं बनाया गया?

एनर्जी टास्क फोर्स ने अपने मसौदे में इस बात की भी अनुमति दी है, कि टेंडर प्रपत्र जो निकाले जाएंगे उसके लिए पांच नई बनने वाली एसपीबी यानी कंपनियों के नाम भी बता दिए गए हैं. पहली कंपनी आगरा मथुरा विद्युत वितरण निगम लिमिटेड होगी. दूसरी कंपनी काशी विद्युत वितरण निगम लिमिटेड होगी. तीसरी कंपनी गोरखपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड होगी. चौथी कंपनी झांसी कानपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड होगी और पांचवी कंपनी प्रयागराज विद्युत वितरण निगम लिमिटेड होगी. ऐसे मसौदे को अनुमति दी गई है. ऐसे में सवाल है, कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल पर उपभोक्ताओं का जो लगभग 16000 करोड़ सरप्लस निकल रहा है, नई कंपनी बनने के बाद उसकी देनदारी किसके ऊपर रहेगी?

इसे भी पढ़ें -यूपीपीसीएल ने निजीकरण के जिस प्रस्ताव को दी मंजूरी; उस पर उठे गंभीर सवाल, CBI जांच की मांग

एनर्जी टास्क फोर्स के मसौदे में यह भी इंगित कर दिया गया है, कि जो नई कंपनी बनेगी उसकी बिजली दर विद्युत नियामक आयोग तय करेगा. लेकिन, सरप्लस के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है. जब पूर्वांचल व दक्षिणांचल का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा और कहीं भी किसी प्रपत्र में उपभोक्ताओं के सरप्लस की बात ही नहीं की जा रही है, तो इसका मतलब हुआ कि उपभोक्ताओं के साथ बडे धोखे की तैयारी की जा रही है.

अवधेश वर्मा का कहना है, कि एनर्जी टास्क फोर्स के एजेंट में नई बिजली कंपनियां जो निजी घरानों की बनेगी उन्हें राज्य सरकार की तरफ से सब्सिडी भी दी जाती रहेगी. ऐसा जिक्र किया गया है. उपभोक्ताओं का सर प्लस की बात न करने से ऐसा लगता है, कि उपभोक्ताओं से किसी को कोई लेना-देना नहीं है. सिर्फ निजी घरानों की चिंता है कि उनको सब्सिडी दिलाई जाए. उनको एक रुपये में जमीन दिलाई जाए. नेटवर्थ कम से कम दिखाई जाए. जब दोनों बिजली कंपनियों को लगभग आठ हजार करोड़ से नौ हजार करोड़ की राजकीय सब्सिडी ही दी जानी है तो फिर सरकारी क्षेत्र की पूर्वांचल व दक्षिणांचल को आगे आत्मनिर्भर बनाने में क्या दिक्कत है?

मसौदे में आरक्षण की व्यवस्था न होने पर जताई नाराजगी :उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन की केंद्रीय कोर कमेटी की बुधवार को फील्ड हॉस्टल कार्यालय में बैठक हुई. चिंता व्यक्त की गई, कि एनर्जी टास्क फोर्स की तरफ से पारित मसौदे में दलित व पिछड़े वर्गों सहित अन्य गरीब वर्ग के लिए लागू आरक्षण की व्यवस्था का कोई भी प्रावधान नहीं किया गया. संगठन के नेताओं ने इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि जमीन सरकार की, उपकरण सरकार का, लेकिन आरक्षण नहीं मिला. इस प्रकार से जिस मसौदे को मंजूरी दी गई है यह दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंताओं और कार्मिकों के साथ बडा धोखा है. जब सब कुछ सरकार का है. 49 परसेंट इक्विटी भी सरकार की होगी तो आरक्षण क्यों नहीं मिलेगा?

उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष केबी राम, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, महासचिव अनिल कुमार, सचिव आरपी केन, संगठन सचिव बिंदा प्रसाद, सुशील कुमार वर्मा, राम बुझारत और एसके विमल ने कहा कि जितने भी मसौदे गोपनीय तरीके से तैयार किए जा रहे हैं. इसका खुलासा होना बहुत जरूरी है. निजीकरण के फलस्वरुप आरक्षित वर्ग के अभियंता कार्मिकों के साथ जो अन्याय होने वाला है, वह बहुत ही चिंता का विषय है. लगातार संगठन ने शासन प्रशासन व उच्च स्तर पर अपनी आरक्षण की मांगों को सबके सामने रखा है. लेकिन, इसे कोई सुनने वाला नहीं है.

यह भी पढ़ें -UP के 3.5 करोड़ बिजली ग्राहकों को छूट, ये 17 काम GST फ्री, नया कनेक्शन लेने में भी योगी सरकार ने दी राहत

ABOUT THE AUTHOR

...view details