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कामिका एकादशी 2024: सावन की पहली एकादशी कब? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व - Kamika Ekadshi 2024 - KAMIKA EKADSHI 2024

कामिका एकादशी श्रवण महीने में पड़ने वाली पहली एकादशी है. धार्मिक दृष्टि से कामिका एकादशी का व्रत काफी महत्वपूर्ण बताया गया है. कामिका एकादशी का व्रत 31 जुलाई को रखा जाएगा.

कामिका एकादशी 2024
कामिका एकादशी 2024 (etv bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 30, 2024, 7:44 PM IST

आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा (etv bharat)

नई दिल्ली/गाजियाबाद: सोमवार, 22 जुलाई 2024 से श्रावण मास की शुरुआत हो चुकी है. प्रत्येक महीने में दो एकादशी व्रत पड़ने हैं. सावन मास में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की एकादशी व्रत पड़ रहे हैं. श्रावण महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है. श्रावण मास बेहद शुभ माना गया है. ऐसे में श्रावण मास में पड़ने वाली एकादशी का विशेष धार्मिक महत्व है. बुधवार 31 जुलाई 2024 को कामिका एकादशी का व्रत रखा जाएगा.

आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक कामिका एकादशी सभी ईच्छाओं और कामनाओं को पूर्ण करने वाली एकादशी है. कामिका एकादशी सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी. कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ मां तुलसी की पूजा करने का विधान है. कामिका एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. इस व्रत को करने से सभी प्रकार के पाप और कष्टों से मुक्ति मिलती है और भगवान विष्णु के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है. साथ ही जीवन में आर्थिक सफलता का स्थाई वास होता है. घर में अन्न और धन की कभी कमी नहीं होती. अपने समर्थ के अनुसार इस दिन गरीबों को जरूर दान करें.

० शुभ मुहूर्त

  1. कामिका एकादशी प्रारंभ: मंगलवार, 30 जुलाई 2024 को शाम 4:44 बजे से प्रारंभ होगी.
  2. कामिका एकादशी समाप्त: बुधवार, 31 जुलाई 2024 को 3:55 बजे पर समाप्त होगी.
  3. कामिका एकादशी व्रत पारण का समय: गुरुवार, 1 अगस्त 2024 को सुबह 5:42 बजे से 8:24 बजे तक.
  4. उदयातिथि के अनुसार बुधवार, 31 जुलाई 2024 को कमी का एकादशी का व्रत रखा जाएगा.

    पूजा की विधि

कामिका एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें. दैनिक दिनचर्या समेत स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ सुथरे वस्त्र धारण करें. घर के मंदिर की सफाई करें. पूजा के स्थान पर पीला वस्त्र बिछाएं. भगवान विष्णु की मूर्ति को गंगाजल से शुद्ध करने के पश्चात पीले वस्त्र पर मूर्ति की स्थापना करें. विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करें. पूजा के पश्चात विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें. एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित बताया गया है.

नियम

  1. कामिका एकादशी के दिन सात्विक तक पालन करें. तामसिक भोजन भूल कर भी ग्रहण न करें.
  2. इस दिन ब्रह्मचर्य का सख्ती से पालन करना बताया गया है. इस दिन संबंध बनाना पाप समान बताया गया है.
  3. वाणी पर विशेष नियंत्रण रखें. किसी से अब शब्द ना कहें दुर्व्यवहार और गुस्से को पूर्णता त्याग दें.

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Disclaimer: खबर मान्यता और जानकारी पर आधारित है. खबर में दी गई किसी भी जानकारी की ईटीवी भारत पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहद आवश्यक है.

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