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'श्री कृष्ण आ रहे हैं': भगवान के स्वागत के लिए तैयारियां अंतिम चरण में, ये रहेगी दर्शन व्यवस्था - Krishna Janmashtami 2024

भगवान श्री विष्णु के 8वें अवतार श्रीकृष्ण का प्राकट्योत्सव 26 अगस्त को जयपुर के आराध्य श्री गोविंद देव जी मंदिर में भी मनाया जाएगा. इसकी तैयारियां अंतिम चरण में चल रही है. पूरे मंदिर परिसर को 'बधाई है' की पताकाओं और बांदरवाल से सजाया गया है. विशेष आकर्षक रोशनी की गई है.

स्वागत के लिए तैयारियां अंतिम चरण में
स्वागत के लिए तैयारियां अंतिम चरण में (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 23, 2024, 2:16 PM IST

935 किलो पंचामृत से होगा जन्माभिषेक (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

जयपुर. जन्माष्टमी पर इस बार गोविंद देव जी मंदिर के मुख्य द्वार और निकास कुआं द्वार पर शहनाई वादन होगा. रात 12:00 बजे 31 तोपो की गर्जना के साथ भगवान का प्राकट्य होगा. वहीं पूरे दिन पुलिस प्रशासन के अलावा मंदिर में 3150 कार्यकर्ता व्यवस्थाएं संभालेंगे. इसके साथ ही दर्शन व्यवस्था, जन्माभिषेक, अगले दिन नंदोत्सव और शोभायात्रा की व्यवस्थाओं को भी अंतिम रूप दिया गया है. ठाकुर श्रीजी का 26 अगस्त को सुबह मंगला झांकी से पहले पूर्व पंचामृत अभिषेक होगा. ठाकुर श्रीजी को नवीन पीत वस्त्र (पीले) धारण करवाते हुए विशेष अलंकार धारण कराए जाएंगे. ठाकुर श्रीजी का विशेष फूलों का शृंगार किया जाएगा. मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि ठाकुर श्रीजी की पोशाक पीली रेशमी कपड़े में बनाई जा रही है, जिसमें राजस्थानी गोटा पत्ती का कार्य किया गया है. पोशाक बनाने में डेढ़ से दो महीने लगते हैं. जयपुर के कारीगर ही इस पोशाक को बनाते हैं. पोशाक में ठाकुर श्रीजी के बाल गोपाल स्वरूप के दर्शन होंगे.

नगर भ्रमण पर निकलेंगे भगवान (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

ये रहेगी दर्शन व्यवस्था : -

  • श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर सुबह मंगला झांकी से ही दर्शनार्थियों की दर्शन व्यवस्था शुरू हो जाएगी. पास धारक, आमजन प्रवेश बिना जूता चप्पल, आम जन प्रवेश जूता चप्पल वालों के लिए तीन अलग-अलग लाइनों की व्यवस्था की गई है. इन तीनों लाइनों से आकर दर्शनार्थी दर्शन लाभ प्राप्त कर सकेंगे.
  • जो लोग जलेबी चौक से आएंगे उनका निकास जय निवास बाग पूर्वी गेट से होगा.
  • जो दर्शनार्थ ब्रह्मपुरी, कंवर नगर की ओर से आएंगे वे चिंताहरण हनुमान जी मंदिर होते हुए जय निवास बाग पश्चिम द्वार से निकास करेंगे.

पढ़ें: 26 अगस्त को जन्माष्टमी, 27 को नंदोत्सव के बाद शोभा यात्रा, गोविंद देव जी पर ये रहेगा झांकियों का समय - Krishna Janmashtami

जन्माष्टमी पर ये रहेगा दर्शन का समय :-

  1. मंगला आरती : सुबह 4:30 से 6:45 बजे
  2. धूप आरती : सुबह 7:30 से 9:30 बजे
  3. शृंगार आरती : सुबह 9:45 से 11:30 बजे
  4. राजभोग आरती : सुबह 11:45 से दोपहर 1:30 बजे
  5. ग्वाल आरती : शाम 4 से 6:30 बजे
  6. संध्या आरती : शाम 6:45 से 8:30 बजे
  7. शयन आरती : रात 9:15 से 10:30 बजे
  8. मंगला आरती (27 अगस्त की) : रात 11 से 11:15 बजे
  9. तिथि पूजन : रात 12 बजे से 12:30 बजे तक

