कौशाम्बी: जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश ने भतीजे का अपहरण कर हत्या करने वाले चाचा को दोषी कर देते हुए आजीवन करारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही न्यायालय ने दोषी पर 52 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.
अभियोजन पक्ष के अनुसार घटना महेवा घाट थाना क्षेत्र के अलवारा गांव की है. जहां अलवारा गांव के रहने वाले राम सुमेर त्रिपाठी ने 20 नवंबर 2011 को महेवाघाट थाना में शिकायती पत्र देते हुए बताया कि वह अपने 8 वर्षीय बेटे विवेक के साथ अपने भाई रमेश त्रिपाठी के घर गया था. कुछ देर बाद उनका बेटा विवेक घर जाने के लिए कहकर निकाला, लेकिन वह घर नहीं पहुंचा. पुलिस ने इस शिकायती पत्र के आधार पर गुमशुदगी दर्ज कर विवेक की तलाश की. घटना के सात दिन बाद 27 नवंबर 2011 को विवेक का शव पड़ोसी के घर में भूसे के कमरे में पड़ा मिला.
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इसके बाद पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज मामले की तफ्तीश में जुट गई. पुलिस ने मामले में मृतक के चाचा रमेश त्रिपाठी को आरोपी बनाया और चार्जशीट को न्यायालय में भेजा. यह मामला जिला सत्र न्यायाधीश अनुपम कुमार की अदालत में पेश हुआ. शासकीय अधिवक्ता सोमेश्वर तिवारी ने इस मामले में गवाहों का परीक्षण न्यायालय के समक्ष कराया.
शुक्रवार को गवाहों को सुनने और पत्रावली को अवलोकन करने के बाद जिला सत्र न्यायाधीश अनुपम कुमार ने आरोपी चाचा रमेश त्रिपाठी को दोषी कर देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही दोषी पर न्यायालय ने कुल 52 हजार का अर्थदंड भी लगाया है.
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