रांची:जेएसएससी सीजीएल परीक्षा विवाद दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है. एक तरफ इसे लेकर विपक्षी दल सरकार को घेर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ 30 सितंबर यानी आज आयोग के सामने अभ्यार्थियों के जुटान का आह्वान किया गया है. दूसरी तरफ राजभवन से आयोग तक पहुंची गड़बड़ी की शिकायत के बाद तीन सदस्यीय कमेटी पूरे मामले की जांच कर रही है.
इस बीच जेएसएससी के सचिव ने एग्जाम फाइटर कोचिंग के कुणाल प्रताप सिंह, करियर फाउंडेशन के प्रकाश कुमार, अभ्यर्थी आशीष कुमार, रामचंद्र मंडल, विनय कुमार और प्रेमलाल ठाकुर को साक्ष्य के मूल स्रोत के साथ 30 सितंबर को अपराह्न 3:00 बजे आयोग के दफ्तर में बुलाया है. आयोग की ओर से कहा गया है कि शिकायत से जुड़े साक्ष्य सीडी और पेन ड्राइव के जरिए उपलब्ध कराए गए हैं, लेकिन सीडी खाली है. वहीं, पेन ड्राइव के साक्ष्य के लिए मूल प्राथमिक साक्ष्य का होना जरूरी है.
आयोग ने शिकायतकर्ताओं से मांगा जवाब
आयोग के सचिव सुधीर कुमार गुप्ता ने पूछा है कि जांच प्रक्रिया पूरी हुए बिना छात्रों को 30 सितंबर को आयोग के दफ्तर के सामने जमा होने के लिए आह्वान के पीछे की मंशा क्या है. क्या इसके लिए सक्षम स्तर से अनुमति ली गई है. क्या जांच को प्रभावित करने के लिए भीड़ इकट्ठा करने के लिए कहा जा रहा है. इस दौरान अगर विधि व्यवस्था भंग होने की समस्या सामने आती है या भीड़ द्वारा आयोग के कर्मियों को नुकसान पहुंचाया जाता है तो इसको अवैध मानते हुए आपके खिलाफ जवाबदेही क्यों न सुनिश्चित की जाए. नोटिस में कहा गया है कि 26 सितंबर को भी माइक के जरिए छात्रों को उकसाया जा रहा था.