935 किलो पंचामृत से होगा जन्माभिषेक :26 अगस्त को रात 10 से 11 बजे तक गोविंद जी मिश्र श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा का पाठ करेंगे. रात 12 बजे 31 तोपों की सलामी होगी और विशेष रंगीन आतिशबाजी की जाएगी. रात 12 बजे गोविंद अभिषेक दर्शन खुलेंगे. इसमें 6 पंडित वेद पाठ करेंगे. श्री शालिग्राम पूजन एवं पांच द्रव्यों के पूजन के बाद ठाकुर श्रीजी का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा. अभिषेक के लिए 425 लीटर दूध, 365 दही, 11 किलो घी, 85 किलो बूरा, 11 किलो शहद का उपयोग किया जाएगा. दूध, दही, घी देसी नस्ल की गाय का ही होगा. अभिषेक के बाद ठाकुरजी को विशेष भोग अर्पण किया जाएगा. जिसमें पंजीरी लड्डू, खिरसा और रबड़ी कुल्लड़ का भोग शामिल है. अभिषेक के बाद सभी भक्तों में नि:शुल्क पंचामृत और पंजीरी वितरण जय निवास बाग में बने प्रसादी मंच से किया जाएगा.

यह रहेगा कार्यक्रम. (ETV bharat jaipur)

3150 कार्यकर्ता देंगे सेवाएं : जन्माष्टमी में लगभग 3000 कार्यकर्ता सुबह मंगला झांकी से अभिषेक पूर्ण होने तक निरंतर अपनी सेवा प्रदान करेंगे. इसके साथ करीबन 150 स्काउट भी इस व्यवस्था में रहेंगे. इन कार्यकर्ताओं में समाज के सभी वर्गों और प्रोफेशन के लोग शामिल होकर नि:शुल्क सेवाएं देंगे. सेवा के लिए अल्पकालीन प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.

पढ़ें: Special : घर में विराजे हैं लड्डू गोपाल तो इस तरह करें सेवा-पूजा, जन्माष्टमी पर करें ये विशेष कार्य - krishna Janmashtami 2024

प्रशासन का आग्रह कीमती सामान नहीं लाएं : दर्शनार्थियों को सुगमता से दर्शन हो सके इसके लिए 13 एलईडी की व्यवस्था की गई है. पुलिस प्रशासन की ओर से दर्शनार्थियों की सुरक्षा के लिए 8 से 10 मेटल डिटेक्टर लगाए जाएंगे. इसमें से होते हुए दर्शनार्थी मंदिर में प्रवेश करेंगे. मंदिर प्रशासन की ओर से दर्शनार्थियों की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से चिन्हित जगहों पर सीसीटीवी लगवाए गए हैं. सुरक्षा की दृष्टि को देखते हुए सभी दर्शनार्थियों से निवेदन किया गया है कि वो अपने साथ कीमती सामान जैसे लेडिज पर्स और अन्य सामान नहीं लाएं. प्रसाद, फल, मिठाई, नारियल, लैपटॉप, कैमरा का मंदिर में प्रवेश निषेध है. अगर इनमें से कुछ भी साथ लेकर आते हैं तो इन्हें मंदिर मुख्य प्रवेश द्वार पर जमा कराना होगा. मंदिर प्रशासन ने सभी दर्शनार्थियों से ये भी अपील भी की है कि वो मंदिर परिसर में भारतीय परिधान पहनकर प्रवेश करें. जूते-चप्पल जूता घर में खोलकर आएं और हेलमेट भी गाड़ी पर ही लगाकर आएं.

'श्री कृष्ण आ रहे हैं' (फाइल फोटो)

मातहत मंदिरों में होगा उत्सव : गोविंद देव जी के अधीन मंदिर श्री राधा माधवजी, नटवरजी, कुंज बिहारीजी, श्री गोपालजी नागा, श्री गोपालजी तालाब, श्री मुरली मनोहर जी, श्री गोपाल जी रोपाड़ा में जन्माष्टमी उत्सव बड़ी धूम-धाम से मनाया जाएगा.

