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तीन सप्ताह में सभी संवैधानिक पदों पर हो जाएगी नियुक्ति, राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को दिलाया भरोसा - constitutional posts in jharkhand

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 2, 2024, 12:35 PM IST

Hearing in high court. झारखंड सरकार ने राज्य में खाली सभी संवैधानिक पदों पर तीन सप्ताह में नियुक्ति की बात कही है. सरकार ने हाईकोर्ट शपथ पत्र दायर कर ये बातें कही हैं. मामले की अगली सुनवाई 6 अगस्त को होगी.

CONSTITUTIONAL POSTS IN JHARKHAND
झारखंड उच्च न्यायालय और सीएम चंपाई सोरेन की तस्वीर (ईटीवी भारत)

रांचीः झारखंड में पिछले कई वर्षों से सूचना आयुक्त, लोकायुक्त, मानवाधिकार आयोग जैसे ज्यादातर संवैधानिक संस्थाओं में प्रमुख पद रिक्त पड़े हैं. 2 जुलाई को झारखंड हाईकोर्ट में दायर राज्य सरकार के शपथ पत्र के मुताबिक इन पदों पर तीन सप्ताह के भीतर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. इस मसले पर दायर जनहित याचिका पर आज जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय और जस्टिस दीपक रौशन की खंडपीठ में सुनवाई हुई. राज्य सरकार की ओर से पेश टाइम फ्रेम के बाद अदालत ने 6 अगस्त को सुनवाई की अगली तारीख निर्धारित कर दी है. यह जानकारी झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने दी है.

दरअसल, राज्य के 12 संवैधानिक संस्थाओं में अध्यक्ष और सदस्यों के पद वर्षों से से खाली पड़े हैं. इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. सूचना आयोग में सुनवाई के लिए हजारों मामले पेंडिंग हैं. 1 जुलाई को सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से किए जा रहे विलंब पर हाईकोर्ट ने सख्त मौखिक टिप्पणी की थी. राज्य सरकार की ओर से एक माह से ज्यादा का समय मांगा जा रहा था.

इसपर याचिकाकर्ता की ओर से आपत्ति जताने पर हाईकोर्ट ने टाइम फ्रेम की अवधि कम करने को कहा था. इसी आधार पर राज्य सरकार की ओर से 2 जुलाई को दोबारा शपथ पत्र दायर कर नियुक्ति प्रक्रिया को तीन सप्ताह के भीतर पूरा करने का भरोसा दिलाया गया है. इससे पूर्व हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि नियुक्ति का मामला कैबिनेट में विचाराधीन है. इस प्रक्रिया को जल्द पूरा कर लिया जाएगा.

आपको बता दें कि साल 2020 में राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि बहुत जल्द नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. इस आधार पर कोर्ट ने याचिका को निष्पादित कर दिया था. लेकिन इस दिशा में राज्य सरकार की ओर से पहल नहीं होने पर प्रार्थी राजकुमार ने अवमानना याचिका दाखिल की थी. इस मसले पर एडवोकेट एसोसिएशन की ओर से भी जनहित याचिका दायर है.

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