खजुराहो। मध्य प्रदेश का खजुराहो न सिर्फ देश बल्कि विदेशी पर्यटकों के भी लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशनों में से एक है. यहां के हजारों साल से भी ज्यादा पुराने मंदिरों की शानदार नक्काशी और कारीगरी देशी विदेशी पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है. यहां गर्मी की छुट्टियां बिताने के लिए हजारों लोग पहुंचते हैं, लेकिन गर्मियों में यहां का तापमान 40 डिग्री के ऊपर पहुंच जाता है. जिससे यहां मौजूद ऐतिहासिक मंदिरों के पत्थर गर्म हो जाते हैं, जिससे परिक्रमा करते समय पर्यटकों के पांव जल जाते हैं. कई पर्यटकों की शिकायत के बाद मंदिरों की सीढ़ियों पर जूट की कारपेट बिछ दी गई है. जिससे अब पर्यटकों को परिक्रमा करने में धूप में उनके पांव नहीं जलेंगें.
सीढ़ियों व चबूतरों पर जूट की कारपेट बिछा दी गई
भारतीय पुरातत्व विभाग ने खजुराहो के पश्चिमी मंदिर समूह में पर्यटकों के भ्रमण के दौरान पैरो को जलने से बचाने के लिए मंदिरों की तपती सीढ़ियों व चबूतरों पर जूट की मैट बिछा दी है. दरअसल इन दोनों मंदिरों के गर्भ गृह में देवी देवताओं के मुर्तियां स्थापित हैं. जिसके करण अधिकांश पर्यटक श्रद्धा भाव रखते हैं और वह नंगे पांव ही इन मंदिरों का भ्रमण करते हैं. साथ ही विभाग के जूते चप्पल उतार कर चलने के निर्देश के पालन के लिए गर्म पत्थरों की जलन से पैरों को बचाने के लिए विभाग द्वारा जूट की मेट बिछाई गई है.
खजुराहो के मंदिर अपनी हजार साल पुरानी स्थापत्य कला की वजह से पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र है और उन्हें यूनेस्को ने विश्व धरोहर में स्थान दिया है. इतिहास में यहां 85 मंदिरों के मौजूद होने के प्रमाण हैं.