जबलपुर। जबलपुर के मानस भवन में हुए प्रबुद्धजन सम्मेलन में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीपी नड्डा ने कहा "इंडिया गठबंधन की ज्यादातर पार्टियां परिवारवाद में फंसी है. वे केवल अपने परिवार को ही आगे बढ़ाने के लिए राजनीति कर रहे हैं. केवल बीजेपी देश के विकास के लिए काम कर रही है. हम ऐसी मानसिकता में थे, जहां में यह समझा दिया गया था कि अब कुछ बदलने वाला नहीं है. हम उस मानसिकता से अब निकल कर आए हैं. मोदी जी ने यह बता दिया है कि बदलाव हो सकता है. यह पॉलिटिकल चेंज है. राजनीति की संस्कृति में परिवर्तन हुआ है. राजनीतिक दल पहले जातिवादी वोट बैक के राजनीति करते थे. पहले केवल तुष्टिकरण की राजनीति हो रही थी."
विकासवाद की राजनीति करते हैं पीएम मोदी
जेपी नड्डा ने कहा "आज विकासवाद की राजनीति हो रही है. यह राजनीति रिपोर्ट कार्ड की है या राजनीति अकाउंटेबिलिटी की है. सबको साथ चलने की, सबको न्याय देने की राजनीति करते हैं हम. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी की राजनीति करने के तरीके को बदल दिया है. आज हमारी पार्टी में जो भी आ रहा है, वह राजनीति के नए तरीके को अपना रहा है. कॉविड काल के दौरान दुनिया के देश अर्थव्यवस्था और मानवता के बीच में फैसला नहीं कर पाए, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जान है तो जहान है. लॉकडाउन लगाया और देश को दोबारा लगने के लिए तैयार किया. कोविड के दौरान वैक्सीन को मोदी टीका कहकर बदनाम किया गया लेकिन खुद कांग्रेसी वैक्सीन लगवा रहे थे और जनता को भ्रमित कर रहे थे."
देश में अब बेरोजगारी नहीं, केवल कांग्रेसी बेरोजगार हैं
जेपी नड्डा ने कहा "कोरोना वायरस की महामारी के बाद कई देशों की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गईं लेकिन मॉर्गन स्टेनली बोलता है कि आज का भारत पहले से बहुत अलग है. दुनिया की कई अर्थव्यवस्था पर जानकारी रखने वाली एजेंसियां भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ती हुई बता रहे हैं. कांग्रेसी जिस बेरोजगारी की बात करते हैं दरअसल वे खुद बेरोजगार हो रहे हैं. रसिया, अर्जेंटीना, जर्मनी सभी का इन्फ्लेशन रेट भारत से ज्यादा है. यूपीए की सरकार में इन्फ्लेशन रेट 10% से नीचे कभी नहीं आया उस समय आज से ज्यादा महंगाई थी."
भारत पांचवें नंबर की अर्थव्यवस्था बना
जेपी नड्डा ने भारत की बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था के बारे में बताया "दुनिया में भारत तीसरे नंबर की ऑटोमोबाइल मार्केट बन गया है. फार्मास्युटिकल्स में भारत का एक्सपोर्ट 138 प्रतिशत बढ़ा है. सबसे सस्ती और इफेक्टिव दवा भारत दे रहा है. वह पूरी दुनिया को देखकर मानवता की सेवा कर रहा है. भारत में अति गरीबी एक प्रतिशत से भी काम हो गई है. गरीबी रेखा के नीचे भी हम मात्र 25% लोग ही रह गए हैं. पहले भारत में तेरह आईआईएम थे. यह अब 20 आईआईएम तक पहुंच गए हैं."