शिमला: हिमाचल के बहुचर्चित सीपीएस नियुक्ति मामले में अब राज्य के एडवोकेट जनरल अनूप रत्न सरकार की तरफ से हाई कोर्ट में पैरवी नहीं करेंगे. अब राज्य सरकार ने कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी को इस मामले में कानूनी पक्ष रखने के लिए एंगेज किया है. यानी अब कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी राज्य सरकार की तरफ से केस की पैरवी करेंगे. इसके साथ ही राज्य के एडवोकेट जनरल अनूप रत्न इस केस में बहस नहीं करेंगे.
मामले में बुधवार को भी सुनवाई जारी रहेगी. इस केस में हाईकोर्ट की खंडपीठ ने तीन दिन निरंतर सुनवाई के आदेश जारी किए थे. सोमवार और मंगलवार को दो दिन इस केस में हाईकोर्ट में सुनवाई हो चुकी है. अब बुधवार को भी सुनवाई होगी, लेकिन इस बीच मामले में नया मोड़ आया है. अब राज्य का पक्ष कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी रखेंगे. राज्य सरकार ने इस केस में हाईकोर्ट से आग्रह कर ये बताया है कि दोनों सीनियर एडवोकेट अभी उपलब्ध नहीं हैं, लिहाजा सरकार को कुछ मोहलत दी जाए.
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने छह सीपीएस नियुक्त किए थे. इन सीपीएस की नियुक्ति को कानून के खिलाफ बताते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. भाजपा नेता सतपाल सिंह सत्ती सहित अन्य ने इस नियुक्ति को चुनौती दी थी. हाईकोर्ट के आदेश से सीपीएस को दी जा रही मंत्रियों वाली सुविधा बंद कर दी गई है. याचिकाओं में इन नियुक्तियों को रद्द करने की मांग उठाई गई है.
हाईकोर्ट ने इस मामले में पिछली सुनवाई के दौरान 22, 23 और 24 अप्रैल को निरंतर तीन दिन हियरिंग के आदेश दिए थे. अब सोमवार 22 अप्रैल को सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल ने इस केस में बैंच के समक्ष पेश होने से इनकार कर दिया था. इस इनकार में राज्य सरकार से मिले निर्देश का हवाला दिया गया था. एडवोकेट जनरल ने अदालत के ध्यान में लाया कि इस केस के लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से दो सीनियर एडवोकेट लिए हैं.
इस दिलचस्प घटनाक्रम के बाद हाई कोर्ट ने कहा था कि 27 मार्च से अब तक राज्य सरकार के पास एडवोकेट तय करने के लिए काफी समय था, तो इसमें विलंब का क्या कारण है? मामले की सुनवाई के दूसरे दिन यानी मंगलवार को राज्य सरकार के मुख्य सचिव ने हाईकोर्ट में एक पत्र दिया. मुख्य सचिव की तरफ से पेश किए गए पत्र में कहा गया कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी को इस केस की पैरवी के लिए हायर किया है. राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में आग्रह किया कि ये दोनों वकील अगले माह यानी मई की 8 और 9 तारीख को उपलब्ध हैं.
ये भी आग्रह किया गया कि इस केस की सुनवाई के लिए समय दिया जाए. मंगलवार को हाईकोर्ट में इस केस के लिए राज्य सरकार की तरफ से पैरवी करने के लिए कोई उपलब्ध नहीं था. फिर सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर की तरफ से दिए गए वकील ने बहस की. अब हाईकोर्ट में बुधवार को भी सुनवाई होगी. मामले में भाजपा नेता सतपाल सिंह सत्ती सहित अन्यों ने सीपीएस संजय अवस्थी, सुंदर ठाकुर, राम कुमार चौधरी, मोहन लाल ब्राक्टा, आशीष बुटेल और किशोरी लाल की नियुक्ति को चुनौती दी गई है.
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