रांची:झारखंड में बालू संकट गहराता जा रहा है. हालत यह है कि सरकार के उदासीन रवैया की वजह से आम लोगों के साथ-साथ रियल सेक्टर से जुड़े लोगों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. जो बालू प्रति हाइवा 10 हजार रुपये तक में मिलता था, आज वह 60 से 70 हजार रुपये में मिल रहा है. बालू को लेकर हो रही परेशानी से झारखंड चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने सरकार को पत्र लिखकर समस्या का समाधान जल्द से जल्द करने की अपील की है.
चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष परेश गट्टानी के अनुसार सरकार को बालू संकट को लेकर गंभीर होना पड़ेगा, नहीं तो आने वाले समय में परेशानी और बढ़ेगी. एक मध्यमवर्गीय परिवार को घर बनाने का सपना रहता है, आज की तारीख में बालू के कारण सरकारी गैरसरकारी कई प्रोजेक्ट लटक गए हैं. लोगों को हिम्मत नहीं हो रही है कि घर बनाएं.
इधर, बालू को लेकर मचे हाहाकार के बीच राज्य सरकार बालू घाटों की निलामी जल्द से जल्द पूरा कर इसे चालू करने में जुटी है, लेकिन सरकारी औपचारिकता में जिस तरह से उलझन है उसमें जल्द प्रक्रिया पूरी करना संभव होता नहीं दिख रहा है. नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सरकार सेंट्रल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा निर्देश का अध्ययन कर प्रक्रिया पूरी करने में जुटी है.
444 बालू घाट में मुश्किल से 30 है संचालित