श्रीनगर:कोटद्वार के लाल बत्ती चौक का नाम अब बदल दिया गया है, अब इस चौक को तीलू रौतेली चौक के नाम से जाना जाएगा. इसकी जानकारी विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी ने दी. उन्होंने बताया कि तीलू रौतेली सबके लिए प्रेरणा स्वरूप है. उनकी जीवन गाथा सबको दृढ़ संकल्पित होकर देश के प्रति काम करने के लिए प्रेरणा देती है.
कोटद्वार में बनेगा घंटाघर, तीलू रौतेली चौक से जाना जाएगा लाल बत्ती चौराहा: उत्तराखंड की विधानसभा अध्यक्ष और कोटद्वार विधायक ऋतु खंडूड़ी भूषण ने बताया कि कोटद्वार विधानसभा में कुछ दिन पहले ही घंटाघर प्रस्तावित हुआ है. जिसके लिए आवश्यकता अनुसार चौक पर जमीन देखी जा रही है. उन्होंने बताया कि उनकी ओर से एनएच विभाग को अवगत कराया जाएगा कि लाल बत्ती चौराहे को तीलू रौतेली के नाम पर ही रखा जाए.
चौराहे के बीच में लगेगी तीलू रौतेली की मूर्ति:जो प्रतिमा तीलू रौतेली की साइड में लगी है, उसे भी बीच में लगाकर भव्य और सुंदर चौराहा बनाया जाए. विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि एक महिला होने के नाते उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी बनती है कि तीलू रौतेली चौक पर किसी भी तरह का कोई छेड़छाड़ ना किया जाए.
कौन थी तीलू रौतेली? तीलू रौतेली (तिलोत्तमा देवी) उत्तराखंड के गढ़वाल की एक ऐसी वीरांगना थीं, जो सिर्फ 15 वर्ष की उम्र में रणभूमि में कूद पड़ी थी. इतना ही नहीं 7 साल तक अपने दुश्मन राजाओं को कड़ी चुनौती दी थी. 22 वर्ष की आयु में 7 युद्ध लड़ने वाली तीलू रौतेली एक वीरांगना थी. तीलू रौतेली को भारत की रानी लक्ष्मीबाई, चांद बीबी, झलकारी बाई, बेगम हजरत महल की तरह देश विदेश में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है. उत्तराखंड में तीलू रौतेली के नाम महिलाओं को पुरस्कार से भी सम्मानित किया जाता है.
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