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यूपी के कैंसर मरीजों को मिलेगी राहत; लखनऊ के इस संस्थान में नए 350 बेड, होगी माइक्रो वैस्कुलर सर्जरी - KALYAN SINGH CANCER INSTITUTE

लखनऊ के कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान में कैंसर मरीजों के लिए 350 बेड तैयार किए जा रहे हैं.

kalyan singh cancer institute
kalyan singh cancer institute (Photo Credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 4, 2025, 2:20 PM IST

लखनऊ:राजधानी के कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान में 5 और 9 मंजिलों वाली दो बिल्डिंग तैयार हो गई हैं. इनमें 350 बेड लगाए जाएंगे, जिन पर कैंसर मरीजों को भर्ती किया जा सकेगा। राजकीय निर्माण निगम दोनों इमारतों को अगले तीन महीने में हैंडओवर कर देगा.

जानकारी के मुताबिक, यहां मरीजों के इलाज के लिए 12 डॉक्टरों की नियुक्ति संविदा के तौर पर की जाएगी. शासन से इसकी मंजूरी मिल चुकी है. इसके साथ कुछ महीनों में माइक्रो वैस्कुलर सर्जरी से भी कैंसर का शुरू होगा. इसके लिए माइक्रो स्कोप खरीदने के लिए मंजूरी मिल गई है.

यह विभाग किए जाएंगे शिफ्ट:कैंसर संस्थान के निदेशक प्रो. एमएलबी भट्ट ने बताया कि नौ मंजिला इमारत में सर्जिकल ऑन्कॉलजी, हेड ऐंड नेक ऑन्कॉलजी, गाइनी ऑन्कॉलजी, न्यूरो ऑन्कॉलजी और ऑर्थो ऑन्कॉलजी विभाग शिफ्ट किए जाएंगे.

इसके साथ ही रेडियोथेरपी की हाईटेक मशीनों की खरीद को भी मंजूरी मिल गई है. उम्मीद है कि ये मशीनें इसी साल आ जाएंगी. 42 बेड की क्रिटिकल केयर मेडिसिन यूनिट तैयार है। इसे मार्च तक शुरू कर दिया जाएगा. संस्थान में शिक्षकों के 93 पदों पर भर्ती होगी. रेजिडेंट और नर्सिंग स्टाफ के 150 आवास तैयार हैं.

शुरू होगी माइक्रो वैस्कुलर सर्जरी:हेड ऐंड नेक ऑन्कॉलजी विभाग के हेड प्रो. गौरव सिंह के मुताबिक, कैसर संस्थान में माइक्रो वैस्कुलर सर्जरी इसी साल शुरू होगी. इसके लिए मशीनों की खरीद को मंजूरी मिल चुकी है. इसका फायदा उन मरीजों को होगा, जिनके क्षतिग्रस्त ऊतकों की मरम्मत की जरूरत होती है. चोट या जन्मजात दिक्कतों में भी लाभ मिलेगा. स्तन, फेफड़ों, मलाशय, आंखों और त्वचा कैंसर के मरीजों का इलाज ब्रेकी थेरपी से जल्द शुरू होगा.

पुरुषों में मुंह, महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर बढ़ा:बलरामपुर अस्पताल के डॉ. आरके चौधरी ने बताया कि पिछले पांच साल में पुरुषों में मुंह का कैंसर तो महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़े हैं. मुंह के कैंसर से के ज्यादातर मरीज पान मसाला, तंबाकू, और हुक्का पीने के लती होते हैं. ऐसे लोगों को सचेत रहने की भी सलाह दी है, जिनके दांत नुकीले होते हैं. इससे खाना खाते वक्त अक्सर मुंह के भीतर की चमड़ी छिल जाती है.

केजीएमयू में आसान होगा पेट के कैंसर का इलाज:केजीएमयू में हाइपरथर्मिक यानी इंट्रापेरिटोनियल कीमोथेरपी (हाईपेक) थेरपी से पेट के कैंसर के मरीजों का इलाज शुरू हो गया है. अभी तक यह सुविधा केवल लोहिया संस्थान में थी. केजीएमयू के ऑन्कॉलजी विभाग के हेड प्रो. विजय ने बताया कि पेट में फैले कैंसर को ठीक करने में हाईपेक तकनीक सबसे कारगर है.

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