नई दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के 100वें दीक्षांत समारोह में शनिवार को एक लाख 38 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की गईं. इस बार के दीक्षांत समारोह में गाउन को छोड़कर भारतीय परिधान अंगवस्त्र को चुना गया. सभी छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और डीयू के अधिकारियों के लिए अलग-अलग रंग के अंगवस्त्र बनवाए गए थे. रंग-बिरंगे अंगवस्त्र पहने हुए छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के बहुउद्देशीय हॉल में एक आकर्षक तस्वीर नजर आ रही थी.
भारतीय परिधान में डिग्री हासिल करने को लेकर छात्र छात्राओं ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए. डीयू के हिंदी विभाग से पीएचडी की डिग्री प्राप्त करने वाले अनुराग सिंह ने कहा 100वें दीक्षांत समारोह में डिग्री मिलने का अवसर बहुत सुखद है. इस बार अंग्रेजों की गाउन की परंपरा को छोड़कर भारतीय परिधान अंग वस्त्र में डिग्री मिली, यह भी अच्छी परंपरा की शुरूआत है. आखिर कब तक अपनी शिक्षा को एक औपनिवेशिक गुलामी की तरह जीते रहें. अब हम अपनी शिक्षा पद्धति में अपनी चीजों को शामिल कर रहे हैं तो इसमें किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए.
बीएससी ऑनर्स माइक्रोबायोलाजी में गोल्ड मेडल व डिग्री प्राप्त करने वाली छात्रा ज्योत्सना बिडारिया ने कहा कि आज डिग्री लेने पर बहुत अच्छा लग रहा है. गाउन की जगह आज पीले रंग का यह अंगवस्त्र मिला है. यह गाउन से काफी अच्छा लग रहा है. भारतीय परिधानों में एक अलग ही आकर्षण है. बता दें कि 1922 में डीयू की स्थापना के बाद 1923 में पहला दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया था.