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कानपुर हादसे में 4 छात्रों की मौत: इकलौता बेटा था प्रतीक, दो महीने में थी बहन की शादी; CRPF दरोगा ने भी बेटा गंवाया

पनकी में हुआ दर्दनाक सड़क हादसा 5 परिवारों के जवान बेटे-बेटियों काे निगल गया. चार बच्चे CS-BTech की पढ़ाई कर रहे थे. सारे सपने, सारी खुशियां एक झटके में मातम में बदल गईं... चार अर्थियां तो एक साथ उठीं, ढयोढ़ीघाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया.

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 5 hours ago

Updated : 4 hours ago

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सीएस-बीटेक के 4 स्टूडेंट समेत 5 लोगों की सड़क हादसे में मौत (Photo Credit; ETV Bharat)

कानपुर:शहर के पनकी में कल हुए भीषण सड़क हादसे में 5 परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. इस हादसे में 4 सीएस-बीटेक स्टूडेंट और कार चालक की जान चली गई थी. इसमें एक प्रतीक परिवार में एकलौता बेटा था और दो माह बाद ही उसकी बहन की शादी तय थी. जबकि दूसरे छात्र सतीश के पिता सीआरपीएफ में दरोगा हैं.

हादसे में दो छात्राओं गरिमा और आयुषी की भी मौत हो गई. इसमें गरिमा का जन्मदिन नवंबर तो आयुषी का दिसंबर में था. दोनों के परिवारों ने जन्मदिन के सेलिब्रेशन की तैयारी कर रखी थी. मंगलवार को सभी मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया. छात्रों की उम्र 18 से 20 साल के बीच थी. थाना प्रभारी चकेरी अशोक दुबे ने बताया चारों मृतकों का अंतिम संस्कार महाराजपुर थाना क्षेत्र के ढयोढ़ीघाट पर किया गया.

पोस्टमार्टम हाउस पर बिलखती गरिमा की मां. (Photo Credit; ETV Bharat)

दो माह बाद ही प्रतीक की बहन की शादी: पनकी में हाईवे पर हुए सड़क हादसे में जान गंवाने वाले फोर्थ ईयर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन के छात्र प्रतीक सिंह के पिता राजेश सिंह ने बताया कि प्रतीक की दो बहनें हैं. जिसमें 25 वर्षीय शिखा की दो माह बाद शादी तय हुई थी. घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं. लेकिन, हमें क्या पता था कि बेटा ही हमें छोड़कर चला जाएगा. प्रतीक के पिता राजेश सिंह उदय भारती इंटर कॉलेज, कानपुर देहात के प्रबंधक हैं. जबकि मां माया देवी गृहणी हैं. प्रतीक की एक और बहन साक्षी भी है. साक्षी गुड़गांव में नौकरी करती हैं जबकि, शिखा पीएचडी की तैयारी कर रही हैं.

आयुषी की मां को सांत्वना देते परिजन. (Photo Credit; ETV Bharat)



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सतीश के पिता और भाई सीआरपीएफ में दरोगा:इसी तरह दूसरे छात्र सतीश के परिजन सदमे में हैं. उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा है कि अब उनका बेटा इस दुनिया में नहीं रहा. पिता रमेश चंद्र और भाई नीतीश का रो-रोकर बुरा हाल है. सतीश का शव देख पिता-पुत्र एक दूसरे को सांत्वना दे रहे थे. पिता रमेश चंद्र छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सीआरपीएफ में सब इंस्पेक्टर हैं. वहीं, नीतीश चंदौली में सीआरपीएफ में दरोगा हैं. परिवार में मां संतोष कुमारी हैं. परिवार कानपुर के सनिगवां में ही रहता है. दशहरे की छुट्टी में पिता और भाई कानपुर आए थे. नीतीश ने बताया कि सतीश से वादा किया था कि इस बार घर आऊंगा तो उसे शॉपिंग जरूर कराऊंगा. सतीश पीएसआईटी में कंप्यूटर साइंस-डाटा साइंस के तीसरे वर्ष के छात्र थे.

चालक की पत्नी और बेटा. (Photo Credit; ETV Bharat)



नवंबर में गरिमा तो दिसंबर में आयुषी को मानना था बर्थडे:इस हादसे में मृत छात्रा गरिमा का नवंबर में जन्मदिन था, तो वहीं आयुषी का जन्मदिन दिसंबर में था. दोनों सीएस की पढ़ाई कर रही थीं. मूल रूप से बिंदकी, फतेहपुर निवासी गरिमा के पिता भारत कुमार त्रिपाठी इटावा में टीएसआई हैं. हादसे की जानकारी मिलते ही वह भी घर पहुंच गए थे. छोटे भाई कुशाग्र और बहन महिमा ने बताया कि दीदी का जन्मदिन 28 नवंबर को था. सभी ने मिलकर अभी से तैयारी शुरू कर दी थी. जबकि आयुषी के मामा नौबस्ता निवासी धर्मेंद्र उमराव ने बताया, भांजी का जन्मदिन 30 दिसंबर को होता है, सभी खुश होकर भांजी का जन्मदिन मनाते थे. लेकिन, अब जन्मदिन पर भांजी की बहुत अधिक याद आएगी. आयुषी के पिता रमाशंकर पटेल हमीरपुर में फार्मासिस्ट हैं. जबकि परिवार सनिगवां में ही रहता है.

बता दें कि इस हादसे में कार चालक विजय ने भी अपनी जान गंवा दी. सोमवार को पोस्टमार्टम हाउस पर विजय की पत्नी और बेटा भी पहुंचे. दोनों बिलखते रहे. परिजनों का कहना था कि उनका सहारा ही चला गया.

सभी छात्र सनिगवां के रहने वाले:कमिश्नरेट पुलिस के आला अफसरों ने बताया, कि पनकी स्थित हाईवे पर हुए सड़क हादसे में जिन चार छात्र-छात्राओं ने दम तोड़ा, वह सभी शहर के चकेरी थाना क्षेत्र के सनिगवां में रहते थे. वहीं प्रबंधन ने कहा है कि वे हर संभव मदद करेंगे. पीएसआईटी इंस्टीट्यूट के कई प्रशासनिक अफसर पीएम हाउस पहुंच गए थे. संस्थान के वाइस प्रेसीडेंट अभिजीत सिंह ने कहा कि प्रबंधन छात्रों के परिजनों की भी मदद के लिए तैयार है. वहीं, हादसे के बाद संस्थान के कई छात्र-छात्राएं भी पीएम हाउस पहुंचे थे.

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