धौलपुर.आज करौली धौलपुर संसदीय सीट का परिणाम आएगा. परिणाम के साथ ही सभी दावों और कयासों पर भी विराम लग जाएंगे. पिछले दो चुनावों से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है, लेकिन इस बार भाजपा के सामने भी कई चुनौतियां रही. यही वजह है कि इस बार परिणाम से पूर्व कुछ भी कहना जरा जल्दबाजी होगी और सभी का निगाहें आज के परिणाम पर टिकी है. भाजपा के डॉ. मनोज राजोरिया लगातार दो बार यहां से चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं, लेकिन 2024 के चुनाव में राजनीतिक परिस्थितियां बदली बदली नजर आई. इसकी मुख्य वजह भाजपा-कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी का सजातीय होना रहा है. कांग्रेस ने जहां भजनलाल जाटव पर भरोसा जताया तो भाजपा ने प्रत्याशी बदला कर मैदान फतह की कोशिश की. भाजपा ने इंदु देवी जाटव को अपना उम्मीदवार बनाया. वहीं, कांग्रेस और भाजपा का खेल बिगाड़ने के लिए बहुजन समाज पार्टी ने विक्रम सिंह सिसोदिया को मैदान में उतार दिया.
करौली धौलपुर आरक्षित संसदीय सीट है. इस बार यहां कांटे का मुकाबला देखने को मिला. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के प्रत्याशियों के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का सवाल है. वहीं, इस सीट को जीतने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के कद्दावर नेताओं ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक क्षेत्र में कई चुनावी सभाओं को संबोधित कर पार्टी व प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश किए, लेकिन इस बार चुनाव में मतदाता का मिजाज थोड़ा बदला-बदला नजर आया. यहां भाजपा के पास सिर्फ मोदी का नाम और हिंदुत्व का मुद्दा रहा तो कांग्रेस ने सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, चिकित्सा, खेती, किसानी जैसे मुद्दों को उठाया.
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2019 की अपेक्षा इस बार कम हुआ मतदान :2024 में करौली धौलपुर संसदीय सीट पर 2019 की अपेक्षा कम मतदान हुआ. 2019 में यहां 55.28 प्रतिशत मतदान हुआ था. वहीं, इस बार 49.29 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2019 की अपेक्षा 5.89% कम रहा.