भरतपुर: केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान में इस साल हुई मिड विंटर सेंसस (शीतकालीन पक्षी गणना) के नतीजे उत्साहजनक रहे. इस गणना में जलपक्षियों की संख्या में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई है. इनमें भी पेंटेड स्टार्क और पिंटेल पक्षियों में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है. इस साल पक्षियों की संख्या में बढ़ोतरी का मुख्य कारण पांचना बांध से पर्याप्त मात्रा में जलापूर्ति होना है, जिससे पक्षियों के लिए अनुकूल वातावरण और भरपूर भोजन उपलब्ध हुआ.
तीन गुना बढ़े पेंटेड स्टार्क, दोगुनी पिंटेल : उद्यान निदेशक मानस सिंह ने बताया कि इस वर्ष हुई गणना में 150 से अधिक प्रजातियों के कुल 38,736 जलीय पक्षी दर्ज किए गए, जो कि पिछले वर्षों की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है. इस बार पानी की उपलब्धता अधिक होने से शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के पक्षियों को पर्याप्त भोजन मिला. इससे घना पक्षी अभयारण्य में प्रवासी पक्षियों की संख्या बढ़ी है.
ये पक्षी आए :
पेंटेड स्टार्क | 2577 (गत वर्ष की तुलना में तीन गुना अधिक) |
नॉर्दर्न पिंटेल | 4919 (गत वर्ष से दोगुनी वृद्धि) |
गडवॉल | 6181 |
ग्रे लैग गूज | 1587 |
बार-हेडेड गूज | 1015 |
कॉमन टील | 2245 |
स्पॉट-बिल डक | 1396 |
जलभराव से पक्षियों को मिला सुरक्षित ठिकाना : इस बार केवलादेव घना में पानी की स्थिति पिछले कुछ वर्षों की तुलना में बेहतर रही. निदेशक मानस सिंह ने बताया कि पांचना बांध से जलापूर्ति होने के कारण जलाशय भरे रहे, जिससे पक्षियों को घोंसला बनाने और भोजन के लिए आदर्श परिस्थितियां मिलीं. यही कारण है कि इस बार पक्षियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है.