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39 कैदी अब खुली हवा में लेंगे सांस, राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में लगी मुहर! - State Sentence Review Board - STATE SENTENCE REVIEW BOARD

State Sentence Review Board Meeting. झारखंड के विभिन्न जेलों में बंद 39 कैदी अब रिहा होंगे. रांची में झारखंड मंत्रालय में राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में इन कैदियों को रिहा करने की स्वीकृति प्रदान की गयी है. ये बैठक सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई.

Jharkhand State Sentence Review Board Meeting Chaired by CM Hemant Soren
राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक (Etv Bharat)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 5, 2024, 7:24 PM IST

रांचीः झारखंड के विभिन्न जेलों में लंबे समय से सजा काट रहे 39 कैदी खुली हवा में सांस लेंगे. सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की हुई बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई.

झारखंड मंत्रालय में हुई इस बैठक में 74 कैदियों के कारा मुक्ति के लिए प्रस्ताव आया था, जिसमें अंतिम रूप से 39 कैदियों को रिहा करने की स्वीकृति प्रदान की गई. समीक्षा के क्रम में न्यायालय संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक जेल अधीक्षक और प्रोबेशन पदाधिकारी के रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा हुई. जिसके बाद कैदियों के रिहाई पर मुहर लगाई गई है. इस बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा सीएम के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, विधि विभाग के प्रधान सचिव नलिन कुमार, गृह विभाग के प्रधान सचिव वंदना दादेल, रांची के न्यायिक आयुक्त, दिवाकर पांडे डीजीपी अनुराग गुप्ता, जेल आईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल उपस्थित रहे.

रिहा होने वाले कैदियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का निर्देश

राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की 31वीं बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जो भी कैदी रिहा हो रहे हैं उनके फैमिली बैकग्राउंड, सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति का आकलन करके उन्हें समाज के मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया जाए. इसके साथ ही रिहा होने वाले कैदियों के जीवन यापन और रोजगार सृजन के लिए विशेष कार्य योजना बनाई जाए.

इस बैठक में मौजूद पदाधिकारियों को निर्देशित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कैदियों को स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम से जोड़ने का काम करें. रोजगार से जोड़ने के लिए उन्हें डेयरी फार्म, मुर्गी फार्म, पशुपालन जैसी योजनाओं का लाभ देकर आर्थिक स्थिति मजबूत किया जा सकता है. सीएम ने कहा कि रिहा होने वाले वैसे कैदी जिनकी उम्र अधिक हो चुकी है उनकी पारिवारिक स्थिति की भी जानकारी पदाधिकारी को लेनी चाहिए. जिससे उन्हें समाज के मुख्यधारा से जोड़ने में सहुलियत मिल सके.

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