रायपुर: अब तक आप कुचिपुड़ी नृत्य तेलुगू भाषा में देखते आए थे, लेकिन पहली बार हिंदी में कुचिपुड़ी नृत्य की प्रस्तुति दी गई. यह प्रस्तुति राजधानी रायपुर में आयोजित इंटरनेशनल डांस कंपटीशन और नृत्यानंद लहरी फेस्टिवल के दौरान दी गई. यह मनमोहन प्रस्तुति डॉ वीणा मूर्ति विजय और संगीता फनीश के टीम ने दी. मंच पर जब इस दल ने शानदार प्रस्तुति दी तो लोगों देखते ही रह गए. इसके अलावा देश के अन्य राज्यों से भी नृतक दल अपनी प्रस्तुति देने पहुंचे. इस बीच छत्तीसगढ़ के कलाकार भी मंच पर मनमोहक प्रस्तुति देते नजर आए. छोटे से लेकर बड़े कलाकारों का शास्त्रीय नृत्य लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा.
देश-विदेश से आए कलाकार:ऑल इंडिया डांस एसोसिएशन (एआइडीए) की ओर से इंटरनेशनल डांस कंपटीशन एवं नृत्यानंद लहरी फेस्टिवल का आयोजन किया गया है. इसकी शुरुआत 12 अक्टूबर को हुई थी और समापन से 21 अक्टूबर को होगी. इस दौरान कलाकार शास्त्रीय संगीत और नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दे रहे हैं. इस आयोजन में देश-विदेश से कलाकार अपनी कला और प्रतिभा की प्रस्तुति दे रहे हैं. भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी, ओड़िसी, कथक, मनिपुरी, मोहिनीअट्टम सिनिमेटिक, फोक डांस और हिंदुस्तानी संगीत, कर्नाटक संगीत, सुगम सगीत आदि विधाओं में कलाकार प्रस्तुति देते नजर आए.
शास्त्रीय नृत्य सीखने में लगता है 10-15 साल: इस बीच गुरु डॉ. वीणा मूर्ति विजय से ईटीवी भारत ने बातचीत की. उन्होंने बताया कि यहां के सभी लोग तेलुगू नहीं समझते हैं. कुचिपुड़ी नृत्य का प्रकार तेलुगू ही होता है. लेकिन लोगों को समझने के लिए यदि हिंदी में होता है तो ज्यादा बेहतर होता है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हमने एक नया प्रयोग किया है. कुचिपुड़ी के दौरान तेलुगू के डायलॉग थे, उसे हिंदी में बोला गया है और जो नृत्य किया गया वह तेलुगु में किया गया है.शास्त्रीय नृत्य सीखने में काफी लंबा समय लगता है. लगभग 10 से 15 साल सीखने के बाद लोग इस विधा में महारत हासिल करते हैं.इसमें काफी मेहनत लगता है.
आजकल का आधुनिक डांस तीन-चार मिनट का होता है, लेकिन जो हमारे समय यह शास्त्रीय नृत्य होते थे, वह डेढ़ से 2 घंटे तक होते थे. हम लगातार उसकी प्रस्तुति देते थे, लेकिन आज ना तो ऑडियंस वैसे रहे और ना ही कलाकार वैसे रहे. क्लासिकल आर्ट मेहनत और प्रार्थना के जरिए किया जाने वाला नृत्य है, इसलिए इसमें काफी प्रैक्टिस की जरूरत पड़ती है. :डॉ वीणा मूर्ति विजय, कलाकार