लखनऊ: Kannauj Lok Sabha Seat Result Date:समाजवादी पार्टी का गढ़ मानी जाने वाली प्रदेश की हाई प्रोफाइल कन्नौज संसदीय सीट पर तीसरी बार भाजपा का परचम लहराने की चुनौती एक बार फिर पार्टी प्रत्याशी सुब्रत पाठक पर होगी.
मोदी लहर में भी सपा को मिली थी जीतःइस सीट पर भाजपा को 2014 में नरेंद्र मोदी की लहर में भी हार का सामना करना पड़ा था. 2019 में सुब्रत पाठक की जीत से पहले मात्र एक बार यहां से भाजपा की जीत हुई थी. यह वर्ष था 1996, तब भाजपा के चंद्र भूषण सिंह ने यहां विजय हासिल की थी.
कन्नौज से अखिलेश यादव खुद लड़ने वाले थे चुनावःइसके बाद 1998 से लेकर 2014 तक इस सीट पर सपा का ही दबदबा रहा है. इस चुनाव में उम्मीद की जा रही थी कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव यहां से खुद चुनाव लड़ेंगे, लेकिन ऐसा न करके उन्होंने अपने ताऊ रतन सिंह के पोते और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के दामाद तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा है. वहीं बहुजन समाज पार्टी ने कन्नौज सीट से इमरान बिन जफर को अपना प्रत्याशी घोषित किया है.
चुनाव 2024 में अखिलेश के खानदान से 5 उम्मीदवारःलोकसभा चुनाव 2024 में सपा द्वारा घोषित कुल उम्मीदवारों में तेज प्रताप पांचवें यादव प्रत्याशी हैं. ये सभी अखिलेश यादव के रिश्तेदार हैं. सपा अध्यक्ष की पत्नी डिंपल यादव मैनपुरी से चुनाव मैदान में हैं, तो वहीं अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव आजमगढ़ से सपा के उम्मीदवार बनाए गए हैं.
शिवपाल यादव के कहने पर बदायूं में अखिलेश को बदलना पड़ा टिकटःमुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव के पुत्र आदित्य यादव को पार्टी ने बदायूं से अपना प्रत्याशी बनाया है. अखिलेश यादव ने पहले इस सीट से शिवपाल यादव के नाम की ही घोषणा की थी, किंतु शिवपाल के आग्रह ने बाद यह टिकट पार्टी को बदलना पड़ा.
रामगोपाल यादव का बेटा भी चुनावी मैदान मेंःअखिलेश यादव के ताऊ रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव फिरोजाबाद संसदीय सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार घोषित किए गए हैं. अब मुलायम सिंह यादव के बड़े भाई रतन सिंह के पोते तेज प्रताप सिंह को कन्नौज से उतार कर अखिलेश यादव ने सबको चौंका दिया है.
तेज प्रताप सैफई महोत्सव की संभालते आए हैं जिम्मेदारीःअब तक कयास लगाए जा रहे थे कि अखिलेश खुद इस सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. तेज प्रताप की मां मृदुला यादव सैफई से ब्लॉक प्रमुख चुनी गई थीं, जबकि इनके पिता रणवीर सिंह यादव का 2002 में निधन हो चुका है. तेज प्रताप सैफई महोत्सव की पूरी जिम्मेदारी संभालते हैं, जबकि इससे पहले इनके पिता यह दायित्व देखते थे.
सपा के गढ़ में पहली बार सुब्रत पाठक ने ही लगवाई भाजपा की सेंधःभाजपा उम्मीदवार सुब्रत पाठक की बात करें, तो वह भारतीय जनता पार्टी में काफी वर्षों से सक्रिय रहे हैं. वह पार्टी के युवा मोर्चे के अध्यक्ष भी रहे हैं. 2019 में इन्होंने अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को कन्नौज से पराजित किया था. वह प्रदेश भाजपा इकाई के महासचिव भी हैं.
बसपा ने ऐन मौके पर अकील अहमद का टिकट काटा इमरान बिन जफर को दियाः वहीं बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट पर इमरान बिन जफर को अपना उम्मीदवार बनाया है. इससे पहले बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी के पुराने कार्यकर्ता अकील अहमद को टिकट दिया था, लेकिन ऐन मौके पर उनका टिकट काट कर इमरान बिन जफर को मैदान में उतारा.