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रांची में जमीन विवाद में खूनी खेल की कहानी, जानिए कैसे दो परिवार हो गए तबाह - BLOODY GAME IN LAND DISPUTE

रांची पुलिस ने मधुसूदन राय हत्याकांड का खुलासा कर दिया है. हत्या की वजह जमीन विवाद में पुरानी रंजिश निकलकर सामने आई है.

Madhusudan Rai Murder Case
घटनास्थल पर जांच करती पुलिस. (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 24, 2025, 4:18 PM IST

Updated : Jan 24, 2025, 4:56 PM IST

रांचीः राजधानी रांची में जमीन को लेकर खून-खराबे का इतिहास काफी पुराना है. अक्सर यहां जमीन को लेकर खूनी खेल खेला जाता रहा है, लेकिन जमीन को लेकर कुछ ऐसी भी कहानियां हैं, जिसमें जमीन पर कब्जे को लेकर कई परिवार तबाह हो गए. रांची के नामकुम के रहने वाले मधुसूदन राय (अब मृत) और उनके गोतिया उमेश राय के बीच पिछले 24 सालों से 8 एकड़ जमीन को लेकर जो दुश्मनी शुरू हुई उसमें दोनों के परिवार पूरी तरह से बर्बाद हो गए.

24 साल से चल रही दुश्मनी

15 दिसंबर 2024 को रांची के नामकुम स्थित रिंग रोड पर मधुसूदन राय नाम के जमीन कारोबारी की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. अपराधियों ने मधुसूदन राय को आठ गोलियां मारी थी. मकसद साफ था कि किसी भी हाल में मधुसूदन राय को जिंदा नहीं छोड़ना है. मधुसूदन राय की हत्या उनके ही गोतिया उमेश राय ने करायी थी. रांची पुलिस के द्वारा मधुसूदन राय की हत्या में शामिल चार अपराधियों को 23 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. हालांकि मुख्य आरोपी उमेश राय अभी भी फरार चल रहा है. मधुसूदन राय और उमेश राय के परिवार के बीच जमीन को लेकर यह दुश्मनी पिछले 24 सालों से चली आ रही है. इस दुश्मनी में मधुसूदन और उनकी पत्नी दोनों की ही हत्या हो चुकी है.

Madhusudan Rai Murder Case
पुलिस की गिरफ्त में अपराधी (फोटो-ईटीवी भारत)

क्या है दुश्मनी की वजह

रांची के नामकुम थाना क्षेत्र में मधुसूदन राय और उमेश राय की पुश्तैनी जमीन का बंटवारा साल 2006 में ही हो गया था, लेकिन उमेश राय का आरोप था कि मधुसूदन ने उनके हिस्से की जमीन को बेच दिया. विवाद की जड़ बनी 8 एकड़ जमीन जिस पर मधुसूदन राय का कब्जा था, लेकिन दावा उमेश राय भी करता था. पहले तो उमेश और मधुसूदन के परिवार के बीच मामले को पंचायत में सुलझाने की कोशिश की गई, लेकिन मामला सुलझने के बजाय और बिगड़ता गया. नतीजा एक ऐसे खूनी संघर्ष की शुरुआत हुई जिसमें मधुसूदन का पूरा परिवार बर्बाद हो गया, जबकि उमेश राय फरारी का जीवन जीने को मजबूर हो गया.

2008 में मारी गई थी मधुसूधन की पत्नी

8 एकड़ की जमीन को लेकर शुरू हुआ विवाद 2008 आते-आते खूनी संघर्ष तक पहुंच गया. जमीन पर कब्जे के लिए अब उमेश राय किसी भी हद से गुजरने को तैयार था. साल 2008 में उसने मधुसूदन राय पर बंदूकधारियों से हमला करवाया, लेकिन मधुसूदन राय पर चली गोली को उसकी पत्नी ने अपने सीने पर ले लिया. इस हमले में मधुसूदन राय की पत्नी की मौत हो गई. फरार चल रहे उमेश राय और बाकी अपराधियों को साल 2009 में पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

2016 में फिर कराया हमला

चुकी जमीन मधुसूदन राय के कब्जे में थी और उमेश राय एक बार फिर से जमानत पर जेल से बाहर आ चुका था ऐसे में वह एक बार फिर से मधुसूदन राय की हत्या करवा कर 8 एकड़ की जमीन पर कब्जा करने की ताक में लग गया. साल 2016 में एक बार फिर से मधुसूदन राय पर हमला कराया गया, लेकिन इस हमले में वह बाल-बाल बच गया था.

