रांचीः झारखंड के कई जिलों में हाल के दिनों में संगठित अपराधी गिरोह के साथ-साथ उग्रवादी और नक्सली संगठनों के द्वारा रंगदारी और लेवी मांगने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. झारखंड पुलिस ऐसे गिरोहों पर नकेल कसने के लिए दोहरे एफआईआर करना शुरू कर दिया है. इसमे वे लोग भी शामिल है जिनके नाम पर सिम कार्ड खरीदा गया है.
मोबाइल धारक रडार पर
आपराधिक गिरोह हो या फिर उग्रवादी संगठन, सभी रंगदारी मांगने के लिए मोबाइल फोन का और इंटरनेट सर्विस का लगातार प्रयोग कर रहे हैं. फोन के जरिए धमकी देकर रंगदारी मांगना, व्हाट्सएप के जरिए संगठन का पर्चा भेज कर रंगदारी मांगना हो हर चीज के लिए मोबाइल सिमकार्ड का प्रयोग किया जा रहा है. झारखंड पुलिस के डीजीपी अनुराग गुप्ता के अनुसार यह देखा जा रहा था कि जिन मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल कारोबारियों के खिलाफ एक्सटॉर्शन मांगने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती थी.
पूरे मामले की जब डीजीपी ने खुद जांच की और उसके बाद एक सख्त आदेश जारी किया आदेश यह है कि जिन मोबाइल नंबरों से रंगदारी के कॉल्स आ रहे हैं उन पर भी एफआईआर दर्ज की जाए. रंगदारी के मामले में दो एफआईआर दर्ज की जाए. एक ही केस में पहला एफआईआर जिस अपराधी के द्वारा रंगदारी मांगी गई है उस पर और दूसरा वह सिमकार्ड धारक जिसके मोबाइल का प्रयोग रंगदारी मांगे जाने के लिए किया गया, उसके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जाए.
क्या क्या है निर्देश