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यूपी का 140 साल का कॉरपोरेट ग्रुप, कभी टाटा-बिड़ला के बाद था नाम, भारत के लिए बनाई पहली टीवी

JK Group News: कानपुर के दिग्गज कॉरपोरेट ग्रुप ने कई क्षेत्रों में दिया है अहम योगदान.

kanpur jk group completes 140 years once name of corporate house came after tata birla
कार्यक्रम में भाग लेने पहुंची राज्यपाल आनंदीबेन पटेल. (photo credit: etv bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 10, 2024, 10:03 AM IST

Updated : Nov 10, 2024, 10:54 AM IST

कानपुरः कानपुर के जेके समूह ने अपनी स्थापना के 140 साल पूरे कर लिए हैं. इस कड़ी में कानपुर में कई तरह के कार्यक्रमों के आयोजन किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में जेके मंदिर में ग्रुप की ओर से आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने शिरकत की.


कब हुई थी शुरुआत:इस ग्रुप की स्थापना 140 साल पहले हुई थी. उस ग्रुप के संस्थापक लाला जुग्गीलाल कमलापत और उनके बेटे कमलापत सिंघानिया थे. इस ग्रुप ने देश निर्माण में बड़ा योगदान दिया है.

राजस्थान के परिवार ने कानपुर में की शुरुआतःराजस्थान के झुंझुनू जिले के सिंघाना गांव से ताल्लुक रखने वाले इस परिवार ने कानपुर में कई मिलों की स्थापना की. जुग्गीलाल कमलापत कॉटन स्पिनिंग एंड वीविंग मिल्स कंपनी लिमिटेड की स्थापना वर्ष 1921 में पिता जुग्गीलाल के सहयोग से लाला कमलापत सिंहानिया ने की थी.

राज्यपाल ने मेधावी बच्चों को सम्मानित किया. (photo credit: etv bharat)


जेके नाम कैसे पड़ा: इस ग्रुप का 'जे' नाम पिता जुग्गीलाल के नाम से और 'के' नाम बेटे कमालपत सिंघानिया के नाम से लिया गया है. जेके ग्रुप कभी देश के दिग्गज ग्रुपों में शामिल था. 1950 से 1980 के दशक में बढ़ा, जब यह बिड़ला और टाटा समूहों के बाद इस ग्रुप का ही नाम आता था.

मालिनी अवस्थी ने पेश किए कार्यक्रम. (photo credit: etv bharat)


देश के लिए पहला टीवी बनायाःभारत में पहले टीवी आयात किए जाते थे. इस ग्रुप ने 1964 में जेके इलेक्ट्रानिक्स की स्थापना की जो देश की पहली टीवी बनाने वाली उत्पादन इकाई थी1968 में जेके हेलेन कर्टिस लिमिटेड की स्थापना की थी. इसका प्रमुख ब्रांड पार्क एवेन्यू था.


1934 में कमला टॉवर की स्थापनाःइस ग्रुप का मुख्यालय कानपुर के कमला टॉवर में है. यह इंग्लैंड के पैलेस की तर्ज पर बनाया गया है. यह मुख्यालय दिखने में बेहद शानदार है.


जेके ग्रुप ने किन क्षेत्रों में आजमाया हाथ: जेके ग्रुप ने टॉयर, कपड़ा, रेडीमेड गारमेंट, इलेक्ट्रिकसिटी, सीमेंट, व्हाइट सीमेंट समेत कई क्षेत्रों में न केवल हाथ आजमाया बल्कि अपनी सफलता का लोहा भी मनवाया.


दान और अध्यात्म में भी आगे: इस ग्रुप ने न केवल कानपुर बल्कि देश के कई प्रमुख शहरों में मंदिरों की स्थापना भी कराई. इसके साथ ही दान और परोपकार के कार्यों में भी यह ग्रुप सबसे आगे रहा है. इस ग्रुप ने कानपुर के सबसे शानदार जेके टेंपल की भी स्थापना कराई है. यह मंदिर आर्किटेक्ट में बेहतरीन माना जाता है.


कानपुर में सबसे ज्यादा मिलें: पूरे देश में कानपुर में जेके ग्रुप की सबसे ज्यादा मिले रहीं हैं. इनमें कपड़ा, जूट, स्पिनिंग से लेकर कई मिले हैं. इनमें से कई मिलें अब बंद हो चुकी हैं.



परिवार तीन वर्गों में विभाजितः जेके ग्रुप अब तीन वर्गों में विभाजित है.इनमें कानपुर में डॉ. गौर हरि सिंघानिया का परिवार, दिल्ली में श्री हरि शंकर सिंघानिया का परिवार और मुंबई में श्री विजयपत सिंघानिया का परिवार बिजनेस का संचालन करता है.


140 साल पूरे होने पर राज्यपाल ने दी बधाईः जेके ग्रुप के 140 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में जेके मंदिर में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. राज्यपाल ने मंच पर अपने संबोधन के दौरान कहा कि औद्योगिक संगठन देश के विकास की नींव होते हैं. 140 साल पूरे करने वाले जेके समूह का राष्ट्रनिर्माण में अहम योगदान है. उनके सामाजिक कार्य बेहद अहम रहे हैं. अब समाज से कुरीतियों को खत्म करने के लिए सबको साथ मिलकर काम करना होगा. सभी संकल्प लीजिए, शहर में दो साल के अंदर भिक्षावृत्ति को खत्म करना है.

नंदी बोले देश का बड़ा औद्योगिक घराना है जेके समूह: कार्यक्रम में मौजूद रहे विशिष्ट अतिथि कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी ने कहा जेके समूह देश का बड़ा औद्योगिक घराना है. समूह एक सदी से ज्यादा लंबी यात्रा तय कर चुका है. इस घराने में सामाजिक मूल्यों और सिद्धांतों पर सबसे ज्यादा जोर दिया जाता है. समूह ने देश को मंदिर, शिक्षण संस्थान, क्रिकेट के मैदान के साथ ही अस्पताल, ट्रेनिंग सेंटर दिए हैं. समूह ने इस साल प्रयागराज में 20 लाख मीट्रिक टन क्षमता की सीमेंट प्लांट लगाया. 2018, 2021 में भी प्लांट लगाया था। उम्मीद है समूह 2027 में भी प्लांट लगाएगा. वहीं कार्यक्रम में लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने भी भजनों पर प्रस्तुति दी. कार्यक्रम में मुख्य रूप से समूह के निदेशक अभिषेक सिंहानिया, सुशीला सिंहानिया, मनोरमा सिंहानिया, सांसद देवेंद्र सिंह भोले, राज्यपाल की बेटी अनार पटेल, भरतहरि सिंहानिया मौजूद थे.

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Last Updated : Nov 10, 2024, 10:54 AM IST

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