खजुराहो।खजुराहो संसदीय सीट की बात करें, तो भले ही खजुराहो एक छोटा सा कस्बा है, लेकिन अपने प्राचीन और मध्यकालीन मंदिरों की मूर्तिकला के लिए दुनिया भर में मशहूर है. कामसूत्र आधारित पत्थर की मूर्तियां विश्व भर में आकर्षण का केंद्र है. वहीं दूसरी तरफ इसी संसदीय सीट के अंतर्गत आने वाले पन्ना जिले में हीरा की खदानें मशहूर है. प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर उत्तरप्रदेश की सीमा से लगी खजुराहो संसदीय सीट आज भी गरीबी, बेरोजगारी और पलायन की समस्या से जूझ रहा है. लोकसभा चुनाव 2024 में खजुराहो लोकसभा सीट पर सबकी निगाहें है, क्योंकि ये सीट इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को दी है. उत्तरप्रदेश से लगी इस संसदीय सीट पर ओबीसी मतदाताओं में यादव जाति के मतदाता काफी संख्या में है.
खजुराहो लोकसभा सीट
खजुराहो लोकसभा सीट 2008 के परिसीमन के बाद तीन जिलों छतरपुर, पन्ना और कटनी की 8 विधानसभाओं को मिलाकर बनी है. इसमें छतरपुर जिले की चंदला, राजनगर और पन्ना जिले की पवई, गुनौर, पन्ना और कटनी जिले की विजयराघवगढ़, मुड़वारा और बहोरीबंद शामिल है. खजुराहो लोकसभा सीट में पुरुष मतदाता 9 लाख 65 हजार 170, महिला मतदाता 8 लाख 66 हजार 641 और थर्ड जेंडर 26 हैं. इस तरह कुल मतदाता 18 लाख 31 हजार 837 हैं.
खजुराहो लोकसभा सीट एक नजर
खजुराहो लोकसभा सीट की बात करें, तो भारतीय लोकतंत्र के इतिहास के पहले आम चुनाव में इस सीट का अस्तित्व नहीं था, लेकिन 1957 में हुए दूसरे चुनाव में छतरपुर और टीकमगढ़ जिले की चार-चार सीटों को मिलाकर खजुराहो सीट का गठन किया गया. वहीं 1967 और 1971 चुनाव के दौरान भी खजुराहो सीट का बड़ा हिस्सा टीकमगढ़ लोकसभा में शामिल रहा. इसके बाद 1977 में लागू परिसीमन के बाद खजुराहो सीट फिर अस्तित्व में आयी और अब तक कायम है. टीकमगढ़, पन्ना और छतरपुर की आठ विधानसभा के साथ नए रूप में सामने आयी थी, लेकिन 2008 में हुए परिसीमन के बाद खजुराहो सीट में छतरपुर जिले की दो चंदला और राजनगर, पन्ना जिले की तीनों विधानसभा पन्ना, गुन्नौर और पवई और कटनी की मुड़वारा, विजराघोगढ़ और बहोरीबंद शामिल है.
लोकसभा चुनाव 2009
लोकसभा चुनाव 2009 में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली. हालांकि महज 28 हजार वोटों से भाजपा अपनी सीट बचाने में कामयाब रही और भाजपा के प्रत्याशी जितेन्द्र सिंह बुंदेला यहां से विजयी हुए. 2009 लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी जितेन्द्र सिंह बुंदेला को 2 लाख 29 हजार 369 वोट मिले. वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के राजा पटैरिया को 2 लाख 1 हजार 37 वोट हासिल हुए. इस तरह कांग्रेस के राजा पटैरिया 28 हजार 332 वोटों से चुनाव हार गए.
लोकसभा चुनाव 2014
लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर के बीच खजुराहो लोकसभा से कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा. भाजपा के प्रत्याशी नागेन्द्र सिंह नागौद को 4 लाख 74 हजार 966 वोट मिले. वहीं निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के राजा पटैरिया अपना 2009 का प्रदर्शन दोहराने में नाकाम रहे और उन्हें 2 लाख 27 हजार 476 वोटों से हार का सामना करना पड़ा.
लोकसभा चुनाव 2019
लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने अपने प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को उम्मीदवार बनाया. इस चुनाव में वीडी शर्मा को 8 लाख 11 हजार 135 मत मिले. उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की कविता सिंह नातीराजा को 3 लाख 18 हजार 753 वोट मिले. इस तरह कांग्रेस प्रत्याशी कविता सिंह नातीराजा 4 लाख 92 हजार 382 मतों से चुनाव हार गयी.
खजुराहो सीट ने दिए दिग्गज नेता
खजुराहो लोकसभा सीट की बात करें, तो इस सीट पर समय-समय पर कांग्रेस और बीजेपी ने जीत हासिल की है. इस सीट ने देश की राजनीति को एक से एक बडे़ चेहरे दिए. जिनमें कांग्रेस से विद्यावती चतुर्वेदी और सत्यव्रत चतुर्वेदी के अलावा भाजपा से उमा भारती और विष्णु दत्त शर्मा जैसे नाम शामिल हैं. कांग्रेस के कब्जे वाली सीट को 1989 में उमा भारती ने बीजेपी के गढ़ में तब्दील करने का काम किया और 1989 से लेकर लगातार चार बार खजुराहो से सांसद बनीं. 1999 में जरूर सत्यव्रत चतुर्वेदी भाजपा का तिलिस्म तोड़ने में कामयाब रहे, लेकिन 2004 में फिर भाजपा के रामकृष्ण कुसमारिया यहां से चुनाव जीते और ये सिलसिला अब तक जारी है.