27 अगस्त को रहेगा नंदोत्सव : श्री गोविंद देवजी मंदिर में 27 अगस्त को सुबह 9:15 बजे से नंदोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा. ठाकुर श्रीजी को केसरिया रंग की नवीन पोशाक धारण कराकर विभिन्न फूलों से मनोरम शृंगार किया जाएगा. विशेष अलंकार धारण करवाए जाएंगे. सुबह धूप झांकी खुलने पर ठाकुर श्रीजी का वेद मंत्रोच्चार के साथ अधिवास पूजन होगा. इसके बाद ठाकुर श्रीजी के नंदोत्सव की विशेष भोग झांकी के दर्शन होंगे. शृंगार झांकी में आरती के बाद तिल और यवदान पूजन होगा. उसके मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामीजी महाराज के सान्निध्य में नंदोत्सव मनाया जाएगा. मंदिर के जगमोहन में दर्शनार्थी नंद के आंनद भयो जय कन्हैया लाल की...कान्हा जन्म सुन आई यशोदा मैया दे दो बधाई...जैसे बधाइयां गाएंगे. जबकि मंदिर महंत कान्हा के प्रकटने पर कपड़े, फल, ट्रॉफी, बिस्किट , खिलौने की उछाल करेंगे.

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नगर भ्रमण पर निकलेंगे भगवान :27 अगस्त को शाम 4:30 बजे भगवान नगर भ्रमण पर निकलेंगे और श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे. ठाकुर श्रीजी की शोभायात्रा मंदिर प्रांगण से जयकारों के साथ रवाना होगी. मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामीजी महाराज ठाकुरजी की आरती कर शोभायात्रा को रवाना करेंगे. गाजे बाजे के साथ निकलने वाली शोभायात्रा में अनेक वैष्णव मंडल हरिनाम संकीर्तन करते और नृत्य करते हुए चलेंगे. शोभायात्रा जलेबी चौक, हवामहल बाजार, बड़ी चौपड़, जौहरी बाजार, बापू बाजार, चौड़ा रास्ता, त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़, चांदपोल बाजार, बगरू वालों का रास्ता होती हुई मंदिर श्री गोपीनाथ जी पहुंचेगी. शोभायात्रा मार्ग में अनेक विशिष्टजन मुख्य रथ में विराजित ठाकुरजी की आरती उतारेंगे. व्यापार मंडलों और विविध संस्थाओं की ओर से स्वागत द्वार बनाए जाएंगे.

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शोभायात्रा में ये होगा खास : शोभायात्रा में 22 झांकियां, हाथी, ऊंट, घोड़े, बैल का लवाजामा, कीर्तन मंडल और बैंड शामिल होंगे. सबसे आगे प्रथम पूज्य गणपति के प्रतीक के रूप में सजे धजे गजराज पर पंचरंगा निशान लिए सेवक रहेगा. बैलगाडी पर शहनाई वादन होगा. रेगिस्तान के जहाज ऊंट और शक्ति के प्रतीक घोड़े के काफिले के बाद बैंड वादक भजनों की स्वर लहरियां बिखेरते चलेंगे. इसके बाद देवी-देवताओं की सुंदर झांकियां होगी. गणेश जी झांकी, तिरुपति बालाजी मंदिर झांकी, सिंधी पंचायत कीर्तन मण्डल,श्री अकृर जी की झांकी, भगवान श्री राधाकृष्ण के स्वरूप की झांकी के बाद गोविन्द की गैय्या कीर्तन मण्डल और गौर गोविंद महिला मंडल,गोविन्द परिकर कीर्तन मण्डल के लोग हरिनाम कीर्तन करते चलेंगे. गायों की सेवा प्रेरणा देने के लिए पिंजरापोल गौशाला की ओर से गौसेवा की झांकी भी शोभायात्रा में रहेगी. जयपुर बंगाली मण्डल के कलाकार अपनी खास शैली में हरिनाम कीर्तन करते चलेंगे. ठाकुर श्री गोपीनाथ जी, ठाकुर श्री श्याम सुंदर जी, ठाकुर श्री राधा दामोदर जी, ठाकुर श्री विनोदीलालजी, ठाकुर श्री राधारमणजी, ठाकुर श्री मदनमोहनजी झांकी मानो संदेश देगी कि भगवान एक ही है बस नाम ही अलग-अलग है. प्रेमावतार षड्भुज महाप्रभु जी, स्व. गोस्वामीजी प्रद्युम्न कुमार देव गोस्वामी, ठाकुर श्रीजी प्रागट्यकर्ता रूप गोस्वामी जी की झांकी भक्तों की महिमा का बखान करेगी.

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