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जिम कॉर्बेट पार्क में 47 साल में 1125 से घटकर 100 रह गए हॉग डियर, अब सेटेलाइट और ग्राउंड स्टडी से बढ़ाएंगे संख्या - Hog Deer at Jim Corbett Park - HOG DEER AT JIM CORBETT PARK

Hog deer count in Jim Corbett Park at Ramnagar हॉग डियर कभी जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की शान थे. लेकिन अब यहां हिरन की ये प्रजाति नाम मात्र को ही बची है. नदियों के दलदले (Swampy Area) में रहने वाले हॉग डियर की संख्या जानने के लिए जिन कॉर्बेट पार्क प्रशासन रिसर्च कर रहा है. सेटेलाइट और ग्राउंड स्टडी के आधार पर ये भी पता लगाया जाएगा कि हॉग डियर को कैसा स्थल और कैसा वातावरण रहने के लिए अनुकूल है.

Hog deer count in Jim Corbett Park
रामनगर कॉर्बेट पार्क समाचार (Photo - Jim Corbett Park)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 4, 2024, 12:11 PM IST

Updated : Sep 4, 2024, 1:32 PM IST

हॉग डियर की होगी गिनती (Video- ETV Bharat)

रामनगर: विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क प्रशासन बाघ, हाथी आदि की संख्या बढ़ाने के साथ ही अब कम होते हॉग डियर की संख्या भी बढ़ाने के लिए शोध कर रहा है. अब शोध के जरिए, हॉग डियर के पसंदीदा वास स्थलों को विकसित किया जाएगा. जिम कार्बेट पार्क में हॉग डियर की संख्या बढ़ाने के लिए अनुकूल परिस्थितियां तैयार की जा रही हैं.

हॉग डियर की गणना होगी: जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में हर वर्ष वन्य जीवों और जंगलों का दीदार करने के लिए लाखों पर्यटक पहुंचते हैं. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क को देश विदेश में बाघों के शानदार घनत्व के लिए भी जाना जाता है. यहां बाघों के साथ हाथी, गुलदार, भालू समेत असंख्य वन्य जीव पाए जाते हैं. पार्क में बाघ, हाथी, पशु पक्षियों की संख्या में तो लगातार इजाफा हुआ है, लेकिन हॉग डियर की संख्या में लगातार कमी आई है. इसको लेकर पार्क प्रशासन अब इनकी संख्या बढ़ाने को लेकर कई कार्य कर रहा है. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के रामगंगा या दलदले क्षेत्र में हॉग डियर देखे जाते हैं, जिनमें पार्क के ढिकाला और अन्य क्षेत्र शामिल हैं. इसका एक कारण ये है कि यहां दलदले एरिया में लगातार कमी देखने को मिल रही है.

हॉग डियर की होगी काउंटिंग (ETV Bharat Graphics)

घटती गई हॉग डियर की संख्या: आपको बता दें कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में 1977 में हॉग डियर की संख्या 1125 थी. सन् 2000 में इनकी संख्या घटकर 294 रह गई थी. साल 2008 में ये संख्या घटकर 233 हो गई. साल 2020-21 में यहां सिर्फ 100 हॉग डियर ही रह गए थे. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक साकेत बडोला ने कहा कि कॉर्बेट पार्क में हॉग डियर की अच्छी संख्या पाई जाती थी. लेकिन लंबे समय से हॉग डियर पर कोई शोध नहीं हुआ है. उनकी संख्या कितनी है और उसको बढ़ाने के लिए क्या प्रयास किया जा सकता है, इसी को लेकर संयुक्त प्रयास के अंतर्गत शोध होता है. पार्क की शोध टीम द्वारा इस स्पेशल प्रोजेक्ट में काम किया जा रहा है. हॉग डियर जिन स्थानों में पाया जाता है, उन स्थानों की सेटेलाइट इमेज और फील्ड विजिट के द्वारा इनकी स्टडी की जायेगी.

47 साल 1125 से घटकर सिर्फ 100 रह गए हॉग डियर (Photo- Jim Corbett Park)

हॉग डियर पर होगा शोध: साकेत बडोला ने बताया कि हॉग डियर की की संख्या कितनी है. कितने मेल और कितने फीमेल हॉग डियर हैं. इनके बच्चे कितने हैं, इन सब के बारे में चर्चाएं की जायेंगी. कौन से वास स्थल ऐसे हैं जो हॉग डियर ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, उन पर रिसर्च की जा रही है. उन्होंने कहा कि हम यह भी देखेंगे कि ऐसे पोटेंशियल ग्रासलैंड और वास स्थल हैं जहां पर हॉग डियर की संख्या बढ़ती है. पार्क के कौन से स्थानों को इस्तेमाल किया जा सकता है. घास के मैदानों में वो कौन सी घास की प्रजातियां पाई जाती हैं, जो हॉग डियर की पॉपुलेशन को बढ़ाती हैं, उनके बारे में भी एक डीप स्टडी की जाएगी.

क्या है हॉग डियर?हॉग डियर (हाइलाफस पोर्सिनस) एक छोटा हिरन है. इसका निवास स्थान उत्तरी भारत, श्रीलंका से पाकिस्तान और साउथ ईस्ट एशिया तक है. दूसरे महाद्वीवों में ये ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका में पाए जाते है. वन्य जीव विशेषज्ञों के अनुसार हॉग डियर अपना सिर नीचे झुकाकर दौड़ता है. इसका कारण ये है कि ऐसा करने से छलांग लगाने की बजाय आक्रमणकारी या बाधा के नीचे से निकल सके. ऐसी प्रवृत्ति सुअर में भी पाई जाती है.
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Last Updated : Sep 4, 2024, 1:32 PM IST

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