चंडीगढ़: हरियाणा की सियासत में इन दिनों जिस शख्सियत को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा है वो हैं कांग्रेस छोड़कर हाल में बीजेपी में शामिल हुईं पूर्व मंत्री किरण चौधरी. किरण चौधरी करीब चार दशक तक कांग्रेस के साथ रहीं. किरण चौधरी के साथ उनकी बेटी श्रुति चौधरी ने भी बीजेपी का दाम थामा है. बीजेपी में शामिल हुईं किरण चौधरी से ईटीवी भारत ने बातचीत की. ईटीवी भारत से बातचीत में किरण चौधरी ने नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान सहित बड़े प्रमुख नेताओं पर निशाना साधा.
सवाल- आप बीजेपी में शामिल होने के बाद बीजेपी की पहली बड़ी बैठक में शिरकत कर चुकीं हैं. कांग्रेस से बीजेपी में आने के बाद खुद को कैसे देखती हैं.
जवाब- मुझे बड़ा सहज महसूस हो रहा है. बिल्कुल ऐसे नहीं लगा कि किसी अनजान जगह में आ गई हूं. क्योंकि जिस मान सम्मान के साथ मुझे लाया गया है, सारे के सारे कार्यकर्ताओं, चाहे आरआरएस के हों या बीजेपी के, सभी ने जिस तरह मेरा स्वागत किया है, तो मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैं अपने घर में ही हूं. में सोच भी नहीं सकती थी कि पूर्व सीएम मनोहर लाल, सीएम नायब सैनी और पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इतना सम्मान देगा.
सवाल- बीजेपी संगठन की पार्टी है, जबकि हरियाणा कांग्रेस एक दशक से संगठन का इंतजार कर रही है, क्या कहेंगी?
जवाब- हरियाणा कांग्रेस अब वेंटिलेटर पर आ गई है. कोई संगठन नहीं है. सब मनमर्जी है. मनमर्जी इस तरह की है कि जो हमारे प्रतिद्वंदी हैं उनको किस तरह से खत्म किया जाए. जब एक दूसरे को खत्म करने आप लग जाते हैं तो आपकी बढ़ोतरी कभी हो ही नहीं सकती. संगठन कभी भी नहीं बना पाए क्योंकि आज के दिन जो पदों पर बैठे हैं ये उनके कारण हुआ है. क्योंकि वह चाहते ही नहीं है कि संगठन बने.
मसलन अगर अब इनका संगठन बनता है तो इनके लिए राह आसान नहीं होगी. क्योंकि हर एक से कुछ ना कुछ वादा किया हुआ है. वो जो बना गया ठीक है, जो नहीं बना वो फिर दूसरी कार्रवाई शुरू करेगा. इसी तरह इन्होंने एमएलए के लिए किया है, ऐसे लोगों को पार्टी में वापस ले लिए हैं जो कांग्रेस के खिलाफ लड़े थे. कांग्रेस के खिलाफ जिन्होंने काम किया था. इन्होंने ही उनको चुनाव लड़वाया, अब उनको वापस ले लिया. ऐसे में कांग्रेस पार्टी कैसे आगे बढ़ सकती है.
सवाल - भूपेंद्र हुड्डा कहते हैं इतने नेताओं को शामिल कर लिया. क्या वह आने वाले विधानसभा चुनाव में मुसीबत खड़ी करेंगे?
जवाब- निश्चित तौर पर. इन्होंने खुद उनको निर्दलीय चुनाव लड़वाया, अब उनको वापस कर लिया. जिन्होंने कांग्रेस के खिलाफ काम किया. इनके बेटे ने जो हर जगह जाकर पांच-पांच उम्मीदवार तैयार किए हैं, टिकट तो एक को मिलेगी, बाकी जो चार हैं इधर-उधर भागेंगे. क्योंकि उनकी महत्वकांक्षाएं आपने बढ़ा दी है. वे फिर इनको गली देंगे क्योंकि इन्होंने वादा किया है.
सवाल - जब कांग्रेस में इतना कुछ चल रहा है, तो क्या आपने हाईकमान से बात की?
जवाब- मैने स्पष्ट तरीके से कहा. मैं बेबाक तरीके से अपनी बात करती हूं. मैंने उस समय कह दिया था कि उम्मीदवार का बहुत गलत तरीके से चयन हुआ है. यह उम्मीदवार सही तरीके से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. जो चुनाव लड़ता है वो उम्मीदवार सबके सामने हाथ जोड़ता फिरता है. यह उम्मीदवार (यानी राव दान सिंह) तो ऐसे थे जो पूछ ही नहीं रहे थे. नतीजा ये हुआ कि हम तो कुमारी सैलजा जी के प्रचार में जुट गए. भारी मतों से वे जीतकर आई हैं. जो उम्मीदवार अपने ही विधानसभा क्षेत्र जहां से हारे, अपने बूथ से हारे, अपने जिले से हारे, अपने मामा के गांव से हारे, तो आप उनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं. ये तो हमारे क्षेत्र के लोगों ने उनको भारी संख्या में वोट किया, नहीं तो उनकी जमानत जब्त हो जाती.
सवाल- लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर, आप, कुमारी सैलजा और कैप्टन अजय यादव सवाल उठाते रहे हैं, क्या ये बात हाईकमान को पता नहीं थी. क्योंकि हुड्डा जी कहते हैं टिकट देना हाईकमान का काम है?
जवाब- नहीं यह झूठ बोलते हैं. हाईकमान के सामने बहुत सारी बातें रखी गई थी. हाईकमान ने भी रखी थी. लेकिन ये षडयंत्र करते हैं. जिस तरह की बातें करते हैं, गारंटी दी, नीचे जाकर लेट गए. कई तरह की बातें हाईकमान के सामने रखी. दबाव की राजनीति के तहत ब्लैकमेल की राजनीति करते हैं. वह करके इन्होंने अपनी मनमर्जी की. क्योंकि ये चाहते थे कि सिर्फ एक सीट कांग्रेस को मिले.