रांची: बजट सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे के साथ शुरु हुई. भाजपा विधायक वेल में आ गये और मैट्रिक परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले की सीबीआई से जांच की मांग करने लगे. हालांकि दो मिनट के भीतर ही विधानसभा अध्यक्ष के आग्रह पर सदन ऑर्डर में आ गया. लेकिन बालू के मसले पर जमकर खींचतान हुई.
भाजपा विधायक नवीन जयसवाल अल्पसूचित प्रश्न के जरिए जानना चाह रहे थे कि प्रति हाईवा बालू की दर क्या है. उनका पूरक सवाल था कि अबुआ और प्रधानमंत्री आवास के कितने लाभुकों को मुफ्त में बालू मिली है. कुल 444 बालू घाटों की क्या स्थिति है. पूरक सवाल करते हुए भाजपा विधायक सी.पी.सिंह ने कहा कि उन्हें दो हाईवा बालू चाहिए. इसपर भाजपा विधायक मनोज यादव ने कहा कि झारखंड में चोरी से बालू खरीदना पड़ रहा है. बिहार से बालू आ रही है.
जवाब में प्रभारी मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि अबुआ और प्रधानमंत्री आवास के लाभुको को मुफ्त में बालू दी जा रही है. उन्होंने बताया कि झारखंड सैंड माइनिंग पॉलिसी, 2017 के तहत कैटेगरी-2 के बालू घाटों के संचालन की जिम्मेदारी जेएसएमडीसी को दी गई है.
कुल 444 बालू घाट में से 261 बालू घाटों का LoI निर्गत हुआ है. इसके विरुद्ध 159 बालू घाटों का इकरारनामा हो चुका है. साथ ही 64 बालू घाटों की पर्यावरणीय स्वीकृति और 24 घाटों का ToR प्राप्त है. अन्य बालू घाटों को लेकर वैधानिक प्रक्रिया चल रही है. प्रभारी मंत्री ने कहा कि ऑनलाइन बुकिंग के जरिए जरुरतमंदों को बालू मुहैया करायी जा रही है. वर्तमान में 21 लाख सीएफटी बालू जेएसएमडीसी के पास उपलब्ध है. लेकिन पूरक सवालों का सही फॉर्मेट में जवाब नहीं मिलने पर खींचतान चलती रही.
प्रभारी मंत्री के जवाब को भाषण करार देते हुए भाजपा विधायक नवीन जयसवाल डाटा की मांग पर अड़े रहे. इस दौरान कई बार सीएम हेमंत सोरेन अपने प्रभारी मंत्री को समझाते हुए नजर आए. बीच-बीच में स्पीकर को भी दखल देना पड़ा. बाद में प्रभारी मंत्री ने कहा कि अब तक 1 लाख 63 हजार सीएफटी बालू 573 लोगों को फ्री में मुहैया करायी जा चुकी है.