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राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत परिषदीय विद्यालयों में होगा शैक्षिक कौशल विकास के लिए क्लबों का गठन

up council schools: बच्चों में कौशल और नेतृत्व क्षमता का विकास है उद्देश्य,पर्यावरण, खेल, विज्ञान, और डिजिटल शिक्षा में बच्चों की बढ़ेगी रुचि.

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परिषदीय विद्यालयों में होगा शैक्षिक विकास (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 29, 2024, 9:08 PM IST

लखनऊ: योगी सरकार द्वारा परिषदीय विद्यालयों में बच्चों के समग्र विकास के लिए विभिन्न प्रकार के क्लबों के गठन की दिशा में कदम बढ़ाया है. प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, कम्पोजिट और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में पढ़ाई करने वाले बच्चों के सर्वांगीण विकास से जुड़ी यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत छात्रों में सामाजिक, भावनात्मक, सांस्कृतिक और शैक्षिक कौशल का विकास करने के उद्देश्य से की जा रही है.

इस सबंध में बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह का कहना है कि गठित होने वाले क्लबों के माध्यम से बच्चों को विचारशीलता, नवाचार, रचनात्मकता और नेतृत्व क्षमता विकसित करने का अवसर मिलेगा, जिससे वे भविष्य के लिए बेहतर नागरिक बन सकेंगे. इस कदम से बच्चों के कौशल विकास के साथ-साथ पर्यावरण जागरूकता, खेल गतिविधियां, विज्ञान, गणित, और डिजिटल शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी उनकी रुचि बढ़ेगी. सरकार ने विभागीय अधिकारियों द्वारा समय-समय पर इन गतिविधियों का मार्गदर्शन करने और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को प्रेरित करने की व्यवस्था भी की है.

इन क्लबों का होगा गठन

  • इको क्लब:पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण और जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता बढ़ाना.
  • स्पोर्ट्स क्लब:खेल गतिविधियों के माध्यम से छात्रों की शारीरिक फिटनेस और टीम भावना का विकास.
  • गणित क्लब: गणितीय कौशलों को रोचक और आकर्षक बनाने के लिए पहेलियों और खेलों के माध्यम से.
  • विज्ञान क्लब: वैज्ञानिक सोच और तर्क क्षमता को प्रोत्साहित करना, प्रयोग और अनुसंधान के माध्यम से.
  • ज्योग्राफी क्लब: भूगोल विषय में छात्रों के आकर्षण को बढ़ावा देना और जलवायु, पर्यावरण और संसाधनों की समझ विकसित करना.
  • रीडिंग क्लब: पठन संस्कृति को बढ़ावा देना, बच्चों में पढ़ने की रुचि और सांस्कृतिक समझ विकसित करना.
  • सिविक सेन्स क्लब: सार्वजनिक व्यवहार और नागरिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूकता बढ़ाना.
  • डिजिटल इनिशिएटिव क्लब: डिजिटल साक्षरता और तकनीकी कौशल में बच्चों को प्रशिक्षित करना.
  • कला, संगीत और नाटक क्लब: रचनात्मकता को प्रोत्साहित करना और छात्रों को कला, संगीत और नाटक के क्षेत्र में प्रवीण बनाना.
  • हेल्थ एण्ड वेलबीइंग या योग क्लब: बच्चों के मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक विकास के लिए योग और स्वास्थ्य संबंधित गतिविधियां.


ये करेंगे क्लब का नेतृत्व:प्रत्येक छात्र की न्यूनतम चार क्लबों में भागीदारी अनिवार्य होगी. क्लब का नेतृत्व प्रधानाध्यापक, वार्डेन या नामित शिक्षक द्वारा किया जाएगा. क्लब की गतिविधियाँ विद्यालय के अंतिम कालांशों में आयोजित की जाएंगी और गतिविधियों के दौरान छात्रों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाएगा. गतिविधियों से छात्रों में ज्ञान और कौशल का विकास होगा. इसके साथ ही उनके मानसिक और सामाजिक विकास में भी ये सहायक होंगे.

यह होंगी क्लबों की गतिविधियां:क्लबों के माध्यम से विभिन्न गतिविधियां जैसे वृक्षारोपण, योग, गणितीय पहेलियां, विज्ञान प्रदर्शन, पठन गतिविधियां, सम-सामयिक घटनाओं पर चर्चा, निबंध प्रतियोगिता, वाद-विवाद, खेल प्रतियोगिताएं और स्वास्थ्य व स्वच्छता अभियान आयोजित किए जाएंगे.

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