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दाल मिल इकाइयों के समर्थन में बंद रही बीकानेर सहित कई जगह कृषि मंडियां, करोड़ों का कारोबार प्रभावित

आयातित कृषि जिंस के कच्चे माल पर कृषि मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क लगाने के विरोध में मंडियां बंद रही.

Krishi Mandi Remained Closed
बीकानेर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करते व्यापारी (ETV Bharat Bikaner)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 14 hours ago

बीकानेर:प्रदेश से बाहर अन्य राज्यों से आयातित कृषि जिंस के कच्चे माल पर कृषि मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क लगाए जाने के फैसले के विरोध में बुधवार को प्रदेशभर में संचालित दाल और मैदा मिल प्रोसेसिंग यूनिट पूरी तरह से बंद रही. दाल मिलों के बंद के आह्वान को बीकानेर सहित करीब चालीस मंडियों में कामकाज बंद रहा. इस दौरान मंडी में बिक्री के लिए आई फसलों की बोली नहीं लगी. सरकार के निर्णय को अव्यावहारिक बताते हुए व्यापारियों ने बुधवार को शाम को जिला कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा.

राजस्थान दाल मिल महासंघ के प्रदेश महासचिव जयकिशन अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश भर में सारी दाल और मैदा प्रोसेसिंग यूनिट बंद रही. वहीं बीकानेर में अनाज मंडी के साथ प्रदेश की करीब 40 मंडिया बंद रही. बीकानेर में ग्वार गम मिल, तेल मिल जैसी इकाइयां भी बंद रही. बीकानेर में मूंगफली की बंपर फसल की आवक का समय है. बावजूद उसके मंडी में कामकाज नहीं हुआ और बीकानेर में करीब कुल मिलाकर 100 करोड़ का कारोबार एक दिन में प्रभावित हुआ.

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प्रदेश में 500 करोड़ का कारोबार प्रभावित:उन्होंने बताया कि पूरे राजस्थान में करीब 500 करोड़ से ज्यादा का कारोबार प्रभावित हुआ. अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में करीब 466 दाल प्रोसेसिंग इकाइयां कार्यरत हैं. इनका उत्पादन पूरे वर्ष निर्बाध रूप से चलता है. उन्होंने कहा कि दाल मिल उत्पादन के लिए केवल प्रदेश की मंडियों और व्यापारियों पर निर्भर नहीं रह सकती. इसलिए जरूरत के हिसाब से दूसरे राज्यों से कच्चा माल आयात करना पड़ता है, लेकिन जब राजस्थान में यह माल आता है तो सरकार को कृषक कल्याण और मंडी टैक्स भी चुकाना पड़ता है, जबकि इस पर व्यापारी को मंडी समिति से किसी तरह की कोई सेवा नहीं मिलती. ऐसे में सरकार का यह शुल्क व्यापारियों के लिए दोहरा भार है.

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