नई दिल्ली/गाजियाबाद:हाइपरटेंशन आजकल लोगों में आम बीमारी होती जा रही है. भागदौड़ भरी जिंदगी, व्यस्त दिनचर्या, अनहेल्दी डाइट और तनाव आदि से हर साल लोग इससे ग्रसित हो रहे हैं. इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन दिवस के रूप में मनाया जाता है. मौजूदा समय की बात करें तो बड़ी संख्या में लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बीते दो दशकों में हाइपरटेंशन के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है.
न्यूरोसर्जन डॉ. मनीष मिश्रा ने बताया कि हाइपरटेंशन की समस्या होने के पीछे कई कारण होते हैं. परिवार में आनुवंशिक प्रवृतियां, जीवन में तनाव, खान-पान आदि फैक्टर हाइपरटेंशन के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार होते हैं. यदि कोई व्यक्ति डायबिटिक है तो उसके हाइपरटेंशन से ग्रसित होने की संभावना बढ़ जाती है. वहीं जो लोग खानपान में फास्ट फूड का अधिक सेवन करते हैं, उनको हाइपरटेंशन होने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है.
उन्होंने बताया कि घबराहट होना, सिर में दोनों तरफ दर्द होना आदि हाइपरटेंशन प्रमुख लक्षण हैं. यदि शुरुआत में ही व्यक्ति में इस बीमारी का पता चल जाए तो इसको ठीक करना ज्यादा मुश्किल नहीं होता. वहीं, लास्ट स्टेज में हाइपरटेंशन का पता चलने से इससे ठीक होने में काफी वक्त लगता है. हालांकि अगर हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाया जाए तो हाइपरटेंशन होने के खतरे को काफी हद तक काम किया जा सकता है.
व्यायाम: प्रतिदिन 30 मिनट और हफ्ते में कम से कम डेढ़ सौ मिनट व्यायाम जरूर करें. साथ ही घर में योगा आदि भी कर सकते हैं.
डिहाइड्रेशन से बचें:पानी की कमी के चलते हाइपरटेंशन का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए शरीर को हाइड्रेट रखें. नियमित रूप से पानी पिएं. साथ ही अन्य तरल पदार्थ जैसे दूध, छाछ, नारियल पानी आदि का सेवन करें.
सब्जियों और फलों का सेवन: हरी सब्जियां और फलों की मात्रा को डाइट में बढ़ाएं. खाने के साथ सलाद जरूर खाएं.