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कैंप बंद मत कीजिए साहब फिर से नक्सली आ जाएंगे, ग्रामीणों का छलका दर्द - KANKER VILLAGERS DEMANDS

कांकेर के जाड़ेकुर्से गांव में सीएएफ कैंप नहीं हटाने की मांग को लेकर ग्रामीण लामबंद हो गए हैं.

KANKER VILLAGERS DEMANDS
सीएएफ कैंप नहीं हटाने की मांग (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 9, 2024, 10:21 PM IST

Updated : Nov 9, 2024, 11:36 PM IST

कांकेर: बस्तर संभाग में जब भी नए कैंप खोले जाने की बात आती है, तब ग्रामीण सड़कों पर उतर आते हैं और कैंप का विरोध करते हैं. कई दफा ग्रामीणों पर गंभीर आरोप भी लगाए जाते है, लेकिन कांकेर जिले से इसके विपरीत मामला निकल कर आया है. दुर्गुकोंदल ब्लॉक के जाड़ेकुर्से गांव में स्थापित सीएएफ कैंप को हटाने जब पुलिस ने कार्यवाही शुरू की तो ग्रामीण विरोध में उतर आए.

कैंप को बंद नहीं किया जाए: ग्रामीणों ने कैंप यथावत रखने को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि कैंप हटाया जाएगा तो फिर नक्सली गांव में आयेंगे और उन्हें परेशान करेंगे, इसलिए कैंप को नहीं हटाने को लेकर ग्रामीण लामबंद हो गए हैं.

सीएएफ कैंप बंद नहीं करने की मांग (ETV BHARAT)

सीएएफ का कैंप खोला गया था: कांकेर जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर लोहत्तर थाना क्षेत्र के जाड़ेकुर्सी में नक्सल दहशत की वजह से सीएएफ (CAF) का कैम्प स्थापित किया गया था. लंबे समय तक इलाके में जवानों की मौजूदगी और लगातार सर्च ऑपरेशन से नक्सली बैकफुट पर चले गए और इलाके से उनकी मौजूदगी खत्म हो गई है.

कैंप खुलने से नक्सल वारदात कम हुई: लंबे समय से इलाके में कोई नक्सल गतिविधि नहीं देखी गई है, जिसके कारण अब कैंप को यहां से हटाने पुलिस ने कार्रवाई शुरू की थी ताकि दूसरे नक्सल इलाके में कैंप को शिफ्ट किया जा सके. लेकिन ग्रामीणों को जैसे ही इस बात की सूचना मिली, ग्रामीण आक्रोशित हो गए. ग्रामीणों ने एक स्वर में कैंप नहीं हटाने की मांग करते हुए आंदोलन शुरू कर दिया. जिसके बाद अब पुलिस विभाग ने आश्वासन दिया है कि फिलहाल कैंप नहीं हटाया जाएगा.

लंबे समय तक नक्सल दहशत में रहे हैं. कई ग्रामीणों को नक्सलियों ने मार डाला:ग्रामीण

सुबह से लेकर रात तक हमारा जीवन सिर्फ नक्सलियों के डर के साए में बीतता था, लेकिन जबसे पुलिस ने यहां कैंप खोला हमने खुलकर जीना सीखा है:ग्रामीण

आज हम किसी भी समय आराम से आ जा सकते हैं. अगर कैंप हटा दिया जाएगा तो फिर नक्सली गांव की ओर रुख करेंगे. फिर दहशत के साए में जीवन जीना पड़ेगा, इसलिए कैंप नहीं हटाने को लेकर आंदोलन कर रहे हैं:ग्रामीण

ग्रामीणों ने बताया होगी परेशानी: ग्रामीणों का कहना है कि पहले नक्सली जनअदालत लगाकर लोगों की पिटाई करते थे. शासन प्रशासन को जानकारी दी गई. फिर यहां कैंप लगाया गया. अब ग्रामीण शांति से रहने लगे. ग्रामीण पढ़ाई भी करने लगे. अब हर घर से कोई न कोई 12वीं पास कर चुका है. अब कैंप चला जाएगा तो हमें दिक्कत होगी.

कैंप से हमे हुआ फायदा: ग्रामीणों का कहना है कि कैंप लगने की वजह से रोड बनी है. स्कूल में पढ़ाई हो रही है. लोग पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहे हैं. बीएसएफ कैंप के निर्देशन में हमारे गांव के लोगों का आर्मी में सिलेक्शन हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि फोन से सांसद से भी बात की गई है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि कैंप नहीं हटेगा. महिलाओं का कहना है कि कैंप लगने के बाद से हम सुख शांति से रह रहे हैं. हमारे बच्चे अच्छे से पढ़ाई कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि कैंप न हटाया जाए. कैंप हटेगा तो नक्सली यहां आकर हमें गोली मार देंगे.

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि हर दस किमी में कैंप खुला तबसे हम सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. यह कैंप भी पांच पंचायत में सर्चिंग करते हैं इसलिए हम सुरक्षित हैं. कैंप हटेगा तो लाल आतंक वाले फिर वापस आ जाएंगे.

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Last Updated : Nov 9, 2024, 11:36 PM IST

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