इस बार मारे गए मधुसूधन

2016 के बाद 2024 में यानी फिर आठ साल बाद एक बार फिर उसी आठ एकड़ की जमीन पर कब्जे के लिए एक बार फिर उमेश राय ने मधुसूदन राय की हत्या की साजिश रच डाली. इस बार उमेश राय अपनी साजिश में कामयाब हो गया. उमेश राय 24 सालों से मधुसूदन राय की हत्या करवाना चाहता था. जिसमें वह 15 दिसंबर 2024 को कामयाब हो गया. मधुसूदन ने अपने कुछ अपराधी साथियों के साथ 15 दिसंबर को रांची के रिंग रोड में मधुसूदन राय पर हमला किया. इस हमले में मधुसूदन राय को कुल आठ गोलियां मारी गई. उमेश राय इस बार कोई भी मौका चूकना नहीं चाहता था इसलिए अपराधियों ने मधुसूदन राय को तब तक गोलियां मारी जब तक वह मौके पर ही मृत नहीं हो गया.

22 लोग जेल गए, दो मारे गए

8 एकड़ जमीन के विवाद में दो परिवारों के बीच शुरू हुई खूनी संघर्ष में एक परिवार के दो लोगों की जान जा चुकी है. वहीं बाकी परिवार भी खतरे में हैं. जबकि उमेश राय की तरफ से अब तक 22 लोग मधुसूदन राय और उसके परिवार पर हमले के आरोप में सलाखों के पीछे गए. उमेश भी एक बार जेल गया, लेकिन जमानत पर निकलने के बाद से ही फरार चल रहा है. 8 एकड़ जमीन के विवाद में उमेश राय भी कभी चैन से नहीं रह पाया. पूरा परिवार आज तक अदालत के चक्कर काट रहा है.

उमेश राय भी हुआ बर्बाद

8 एकड़ जमीन पर कब्जे को लेकर उमेश राय भी पूरी तरह से बर्बाद हो गया. जमीन की वजह से उमेश अपराध की दुनिया से जुड़ गया. आज की तारीख में उसपर एक दर्जन से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं. वह अपने घर से भागा-भागा फिर रहा है. वहीं मधुसूदन राय के परिवार को बर्बाद करने में उमेश के कई साथियों ने भी उसका साथ दिया. उनमें से कई अभी सलाखों के पीछे हैं.

मधुसूदन के हत्यारे गिरफ्तार

रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि मधुसूदन राय और उमेश राय के बीच पिछले 24 सालों से नामकुम स्थित 8 एकड़ की जमीन को लेकर दुश्मनी चल रही है. जिसमें अब तक मधुसूदन राय और उसकी पत्नी की हत्या हो चुकी है. मधुसूदन राय की हत्या में शामिल सभी अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. हालांकि उमेश फरार चल रहा है. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम प्रयास कर रही है, ताकि इस खून-खराबे को हमेशा के लिए बंद किया जा सके.

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24 साल से चल रही दुश्मनी

15 दिसंबर 2024 को रांची के नामकुम स्थित रिंग रोड पर मधुसूदन राय नाम के जमीन कारोबारी की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. अपराधियों ने मधुसूदन राय को आठ गोलियां मारी थी. मकसद साफ था कि किसी भी हाल में मधुसूदन राय को जिंदा नहीं छोड़ना है. मधुसूदन राय की हत्या उनके ही गोतिया उमेश राय ने करायी थी. रांची पुलिस के द्वारा मधुसूदन राय की हत्या में शामिल चार अपराधियों को 23 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. हालांकि मुख्य आरोपी उमेश राय अभी भी फरार चल रहा है. मधुसूदन राय और उमेश राय के परिवार के बीच जमीन को लेकर यह दुश्मनी पिछले 24 सालों से चली आ रही है. इस दुश्मनी में मधुसूदन और उनकी पत्नी दोनों की ही हत्या हो चुकी है.

Madhusudan Rai Murder Case
पुलिस की गिरफ्त में अपराधी (फोटो-ईटीवी भारत)

क्या है दुश्मनी की वजह

रांची के नामकुम थाना क्षेत्र में मधुसूदन राय और उमेश राय की पुश्तैनी जमीन का बंटवारा साल 2006 में ही हो गया था, लेकिन उमेश राय का आरोप था कि मधुसूदन ने उनके हिस्से की जमीन को बेच दिया. विवाद की जड़ बनी 8 एकड़ जमीन जिस पर मधुसूदन राय का कब्जा था, लेकिन दावा उमेश राय भी करता था. पहले तो उमेश और मधुसूदन के परिवार के बीच मामले को पंचायत में सुलझाने की कोशिश की गई, लेकिन मामला सुलझने के बजाय और बिगड़ता गया. नतीजा एक ऐसे खूनी संघर्ष की शुरुआत हुई जिसमें मधुसूदन का पूरा परिवार बर्बाद हो गया, जबकि उमेश राय फरारी का जीवन जीने को मजबूर हो गया.

