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अल्मोड़ा में एक्सपायरी डेट का कीटनाशक अधिक दाम पर बेचने का आरोप, RTI एक्टिविस्ट की शिकायत पर जांच शुरू

कीटनाशक के रैपर पर पुरानी एक्सपायरी डेट छिपाकर नई डालने का आरोप, दाम भी दोगुने कर दिए, जांच कमेटी गठित

ALMORA EXPIRED PESTICIDES SALE
एक्सपायरी डेट की कीटनाशक की बिक्री! (Photo courtesy- Farmer Horticulture Entrepreneur Organization)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 4 hours ago

Updated : 3 hours ago

अल्मोड़ा: जिले में किसानों को एक्सपायरी डेट का कीटनाशक अधिक दामों पर बेचने का मामला सामने आया है. कृषक बागवानी उद्यमी संगठन के महासचिव और आरटीआई एक्टिविस्ट दीपक करकेती ने अल्मोड़ा जिले में एमआरपी से ज्यादा दामों पर किसानों को दिए जा रहे एक्सपायर कीटनाशक को लेकर बड़ा खुलासा किया है. मामला उछलने के बाद ज्वाइंट डायरेक्टर कुमाऊं पीके सिंह की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठित की गई है.

अल्मोड़ा में बेचा गया एक्सपायरी डेट का कीटनाशक: उत्तराखंड में किसानों के साथ हो रहे हैं धोखे को लेकर एक बड़ा मामला सामने आया है. अल्मोड़ा जिले में कथित रूप से कृषि विभाग द्वारा सामान्य से अधिक दामों पर 5 साल पहले एक्सपायर हो चुके कीटनाशकों को बेचा जा रहा है. गुरुवार को इस संबंध में उत्तराखंड कृषक बागवानी उद्यमी संगठन ने कृषि निदेशक को पत्र लिखकर इस पूरे घोटाले की शिकायत की है. साथ ही उन्होंने मौके से तमाम एक्सपायर कीटनाशक भी बरामद किए हैं, जिनको लेकर शिकायत की गई है.

कृषक बागवानी उद्यमी संगठन ने लगाया एक्सपायरी कीटनाशक ज्यादा दाम में बेचने का आरोप (VIDEO courtesy- Farmer Horticulture Entrepreneur Organization)

कृषक बागवानी उद्यमी संगठन ने लगाया आरोप: उत्तराखंड कृषक बागवानी उद्यमी संगठन ने उत्तराखंड कृषि निदेशक को पत्र लिखते हुए अवगत कराया है कि कृषि विभाग अल्मोड़ा के अधिकारियों द्वारा न्याय पंचायत चौनलिया की ग्रामसभा निगराली में एक्सपायरी डेट के कीटनाशक बांट दिए गए हैं. शिकायत पत्र में लिखा है कि तिथि निकल जाने के बाद दी जाने वाली दवा कार्बेंडाजिम और मैनकोजेब का मिश्रण है, जिसे कृषि विभाग अल्मोड़ा द्वारा एक ऑर्गेनिक्स प्राइवेट लिमिटेड फर्म के माध्यम से किसानों में वितरित कर दिया गया.

कृषक बागवानी उद्यमी संगठन ने बड़ा घोटाला बताया: एक्सपायर हुए कीटनाशक दवाओं के वितरण जिसमें की वास्तविक दर 45 रुपए/पैकेट (100ग्राम) है, रैपर लगाकर दर बढ़ाकर 85 रुपए/पैकेट(100ग्राम) कर दिया गया है. किसानों को हजारों ऐसे पैकेट बांटे गए हैं, जो बहुत बड़ा घोटाला है.

संस्था द्वारा जारी किए गए फुटेज में एक्सपायर हुए कीटनाशक दवाओं के वितरण जिसमें कि

  • वास्तविक Date of mfg - 2017
  • वास्तविक Date of Expiry - 2019
  • इसको रैपर लगाकर बदलते हुए
  • Date of mfg - 2023
  • और Date of Expiry - 2025
  • करके Liquidate करते हुए उत्तराखंड के किसानों को बेच दिया गया है.

कृषक बागवानी उद्यमी संगठन ने जब्त किए एक्सपायरी डेट के पैकेट: उत्तराखंड कृषक बागवानी उद्यमी संगठन का आरोप है कि कृषि विभाग और उपरोक्त फर्म के द्वारा जहां उत्तराखंड सरकार को वित्तीय नुकसान पहुंचाया गया है, वहीं किसानों के साथ भी धोखाधड़ी की गई है. संगठन के महासचिव दीपक करगेती ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा पुरानी तिथि की दवाइयों के रैपर बदलकर (liquidate करते हुए) न्यायपंचायत चौनलिया, ग्राम सभा निगराली, जिला अल्मोड़ा में वितरित कर दिया गया. इनके पैकेट ग्राम सभा निगरालय में मेरे द्वारा स्वयं जाकर जब्त किए गए हैं.

कृषक बागवानी उद्यमी संगठन का जांच की मांग वाला शिकायती पत्र (Photo courtesy- Farmer Horticulture Entrepreneur Organization)

सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग: उत्तराखंड कृषक बागवानी उद्यमी संगठन ने धोखाधड़ी की सुसंगत धाराओं में कृषि विभाग तथा उक्त फर्म के खिलाफ FRI दर्ज करने की मांग की है. FIR ना दर्ज होने की स्थिति में उच्च न्यायालय जाने के चेतावनी दी गई है. संगठन ने कहा कि शिकायती पत्र के साथ कुछ फोटो वीडियो भी अटैक किये गए हैं.

एग्रीकल्चर के एडिशनल डायरेक्टर ने बिठाई जांच: वहीं इस पूरे मामले पर एडिशनल डायरेक्टर एग्रीकल्चर, उत्तराखंड दिनेश कुमार से भी ईटीवी भारत ने बात की. उन्होंने बताया कि जांच कमेटी गठित कर दी गई है.

'इस पूरे मामले पर अल्मोड़ा के जिला कृषि अधिकारी विनोद शर्मा से आख्या मांगी गई है. ज्वाइंट डायरेक्टर कुमाऊं पीके सिंह की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी भी गठित की गई है. फौरी तौर पर उनके पास जो सूचना आ रही है, उसमें बताया जा रहा है कि कृषि विभाग द्वारा पिछले साल सवा दो लाख का 500 किलो कीटनाशक खरीदा गया था. इसको Gem पोर्टल से खरीदा गया था, जिसे एक्सपायर बताया जा रहा है. अभी इस पूरे मामले की तहकीकात चल रही है. यदि इस मामले में कोई दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.'
-दिनेश कुमार, एडिशनल डायरेक्टर, एग्रीकल्चर, उत्तराखंड-

कार्बेंडाजिम क्या है? कार्बेंडाजिम एक कवकनाशी है. इसका प्रयोग कृषि उपज में फंगल रोगों के नियंत्रण में किया जाता है. यह एक परंपरागत कवकनाशी है. यह पौधे के ऊतकों में अवशोषित होकर फफूंद की कोशिका के विभाजन को रोक देता है. कार्बेंडाजिम को सीबीजेड (CBZ) के नाम से भी जाना जाता है. इसका इस्तेमाल अनाज, फल, सब्जियों, मूंगफली, सोयाबीन, तम्बाकू, कपास, चुकंदर, मशरूम और सजावटी पौधों पर लगने वाले कवक को मारने और नियंत्रित करने के लिए किया जाता है.

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