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झारखंड पुलिस नक्सलवाद और डायन प्रथा के खिलाफ करेगी जागरूक, लाल गलियारे में रहने वाले बच्चे देखेंगे कार्टून - Jharkhand Police

Campaign in naxal affected areas of Jharkhand. झारखंड पुलिस एक अनोखी पहल शुरू करने जा रही है. जिसका उद्देश्य नक्सल प्रभावित इलाके में रहने वाले बच्चों को शिक्षित करना और युवाओं को नक्सलवाद और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरूक करना है. खबर में जानिए कब से शुरू होगा झारखंड पुलिस का यह अभियान.

Jharkhand Police Awareness Campaign
बच्चों के बीच किताब-कॉपी का वितरण करते पुलिसकर्मी. (कॉन्सेप्ट इमेज-ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 28, 2024, 10:00 PM IST

रांचीः झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाके में रहने वाले बच्चे भी अब छोटा भीम और डोरेमोन जैसे कार्टून देख पाएंगे. वहीं बड़े-बुजुर्गों और युवाओं को नक्सलवाद और डायन प्रथा जैसे कुरीतियों के खिलाफ फिल्म के जरिए जागरूक किया जाएगा. इसे लेकर झारखंड पुलिस ने बड़ी तैयारी की है.

टीवी स्क्रीन पर दिखेगा कार्टून

झारखंड की लाल गलियों में रहने वाले बच्चे भी अब कार्टून फिल्म देख पाएंगे. कार्टून फिल्मों के अलावा बच्चों को ज्ञानवर्धक फिल्में भी दिखाई जाएंगी. झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता की पहल पर इस योजना को जमीन पर उतारने की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

झारखंड पुलिस के अभियान के बारे में जानकारी देते डीजीपी अनुराग गुप्ता. (वीडियो-ईटीवी भारत)

डीजीपी अनुराग गुप्ता ने दी जानकारी

इस संबंध में झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि नक्सल प्रभावित इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए झारखंड पुलिस की विशेष योजना है. इसके तहत बच्चों न सिर्फ पढ़ाया जाएगा, बल्कि उनका मनोरंजन भी किया जाएगा. इसके लिए वैन का प्रयोग किया जाएगा, जिसमें टीवी स्क्रीन लगी होगी. डीजीपी ने बताया कि बच्चों को कार्टून फिल्मों के साथ-साथ विज्ञान और दूसरे विषय से संबंधित फिल्में भी दिखाई जाएंगी, ताकि वे जागरूक हो सकें.

युवा जानेंगे नक्सलियों का सच

इसी योजना में झारखंड में नक्सलवाद, उग्रवाद, डायन प्रथा जैसी दूसरी तरह के कुरीतियों को दूर करने के लिए भी झारखंड पुलिस की टीम ग्रामीणों को भी जागरूक करेगी. पुलिस मुख्यालय के अनुसार नक्सल प्रभावित के साथ-साथ सुदूरवर्ती और संवेदनशील इलाकों में जनसंपर्क बनाने, सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार, महिला एवं बाल अपराध, मानव तस्करी, डायन हत्या और साइबर अपराध के खिलाफ भी लोगों को जागरूक किया जाएगा.

झारखंड पुलिस का जागरुकता कार्यक्रम. (फोटो-ईटीवी भारत)

इसके अलावा नशा विरोधी अभियान और सरेंडर नीति के संबंध में भी ग्रामीणों से सीधा संवाद स्थापित किया जाएगा. जागरुकता अभियान चलाने के लिए स्थानीय भाषा में वीडियो भी तैयार कर लिया गया है.

पीआरडी उपलब्ध कराएगा प्रचार वाहन

झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि अब तक पुलिस खुद से टीवी स्क्रीन के जरिए लोगों को कई तरह की फिल्में दिखाकर जागरूक कर रही थी. टीवी स्क्रीन पर ही बच्चों को कार्टून भी दिखाया जा रहा था, लेकिन अब झारखंड सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के द्वारा झारखंड पुलिस को 30 प्रचार वाहन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं.

इन प्रचार वाहनों के जरिए बच्चों को कार्टून फिल्में दिखाई जाएगी, जबकि बड़े-बुजुर्ग और युवाओं को नक्सलियों के खिलाफ बनायी गई फिल्में दिखाई जाएंगी, जिसमें यह दर्शाया जाएगा कि किस तरह से नक्सली गरीब और बेसहारा ग्रामीणों पर जुल्म करते हैं. नक्सली सरेंडर नीति से संबंधित फिल्म भी दिखाई जाएगी.

प्रथम चरण में 13 जिलों का चयन

पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार प्रचार अभियान के प्रथम चरण में 13 जिलों का चयन किया गया है. जागरुकता के लिए स्थानीय भाषा में वीडियो भी तैयार किया गया है .पुलिस मुख्यालय के स्तर से जागरुकता अभियान के लिए एसटीएफ के डीआईजी इंद्रजीत महता को नोडल अधिकारी बनाया गया है.

कहां कितने वाहन मिलेंगे

पुलिस मुख्यालय से मिली सूची के अनुसार झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम में पांच प्रचार वाहन, लातेहार में तीन प्रचार वाहन, गिरिडीह में तीन प्रचार वाहन, लोहरदगा में दो प्रचार वाहन, गुमला में दो प्रचार वाहन, खूंटी में दो प्रचार वाहन, सरायकेला में दो प्रचार वाहन, चतरा में दो प्रचार वाहन, बोकारो में दो प्रचार वाहन, रांची में दो प्रचार वाहन, जामताड़ा में दो प्रचार वाहन और देवघर में एक प्रचार वाहन पीआरडी की तरफ से उपलब्ध कराया जाएगा.

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