शिवकुमार शर्मा, ज्योतिषाचार्य नई दिल्ली:चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पापमोचनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. चैत्र नवरात्रि से पहले पड़ने वाली यह एकादशी पर व्रत करने से कई जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है. यही वजह है कि इसे पापमोचनी एकादशी कहा गया है. इस बार 5 अप्रैल, 2024 इस एकादशी का व्रत रखा जाएगा. आइए जानते हैं, मुहूर्त व पूजा विधि. ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा ने बताया कि व्यक्ति से जाने-अनजाने में कई तरह के पाप होते हैं. इनसे मुक्ति के लिए पापमोचनी एकादशी का व्रत करना चाहिए. इस दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है.
एकादशी व्रत तिथि प्रारंभ व समाप्ति
चैत्र कृष्ण एकादशी तिथि प्रारंभ: गुरुवार, 4 अप्रैल 2024 को शाम 04:14 बजे से शुरू
चैत्र कृष्ण एकादशी तिथि समाप्त: शुक्रवात, 5 अप्रैल 2024 को दोपहर 1:24 बजे पर समाप्त
उदया तिथि के अनुसार 5 अप्रैल को एकदशी का व्रत रखा जाएगा.
व्रत के पारण शनिवार, 6 अप्रैल को सुबह 6:05 बजे से 8:37 बजे तक किया जा सकेगा.
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पूजन विधि:इस दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान कर मंदिर की साफ-सफाई करें. इसके बाद चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा की स्थापना करें और व्रत का संकल्प लें. फिर उन्हें पुष्प, फल, मिष्ठान आदि का भोग लगाएं और धूप-दीप जलाएं. इस दिन विष्णु चालीसा या विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें और आरती कर परिवार में प्रसाद वितरण करें. साथ ही किसी ब्राह्मण को दान अवश्य दें. मान्यता है कि इस दिन दान करने से गो-दान का पुण्य प्राप्त होता है. और तो और घर में आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है और संपन्नता का वास होता है.
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