चंडीगढ़/हिसार/रोहतक :भारतीय जनता पार्टी की हिमाचल की मंडी से सांसद कंगना रनौत ने कृषि कानूनों पर दिए गए अपने बयान से बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है. राहुल गांधी समेत कांग्रेस के नेताओं और अरविंद केजरीवाल ने कंगना रनौत के बयान को आधार बनाते हुए बीजेपी को किसानों के मामले पर घेरना शुरू कर दिया है.
कंगना रनौत ने लिया यू-टर्न :हालांकि कंगना रनौत ने पूरे मामले पर दिए बयान पर यू-टर्न ले डाला है. कंगना ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो पर बोलते हुए कहा है कि कृषि कानूनों के मसले पर वे पार्टी के साथ खड़ी हैं और अपने शब्दों को वापस लेती हैं. कंगना ने कहा कि उनसे कृषि कानूनों को लेकर सवाल पूछा गया था और उन्होंने कुछ सुझाव दिए थे कि किसानों को प्रधानमंत्री से कृषि कानून वापस लाने का निवेदन करना चाहिए क्योंकि जब कृषि कानून आए थे, तो काफी लोगों ने इसका समर्थन किया था. हालांकि मेरी इस बात से काफी लोग निराश हैं. अब मुझे ये ध्यान रखना होगा कि मैं अब कलाकार ही नहीं, बीजेपी कार्यकर्ता हूं. मेरे ओपिनियन अपने नहीं होने चाहिए, वो पार्टी का स्टैंड होना चाहिए. मुझे खेद है. मैं अपने शब्दों को वापस लेती हूं.
राहुल गांधी ने क्या कहा ? :राहुल गांधी ने कहा है कि सरकार की नीति कौन तय कर रहा है? एक भाजपा सांसद या प्रधानमंत्री मोदी? 700 से ज़्यादा किसानों, खास कर हरियाणा और पंजाब के किसानों की शहादत ले कर भी भाजपा वालों का मन नहीं भरा. हमारे अन्नदाताओं के विरुद्ध भाजपा का कोई भी षडयंत्र कामयाब नहीं होने देंगे. अगर किसानों को नुकसान पहुंचाने के लिए कोई भी कदम उठाया जाएगा तो मोदी को फिर से माफी मांगनी पड़ेगी.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने क्या कहा ? :कंगना रनौत का बयान सामने आते ही कांग्रेस ने बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि इससे कंगना रनौत की मानसिकता का पता चलता है. किसानों ने काले कानूनों को वापस कराने के लिए अपनी जिंदगियां कुर्बान कर दी है.
दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने क्या कहा ? :वहीं हरियाणा के रोहतक से सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि तीन कृषि कानून पर कंगना रनौत का बयान बीजेपी की सोच को दर्शाता है. इस बयान के जरिये भाजपा किसानों की नब्ज टटोल रही है कि उनकी क्या प्रतिक्रिया है. साथ ही उन्होंने केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल खट्टर की सभा में आये युवक को धक्के मारकर बाहर निकालने के निर्देश को अलोकतांत्रिक बताया. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री खुशफहमी में होंगे कि उन्होंने अपनी सभा से एक युवक को बाहर निकाल दिया लेकिन जनता ने भाजपा को ही सत्ता से बाहर निकालने का संकल्प ले लिया है. खट्टर का ये व्यवहार बीजेपी की युवा विरोधी मानसिकता को दर्शाता है.
सुप्रिया श्रीनेत ने क्या कहा ? :कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने चंडीगढ़ में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए किसानों के मुद्दे को लेकर हरियाणा और केंद्र सरकार को जमकर घेरा. उन्होंने कहा कि हरियाणा और केंद्र सरकार ने किसानों पर लाठीचार्ज किया. किसान दिल्ली जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें जाने नहीं दिया गया. चुनाव में इनका भी हिसाब होगा. कंगना के बयान पर अभी तक भाजपा चुप है. किसी नेता का बयान नहीं आया. क्या हम भाजपा की चुप्पी को कंगना के बयान पर उसकी सहमति माने. वहीं उन्होंने शंभू बॉर्डर पर बैठे किसानों को मुखौटा कहने के मनोहर लाल खट्टर के बयान पर कहा कि ऐसे बयानों के लिए उनको शर्म आनी चाहिए. जो अन्नदाता फसल उगाता है, हम सबका पेट पालता है उसको आप कैसे मुखौटा बता सकते हैं.