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21 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रही नर्स, इस तरह आरोपियों के चंगुल से छूटी

खंडवा जिला अस्पताल में तैनात नर्स हुई डिजिटल अरेस्ट का शिकार, ठगों के जाल में फंसी पीड़िता ने सुनाई आपबीती

KHANDWA NURSE CHEATED 50000 RS
खंडवा जिला अस्पताल में तैनात नर्स हुई डिजिटल अरेस्ट का शिकार (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 11, 2024, 8:19 AM IST

खंडवा: देश भर में डिजिटल अरेस्ट के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला खंडवा से भी सामने आया है, जहां जिला अस्पताल में तैनात एक नर्स को एक-दो नहीं बल्कि पूरे 21 घंटों तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया. ड्रग्स की सप्लाई और तस्करी में नाम आने के नाम पर नर्स को डिजिटल अरेस्ट कर ठगने की कोशिश की गई. 21 घंटों तक न पानी पीने जाने दिया और न किसी से बात करने दी. इस दौरान कैमरे में नजर आई दूसरी युवती से 50 हजार रुपए भी ठग ​लिए. नर्स ने इस मामले की शिकायत एसपी ऑफिस की साइबर शाखा में की है. खंडवा में अब तक 5 डॉक्टर्स और 2 नर्स इस तरह के मामलों की शिकायत खंडवा पुलिस से कर चुके हैं.

ड्रग्स तस्करी में नाम जोड़कर पीड़िता को डराया

इस घटना को लेकर पीड़ित नर्स कंचन उईके ने बताया, '' शुक्रवार दोपहर करीब 1 बजे मैं अपने कमरे में ही थी. इसी बीच मोबाइल पर एक नंबर से एक कॉल आया. उसने बातचीत के बाद दूसरे नंबर से वीडियो कॉल किया. आरोपियों ने डराते हुए कहा कि आपके नाम से भेजा हुआ एक पार्सल ड्रग माफिया राजेश गोयल के नाम से जा रहा था, जिसे पुलिस ने जब्त किया है. उस पार्सल में एक लैपटाप, 6 मोबाइल, 4 आधार कार्ड, 5 पासपोर्ट सहित 150 ग्राम ड्रग्स बरामद हुए हैं. इसलिए हमने आपको डिजिटल अरेस्ट किया है और अब आपके ऑनलाइन बयान दर्ज किए जाएंगे.''

जानकारी देती हुई पीड़ित नर्स कंचन उईके (ETV Bharat)

डिजिटल अरेस्ट करने का वारंट भी किया शेयर

इतना सुनते ही नर्स काफी घबरा गई, जिसका फायदा उठाकर वीडियो कॉल करने वाले शख्स ने उसे बताया कि अब आपसे हमारे अधिकारी डीएसपी राजेंद्र पाल राजपूत पूछताछ करेंगे. इसके फौरन बाद ही एक और नए नंबर से कॉल आया, जिसमें उसने कहा कि अब आपके खिलाफ पुलिस कार्रवाई होगी. साथ ही ये भी कहा गया कि अब आप मोबाइल के सामने से नहीं हट सकती. जो भी काम करना होगा वह सब वीडियो कॉल पर मोबाइल स्क्रीन के सामने ही करना होगा. उन्होंने पीड़िता से यह भी कहा कि अब तुम किसी से बात नहीं कर सकती और यदि इस बीच किसी का कॉल आए भी तो मोबाइल की स्क्रीन शेयर करना होगा. साइबर ठग महाराष्ट्र पुलिस की वर्दी में वीडियो कॉल पर बात कर रहे थे और उन्होंने पीड़िता के नंबर पर डिजिटल अरेस्ट करने का वारंट भी डाला था.

नर्स की दोस्त से ठगे 50 हजार रुपए

पीड़िता के मुताबिक ठगों ने इसके बाद उससे पूछताछ शुरू की और बैंक डिटेल लेते हुए पूछा कि खाते में कितने पैसे हैं. इस दौरान कंचन का पता लगाने के लिए उसकी एक दोस्त आई तो ठगों ने उस पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि तुम्हारी दोस्त भी ड्रग्स तस्करी में शामिल होगी. इसके बाद कंचन की दोस्त को डरा-धमकाकर 50 हजार रुपए ले लिए. पीड़िता कंचन के खाते में मात्र 400 रुपए थे, इसलिए वह रुपयों की ठगी से बच गई. पीड़िता अपने मोबाइल के सामने से कॉल शुरू होने के बाद शुक्रवार दोपहर करीब 2 बजे से लेकर शनिवार सुबह करीब 11 बजे तक हटी ही नहीं. जब इतनी देर तक वह कमरे से बाहर ही नहीं निकलीं तो सुबह दरवाजे पर उनके परिचितों ने किसी आशंका के चलते जोर से दरवाजा ठोका. इसके बाद पीड़िता ने हिम्मत करके गेट खोला और उन्हें अपने साथ हुई पूरी घटना बताई.

पुलिस में नहीं है डिजिटल अरेस्ट का कॉन्सेप्ट

इस घटना के बाद खंडवा एसपी मनोज रायमें बताया, ''डिजिटल अरेस्ट जैसी पुलिस की कोई प्रक्रिया नहीं है. ऐसा कुछ होने पर शिकायत करें. क्योंकि पुलिस कभी भी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है और इसे लेकर पुलिस में कोई कानून भी नहीं है. इस प्रकार से आने वाले फोन या वीडियो कॉल्स फ्रॉड रहते हैं, जिसकी नजदीकी पुलिस थाना और साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवाएं.''

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