कांकेर: बस्तर संभाग में जब भी नए कैंप खोले जाने की बात आती है, तब ग्रामीण सड़कों पर उतर आते हैं और कैंप का विरोध करते हैं. कई दफा ग्रामीणों पर गंभीर आरोप भी लगाए जाते है, लेकिन कांकेर जिले से इसके विपरीत मामला निकल कर आया है. दुर्गुकोंदल ब्लॉक के जाड़ेकुर्से गांव में स्थापित सीएएफ कैंप को हटाने जब पुलिस ने कार्यवाही शुरू की तो ग्रामीण विरोध में उतर आए.
कैंप को बंद नहीं किया जाए: ग्रामीणों ने कैंप यथावत रखने को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि कैंप हटाया जाएगा तो फिर नक्सली गांव में आयेंगे और उन्हें परेशान करेंगे, इसलिए कैंप को नहीं हटाने को लेकर ग्रामीण लामबंद हो गए हैं.
सीएएफ का कैंप खोला गया था: कांकेर जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर लोहत्तर थाना क्षेत्र के जाड़ेकुर्सी में नक्सल दहशत की वजह से सीएएफ (CAF) का कैम्प स्थापित किया गया था. लंबे समय तक इलाके में जवानों की मौजूदगी और लगातार सर्च ऑपरेशन से नक्सली बैकफुट पर चले गए और इलाके से उनकी मौजूदगी खत्म हो गई है.
कैंप खुलने से नक्सल वारदात कम हुई: लंबे समय से इलाके में कोई नक्सल गतिविधि नहीं देखी गई है, जिसके कारण अब कैंप को यहां से हटाने पुलिस ने कार्रवाई शुरू की थी ताकि दूसरे नक्सल इलाके में कैंप को शिफ्ट किया जा सके. लेकिन ग्रामीणों को जैसे ही इस बात की सूचना मिली, ग्रामीण आक्रोशित हो गए. ग्रामीणों ने एक स्वर में कैंप नहीं हटाने की मांग करते हुए आंदोलन शुरू कर दिया. जिसके बाद अब पुलिस विभाग ने आश्वासन दिया है कि फिलहाल कैंप नहीं हटाया जाएगा.
लंबे समय तक नक्सल दहशत में रहे हैं. कई ग्रामीणों को नक्सलियों ने मार डाला:ग्रामीण