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अनिल बलूनी बोले- बागी नेताओं के लिए पार्टी के दरवाजे हमेशा के लिए बंद, जीत का किया दावा - NIKAY CHUNAV 2025

उत्तराखंड में निकाय चुनाव में पार्टी से टिकट ना मिलने कई नेता बागी होकर मैदान में हैं. जिसके बाद पार्टी सख्त एक्शन ले रही है.

BJP MP Anil Baluni
निकाय चुनाव में रैली में शामिल बीजेपी सांसद अनिल बलूनी (Photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 22, 2025, 9:28 AM IST

श्रीनगर: उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव का प्रचार थमने के साथ ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैंं. प्रचार का शोर थमने के बाद उम्मीदवार डोर टू डोर प्रचार के जरिए अपने पक्ष में समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं. इसी बीच भाजपा ने बागी नेताओं के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए बड़ा फैसला लिया है. पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि जो भी नेता भाजपा के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं, उनके लिए पार्टी के दरवाजे हमेशा के लिए बंद कर दिए गए हैं.

भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी और गढ़वाल से सांसद अनिल बलूनी ने इस पर कड़े शब्दों में बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा अनुशासन और संगठन के मूल्यों पर आधारित पार्टी है. जो नेता इन मूल्यों के विपरीत जाकर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, उन्हें किसी भी कीमत पर अब पार्टी में वापस नहीं लिया जाएगा. पार्टी से दगा करने वालों के लिए भाजपा में कोई स्थान नहीं है. उनके इस बयान से बागी नेताओं और उनके समर्थकों में खलबली मचा दी है. यह कदम न केवल अनुशासनहीनता पर सख्त संदेश देता है, बल्कि पार्टी के प्रति वफादारी को मजबूत करने का भी प्रयास है.

अनिल बलूनी ने कहा कि पार्टी को मजबूत और संगठित बनाए रखना ही उनकी प्राथमिकता है और ऐसे में बागी नेताओं के लिए भाजपा में कोई जगह नहीं होगी. भाजपा की यह नीति अनुशासन पर पार्टी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. नगर निकाय चुनाव में भाजपा का यह रुख पार्टी की साख को बनाए रखने और अनुशासन को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा के इस फैसले का चुनाव परिणामों पर क्या असर पड़ता है.
पढ़ें-रामनगर में अनिल बलूनी ने BJP प्रत्याशी के साथ निकाला रोड शो, जीत का किया दावा

श्रीनगर: उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव का प्रचार थमने के साथ ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैंं. प्रचार का शोर थमने के बाद उम्मीदवार डोर टू डोर प्रचार के जरिए अपने पक्ष में समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं. इसी बीच भाजपा ने बागी नेताओं के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए बड़ा फैसला लिया है. पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि जो भी नेता भाजपा के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं, उनके लिए पार्टी के दरवाजे हमेशा के लिए बंद कर दिए गए हैं.

भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी और गढ़वाल से सांसद अनिल बलूनी ने इस पर कड़े शब्दों में बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा अनुशासन और संगठन के मूल्यों पर आधारित पार्टी है. जो नेता इन मूल्यों के विपरीत जाकर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, उन्हें किसी भी कीमत पर अब पार्टी में वापस नहीं लिया जाएगा. पार्टी से दगा करने वालों के लिए भाजपा में कोई स्थान नहीं है. उनके इस बयान से बागी नेताओं और उनके समर्थकों में खलबली मचा दी है. यह कदम न केवल अनुशासनहीनता पर सख्त संदेश देता है, बल्कि पार्टी के प्रति वफादारी को मजबूत करने का भी प्रयास है.

अनिल बलूनी ने कहा कि पार्टी को मजबूत और संगठित बनाए रखना ही उनकी प्राथमिकता है और ऐसे में बागी नेताओं के लिए भाजपा में कोई जगह नहीं होगी. भाजपा की यह नीति अनुशासन पर पार्टी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. नगर निकाय चुनाव में भाजपा का यह रुख पार्टी की साख को बनाए रखने और अनुशासन को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा के इस फैसले का चुनाव परिणामों पर क्या असर पड़ता है.
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