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BJP के कर्मबीर कौल बने कैथल जिला परिषद के चेयरमैन, अविश्वास प्रस्ताव लाकर छीना JJP के दीप मलिक का पद

Kaithal Zila Parishad Chairman: BJP के कर्मबीर कौल सर्वसम्मति से कैथल जिला परिषद के नए चेयरमैन चुने गए हैं.

Kaithal Zila Parishad Chairman
Kaithal Zila Parishad Chairman (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 31, 2024, 11:26 AM IST

कैथल: जिला परिषद में लंबी खींचतान के बाद बुधवार को नए चेयरमैन को लेकर फैसला हो गया. BJP के कर्मबीर कौल सर्वसम्मति से नए चेयरमैन चुने गए. मीटिंग में 21 में से 19 पार्षद पहुंचे थे. इसके साथ डिप्टी सीईओ रितु लाठर, पूंडरी विधायक सतपाल जांबा, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक गुर्जर और जिला अध्यक्ष मनीष कठवाड़ भी मौजूद रहे. इससे पहले JJP समर्थित दीप मलिक कैथल जिला परिषद के चेयरमैन थे.

कर्मबीर कौल बने चेयरमैन: JJP के दीप मलिक को अविश्वास प्रस्ताव लाकर कैथल जिला परिषद के चेयरमैन पद से हटाया गया था. नए चेयरमैन की दौड़ में कर्मबीर कौल का नाम सबसे आगे था. वो पहले वाइस चेयरमैन थे. दीप मलिक के खिलाफ हुए पार्षदों का नेतृत्व कर्मबीर कौल ही करते नजर आए. पार्षदों व भाजपा के स्थानीय पदाधिकारियों के साथ अच्छे संबंधों का फायदा उनको मिला. वहीं वाइस चेयरमैन का चुनाव लगभग 20 दिन बाद किया जाएगा.

14 अक्टूबर को गई थी दीप मलिक की कुर्सी: जनवरी 2023 में जिला परिषद चेयरमैन चुने गए दीप मलिक की 14 अक्टूबर को कुर्सी छीन गई थी. उनके खिलाफ पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे. विश्वास प्रस्ताव के लिए 12 जुलाई को 15 पार्षदों ने DC को शपथ पत्र सौंप थे. जिसके बाद प्रशासन ने 19 जुलाई को मीटिंग बुलाई थी. इस बीच दीपक मलिक मलिक प्रशासन के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंच गए थे. आरोप लगाया था कि मीटिंग बुलाने के लिए नियमों का पालन नहीं किया गया. हाई कोर्ट ने तय दिन पर वोटिंग करवाने के आदेश दिए, लेकिन अंतिम फैसला आने तक रिजल्ट घोषित करने पर स्टे लगा दिया था.

19 जुलाई 2024 को हुई थी वोटिंग: 19 जुलाई को 17 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग की. जिसमें चेयरमैन दीप मलिक नहीं पहुंचे थे. अगस्त में हाई कोर्ट ने फैसला प्रशासन के पक्ष में दिया, लेकिन आचार संहिता की वजह से रिजल्ट जारी नहीं हो सका. 14 अक्टूबर को डीसी की अध्यक्षता में वोटों की गिनती हुई. 17 पार्षदों के वोट अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मिलने पर दीप मलिक की कुर्सी गई थी.

कर्मबीर कौल ने छीनी थी ग्रांट बांटने की पावर: जनवरी 2023 में जिला परिषद चेयरमैन बनाने को लेकर भाजपा व JJP दोनों ही पार्टियों में खूब खींचतान हुई थी. दोनों ही पार्टी अपना चेयरमैन बनाने के लिए जोर लगा रही थी, लेकिन बाजी JJP के हाथ लगी. जेजेपी के सहयोग से दीप मलिक चेयरमैन तो बने, लेकिन पहली मीटिंग से उनके सामने अड़चन शुरू हो गई थी. हाउस की पहली ही मीटिंग में चेयरमैन से ग्रांट बांटने की पावर छीन गई.

कुर्सी नहीं बचा पाए जेजेपी के दीप मलिक: वोटिंग के माध्यम से ग्रांट बांटने का अधिकार भाजपा समर्थित वाइस चेयरमैन कर्मबीर कौल को मिल गया था. हालांकि बाद में ग्रांट वितरण का अधिकार दीप मलिक को मिल गया था. इसके बाद पार्षद दीप मलिक से बागी होने लगे. चेयरमैन द्वारा ग्रांट वितरण में भेदभाव के आरोप लगे. पार्षद व पार्षद प्रतिनिधि को भ्रष्टाचार के केस में फंसाने के भी आरोप लगाए गए. जिस कारण दीप मलिक अपनी कुर्सी नहीं बचा पाए थे.

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