पटना: बिहार में विधानसभा के चार सीटों के लिए कल 13 नवंबर को उपचुनावहोना है. इमामगंज, तरारी, बेलागंज और रामगढ़ विधानसभा के लिए कल मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इन चार सीटों में गया के बेलागंज विधानसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है. एनडीए के सामने राष्ट्रीय जनता दल के 25 साल पुराने किले को ध्वस्त करने की चुनौती है.
RJD के सामने गढ़ बचाने की चुनौती!: बेलागंज विधानसभा राजद के लिए कितना महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चार सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव में सिर्फ एक सीट पर लालू प्रसाद यादव को प्रचार के लिए उतरना पड़ा. लालू प्रसाद यादव के सबसे भरोसेमंद लोगों में सुरेंद्र प्रसाद यादव की गिनती होती है. इस सीट पर सुरेंद्र यादव आठ बार विधायक चुने जा चुके हैं.
मुस्लिम और यादव वोटों में सेंधमारी की आशंका:इस बार आरजेडी को इस बात का एहसास हो रहा है कि उनके परंपरागत मुस्लिम और यादव वोटों में सेंधमारी हो सकती है. जदयू ने मनोरमा देवी को टिकट देकर यादव वोट बैंक में सेंधमारी करने का प्रयास किया है तो प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने अल्पसंख्यक चेहरे को प्रत्याशी बनाकर मुस्लिम वोटरों में सेंध लगाने की तैयारी की है.
बेलागंज में लालू ने किया प्रचार: इसीलिए तेजस्वी यादव ने बेलागंज में कई चुनावी सभा को संबोधित किया. वोटों के बिखराव को देखते हुए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने खुद बेलागंज में जाकर चुनाव प्रचार करने का फैसला किया और सोमवार को उन्होंने बेलागंज के मतदाताओं से राजद के पक्ष में मतदान करने की अपील की. उनके निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहे.
ओसामा शहाब से भी कराया गया प्रचार: बिहार की राजनीति में मोहम्मद शहाबुद्दीन का एक अपना दबदबा था. राजद के संस्थापक सदस्यों में उनकी गिनती होती थी और वह राजद के बड़े अल्पसंख्यक चेहरा थे. चार बार सिवान से सांसद चुने गए शहाबुद्दीन का निधन होने के बाद उनके परिवार की दूरी आरजेडी से धीरे-धीरे बढ़ने लगी.
मुस्लिम वोटरों को एकजुट रखने की कोशिश: कुछ दिन पहले शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब और पुत्र बेटे ओसामा शहाब ने राजद की सदस्यता ली. खुद लालू यादव ने दोनों को राजद की सदस्यता दिलवाई. मुस्लिम वोटो में बिखराव ना हो इसीलिए मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब को वहां पर प्रचार के लिए उतरना पड़ा. उनकी चुनावी सभा में अल्पसंख्यक वोटरों के बीच में ही मारपीट की घटना सामने आई.
राजद का सबसे मजबूत किला: बेलागंज विधानसभा आरजेडी का सबसे मजबूत गढ़ रहा है. 1995 से लगातार सुरेंद्र यादव यहां से विधायक बनते रहे हैं. यही कारण है कि बिहार में विधानसभा के उपचुनाव में सबकी नजर बेलागंज विधानसभा सीट पर टिकी हैं. बेलागंज के तत्कालीन विधायक सुरेंद्र यादव जहानाबाद से सांसद बन चुके हैं और अब सुरेंद्र यादव ने अपनी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी अपने पुत्र विश्वनाथ यादव के कंधों पर है.
JDU से मनोरमा देवी ठोंक रही ताल : बेलागंज विधानसभा सीट पर जनता दल यूनाइटेड ने पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी को मैदान में उतारा है. मनोरमा देवी बाहुबली नेता बिंदी यादव की पत्नी हैं और उनके पुत्र रॉकी यादव रोडरेज कांड के दौरान सुर्खियों में आए थे. साइड नहीं देने के कारण विपिन सचदेवा नाम के लड़के को बीच सड़क पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और इसका आरोप मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव पर लगा था, मामले में वह बहुत दिनों तक जेल में थे.