रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 का अब कभी भी ऐलान हो सकता है. मंगलवार को हरियाणा और जम्मू कश्मीर के नतीजे आ जाएंगे. माना जा रहा है दो से तीन दिनों में चुनाव आयोग झारखंड और महाराष्ट्र में चुनावों की घोषणा कर सकता है. झारखंड की बात करें तो इसका स्थापना दिवस 15 नवंबर को है ऐसे में इस बात की काफी संभावना है कि झारखंड में चुनाव 15 नवंबर के बाद हों.
इंडिया और एनडीए के बीच सीधा मुकाबला
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियां कमर कस चुकी हैं. सभी 81 विधानसभा सीटों पर नेता प्रचार में जुटे हुए हैं. इंडिया गठबंधन और एनडीए के बीच सीधा मुकाबला है. 2019 के चुनाव 30 नवंबर से 20 दिसंबर तक पांच चरणों में संपन्न हुए थे. जबकि नतीजे 23 दिसंबर को आए थे. महागठबंधन की जीत के बाद हेमंत सोरेन ने सीएम पद की शपथ ली थी. माना जा रहा है कि इस बार भी झारखंड में 15 नवंबर के बाद मतदान होंगे. सूत्रों के अनुसार इस बार मतदान दो या तीन चरणों में हो सकता है.
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए क्या है बीजेपी रणनीति
झारखंड विधानसभा चुनाव में हिमंता बिस्वा सरमा पूरी तरह से एक्टिव हैं. पार्टी की रणनीति बनाने में उनका बड़ा योगदान है. हिमंता ने साफ कर दिया है कि सभी 81 विधानसभा सीटों के लिए पैनल तैयार कर लिया गया है. सोमवार को दिल्ली में एक बैठक होगी, उसके बाद पार्टी की संसदीय बोर्ड उम्मीदवारों की सूची पर अंतिम मुहर लगाएगी. हिमंता ने साफ किया कि इस पूरी प्रक्रिया में कम से कम एक हफ्ते का समय लगेगा. ऐसे में माना जा रहा है कि दिल्ली में बैठक के बाद कभी भी बीजेपी अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर सकती है.
एनडीए फोल्डर में कौन-कौन से दल
बीजेपी झारखंड विधानसभा चुनाव में आजसू और जेडीयू के साथ भी तालमेल कर रही है. ऐसे में दिल्ली में होने वाली बैठक में ये साफ हो जाएगा कि कौन सी पार्टी कितनी और किस सीट पर चुनाव लड़ेगी. आजसू ने 11 से 12 सीटों की मांग की है. जबकि जेडीयू 4 से 5 सीटों की मांग कर रहा है. इसके अलावा जीतन राम मांझी और चिराग पासवान की पार्टी लोजपा(आर) भी सीटों की तालमेल करना चाहते हैं. हालांकि मांझी और चिराग गठबंधन का हिस्सा होंगे या नहीं ये साफ नहीं है.
क्या है इंडिया ब्लॉक की रणनीति
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए महागठबंधन या इंडिया ब्लॉक भी अपने घटक दलों के साथ सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत कर रहा है. हालांकि झामुमो और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर अब तक सब कुछ साफ नहीं हुआ है. 2019 के चुनावों की बात करें तो तब कांग्रेस 31 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. लेकिन इस बार कांग्रेस ने 33 सीटों की मांग की है. इसके अलावा पिछले चुनाव में 4 सीटों पर लड़ने वाले राजद ने इस बार 22 सीटों की मांग की है. ऐसे में गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर पेंच फंस सकता है. दूसरी तरफ सभी पार्टियां सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों के चयन के लिए मंथन कर रहे हैं. कांग्रेस रायशुमारी और सर्वे के आधार पर जिताउ उम्मीदवार को तलाश रही है. इसके अलावा स्थानीय मुद्दों पर भी पार्टी फोकस कर रही है.
झारखंड विधानसभा में फिलहाल क्या है समीकरण
झारखंड विधानसभा में 81 सीटें हैं. झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 4 जनवरी 2025 को खत्म हो रहा है. फिलहाल हेमंत सोरेन के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार है. इस गठबंधन में झामुमो के साथ कांग्रेस, राजद और सीपीआईएमएल शामिल हैं. 2019 के चुनाव में झामुमो ने 30 सीटें जीती थीं. जबकि कांग्रेस ने 16 पर जीत दर्ज की थी. वहीं राजद और माले के हाथ में एक-एक सीट आई थी. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने 25, जेवीएम-3, एनसीपी(एपी) ने एक आजसू ने 2 और 2 निर्दलीय विधायक जीते थे.
झारखंड में कब होंगे चुनाव
झारखंड और महाराष्ट्र के चुनाव के एक साथ होने की संभावनाे हैं. महाराष्ट्र की नई विधानसभा 26 नवंबर से पहले गठित होना जरूरी है. ऐसे में ये जरूरी है कि 17 अक्टूबर से पहले चुनावों की घोषणा हो जाए. क्योंकि चुनावों की घोषणा होने से लेकर परिणाम निकलने तक 40 दिनों का समय होना जरूरी है. ऐसे में माना जा रहा है कि की नवंबर के तीसरे हफ्ते तक चुनाव प्रक्रिया समाप्त हो जाएंगे. संभावना इस बात की भी है कि झारखंड में 15 नवंबर के बाद तीन चरणों में मतदान हों और चुनावी प्रक्रिया नवंबर के तीसरे हफ्ते में खत्म हो जाएं.
झारखंड में कितने चरणों में हो चुनाव
सरकार दावा कर रही है कि झारखंड में नक्सलवाद पर काबू पा लिया गया है. इसके बाद भी झारखंड में एक चरण में चुनाव होंगे इसकी संभावना काफी कम हैं. क्योंकि नक्सलवाद पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. नक्सली कई बार वारदात को अंजाम दे चुके हैं. झारखंड में नक्सलियों पर सुरक्षाबलों ने काफी हद तक काबू पा लिया है. झारखंड में जंगल और पहाड़ भी काफी हैं, यहां काफी दुर्गम इलाके भी हैं, कई क्षेत्रों में पहुंचना भी पोलिंग पार्टी के लिए चुनौती भरा होता है. ऐसे में एक चरण में यहां चुनाव करवा पाना मुमकिन नहीं है. ऐसे में माना जा रहा है कि झारखंड में कम से कम 3 फेज में चुनाव होंगे.
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