रांची:जेएसएससीसीजीएल परीक्षा मामले की जांच कर रही सीआईडी को अब इस मामले में आम लोगों से भी मदद मिल रही है. सीआईडी ने विज्ञापन जारी कर आम लोगों से मदद मांगी थी, ताकि पता चल सके कि वाकई परीक्षा परिणाम में कोई गलती हुई है या नहीं, ताकि जांच की दिशा बेहतर हो सके.
डीजीपी ने दी जानकारी
झारखंड सीआईडी की टीम को जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर अब तक 40 से अधिक शिकायतें मिली हैं. झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि आम लोगों की ओर से सीआईडी को व्हाट्सएप चैट, फोटो और वीडियो रिकॉर्डिंग भेजी गई है, जिसकी जांच शुरू कर दी गई है. डीजीपी ने बताया कि जेएसएससी की शिकायत पर झारखंड सीआईडी ने मामले में दूसरी प्राथमिकी भी दर्ज की है. रातू थाने में दर्ज केस को भी सीआईडी ने अपने हाथ में ले लिया है.
विज्ञापन प्रकाशित कर मांगे गए थे सबूत
सीआईडी ने सीजीएल परीक्षा में कथित पेपर लीक के आरोपों को लेकर आम लोगों और अभ्यर्थियों से सबूत मांगे थे. झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि राज्य में विज्ञापन के माध्यम से आम लोगों तक यह जानकारी पहुंचाई गई कि अगर किसी व्यक्ति के पास पेपर लीक से संबंधित कोई साक्ष्य है तो वह सीआईडी को उपलब्ध कराए. इन साक्ष्यों को भी जांच में शामिल किया जाएगा. विज्ञापन के बाद अब तक 40 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं.
क्या है एफआईआर में
जेएसएससी की ओर से सीआईडी में दर्ज एफआईआर में बताया गया है कि 21 और 22 सितंबर को सीजीएल परीक्षा आयोजित की गई थी. परीक्षा पूरी तरह से कदाचार और पेपर लीक से मुक्त थी, लेकिन परीक्षा आयोजित होने के बाद कई लोगों ने जानबूझकर फर्जी वीडियो और तस्वीरें वायरल कीं. इससे पहले रातू थाने में भी एफआईआर दर्ज की गई थी. झारखंड सीआईडी अब दोनों एफआईआर की जांच एसआईटी के माध्यम से करेगी.
सीजीएल परीक्षा में कथित पेपर लीक को लेकर पहली एफआईआर राजेश कुमार के बयान पर रातू थाने में दर्ज की गई थी. इस मामले के अनुसंधानकर्ता अमर कुमार पांडेय बनाए गए थे. उन्हें भी सीआईडी की एसआईटी में शामिल किया गया है.