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श्री कृष्ण ने बुजुर्ग नंदबाबा और यशोदा मैया के लिए बृज में प्रकट किए थे चार धाम, जानें क्या है इनका महत्व - Krishna Janmashtami 2024 - KRISHNA JANMASHTAMI 2024

Char Dham of Brij : डीग के बृज क्षेत्र में चार धाम मौजूद हैं. मान्यता है कि जिनके दर्शन करने से उत्तराखंड के चार धाम के समान पुण्य मिलता है. कृष्ण जन्माष्टमी पर जानते हैं बृज के चार धाम का महत्व....

बृज क्षेत्र में चार धाम
बृज क्षेत्र में चार धाम (ETV Bharat Deeg)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 26, 2024, 1:24 PM IST

डीग के बृज क्षेत्र में चार धाम मौजूद (ETV Bharat Deeg)

डीग :बृज क्षेत्र के कण-कण में भगवान श्री कृष्ण के अवतार के प्रमाण मिलते हैं. आज पूरा बृज भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रंग में रंगा हुआ है. श्रद्धालु चार धाम की यात्रा के लिए उत्तराखंड जाते हैं, लेकिन भरतपुर से करीब 55 किमी दूर कामां बृज क्षेत्र में भी चार धाम मौजूद हैं. मान्यता है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को भी उत्तराखंड के चारधाम के समान पुण्य फल की प्राप्ति होती है. भगवान श्री कृष्ण ने अपने बुजुर्ग नंद बाबा और मां यशोदा के लिए बृज में ही चार धाम को प्रकट कर दिया था.

ये है मान्यता : पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि द्वापर युग में नंद बाबा और मां यशोदा को भगवान श्री कृष्ण पुत्र के रूप में प्राप्त हुए. नंद बाबा और मां यशोदा ने मन्नत मांगी थी कि जब उनका लल्ला कृष्ण बड़े हो जाएंगे तो वो चारधाम की यात्रा पर जाएंगे. जब भगवान श्री कृष्णा बड़े हो गए, तो नंद बाबा और माता यशोदा ने भगवान श्री कृष्ण से चार धाम की यात्रा पर जाने की इच्छा जताई.

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डीग जिले के कामा क्षेत्र में प्रकट किया 4 धाम : नंद बाबा और माता यशोदा की चार धाम की यात्रा की बात सुनकर भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें बुजुर्गावस्था में इतनी कष्टकारी यात्रा करने से मना किया, लेकिन वो अपनी जिद पर अड़े रहे. इस पर भगवान श्री कृष्ण ने योग माया से आह्वान किया और डीग जिले के कामा क्षेत्र में चार धाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ, लक्ष्मण झूला और नीलकंठ महादेव को प्रकट कर दिया.

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एक समान मिलता है पुण्य : किवदंती है कि चारों धामों के प्रकट होने के बाद पूरे बृज के लोगों ने चार धाम के दर्शन किए. इतना ही नहीं सभी देवी देवता भी मानव रूप धारण कर चारों धाम के दर्शन करने के लिए बृज में पहुंचे. जोगमाया ने अपनी योग शक्ति से बृज में ही उत्तराखंड के चार धाम जैसा मनोरम दृश्य बना दिया. आज भी बृज के चार धाम में दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. मान्यता है कि जो बुजुर्ग उत्तराखंड के चार धाम की यात्रा नहीं कर पाते, यदि वो बृज के चार धाम की यात्रा कर लें, तो उन्हें उसी के समान पुण्य मिलता है.

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