2008 में मारी गई थी मधुसूधन की पत्नी

8 एकड़ की जमीन को लेकर शुरू हुआ विवाद 2008 आते-आते खूनी संघर्ष तक पहुंच गया. जमीन पर कब्जे के लिए अब उमेश राय किसी भी हद से गुजरने को तैयार था. साल 2008 में उसने मधुसूदन राय पर बंदूकधारियों से हमला करवाया, लेकिन मधुसूदन राय पर चली गोली को उसकी पत्नी ने अपने सीने पर ले लिया. इस हमले में मधुसूदन राय की पत्नी की मौत हो गई. फरार चल रहे उमेश राय और बाकी अपराधियों को साल 2009 में पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

2016 में फिर कराया हमला

चुकी जमीन मधुसूदन राय के कब्जे में थी और उमेश राय एक बार फिर से जमानत पर जेल से बाहर आ चुका था ऐसे में वह एक बार फिर से मधुसूदन राय की हत्या करवा कर 8 एकड़ की जमीन पर कब्जा करने की ताक में लग गया. साल 2016 में एक बार फिर से मधुसूदन राय पर हमला कराया गया, लेकिन इस हमले में वह बाल-बाल बच गया था.

इस बार मारे गए मधुसूधन

2016 के बाद 2024 में यानी फिर आठ साल बाद एक बार फिर उसी आठ एकड़ की जमीन पर कब्जे के लिए एक बार फिर उमेश राय ने मधुसूदन राय की हत्या की साजिश रच डाली. इस बार उमेश राय अपनी साजिश में कामयाब हो गया. उमेश राय 24 सालों से मधुसूदन राय की हत्या करवाना चाहता था. जिसमें वह 15 दिसंबर 2024 को कामयाब हो गया. मधुसूदन ने अपने कुछ अपराधी साथियों के साथ 15 दिसंबर को रांची के रिंग रोड में मधुसूदन राय पर हमला किया. इस हमले में मधुसूदन राय को कुल आठ गोलियां मारी गई. उमेश राय इस बार कोई भी मौका चूकना नहीं चाहता था इसलिए अपराधियों ने मधुसूदन राय को तब तक गोलियां मारी जब तक वह मौके पर ही मृत नहीं हो गया.

22 लोग जेल गए, दो मारे गए

8 एकड़ जमीन के विवाद में दो परिवारों के बीच शुरू हुई खूनी संघर्ष में एक परिवार के दो लोगों की जान जा चुकी है. वहीं बाकी परिवार भी खतरे में हैं. जबकि उमेश राय की तरफ से अब तक 22 लोग मधुसूदन राय और उसके परिवार पर हमले के आरोप में सलाखों के पीछे गए. उमेश भी एक बार जेल गया, लेकिन जमानत पर निकलने के बाद से ही फरार चल रहा है. 8 एकड़ जमीन के विवाद में उमेश राय भी कभी चैन से नहीं रह पाया. पूरा परिवार आज तक अदालत के चक्कर काट रहा है.

उमेश राय भी हुआ बर्बाद

8 एकड़ जमीन पर कब्जे को लेकर उमेश राय भी पूरी तरह से बर्बाद हो गया. जमीन की वजह से उमेश अपराध की दुनिया से जुड़ गया. आज की तारीख में उसपर एक दर्जन से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं. वह अपने घर से भागा-भागा फिर रहा है. वहीं मधुसूदन राय के परिवार को बर्बाद करने में उमेश के कई साथियों ने भी उसका साथ दिया. उनमें से कई अभी सलाखों के पीछे हैं.

मधुसूदन के हत्यारे गिरफ्तार

रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि मधुसूदन राय और उमेश राय के बीच पिछले 24 सालों से नामकुम स्थित 8 एकड़ की जमीन को लेकर दुश्मनी चल रही है. जिसमें अब तक मधुसूदन राय और उसकी पत्नी की हत्या हो चुकी है. मधुसूदन राय की हत्या में शामिल सभी अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. हालांकि उमेश फरार चल रहा है. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम प्रयास कर रही है, ताकि इस खून-खराबे को हमेशा के लिए बंद किया जा सके.

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Last Updated : Jan 24, 2025, 4:56 PM IST
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