लातेहार: जिला मुख्यालय निवासी 99 वर्षीय लक्ष्मी नारायण पाठक सच्चे मतदान योद्धा हैं. उनके मन में आज भी मतदान को लेकर वही जज्बा और उत्साह रहता है, जैसा उत्साह देश की आजादी के बाद हुए पहले मतदान के दौरान उनके मन में था. उन्होंने आज तक मतदान करने का एक भी मौका नहीं छोड़ा.
दरअसल लक्ष्मी नारायण पाठक आजादी के बाद देशभर में हुए पहले चुनाव में मतदान करने का सौभाग्य पाया था. पहली बार वोटिंग करने के बाद उन्हें जब भी मौका मिला उन्होंने मतदान जरूर किया. वर्तमान समय में वह 99 वर्ष के हो गए हैं. इसके बावजूद मतदान के प्रति उनका उत्साह अभी भी बरकरार है. हालांकि कुछ दिनों से वह शारीरिक रूप से थोड़े अस्वस्थ हो गए हैं, इस कारण उन्हें सुनने में भी परेशानी होती है. लेकिन मतदान का नाम सुनने के बाद वह पूरे उत्साह के साथ मतदान में हिस्सा लेने की बात कहते हैं.
दूसरों को भी करते हैं मतदान के लिए प्रेरित
लक्ष्मी नारायण पाठक शारीरिक अस्वस्थता के कारण ठीक से सुन और बोल नहीं पाते हैं. उनके पुत्र निवर्तमान वार्ड पार्षद जितेंद्र पाठक बताते हैं कि उनके पिता देश की आजादी के बाद हुए पहले चुनाव में भी मतदान किए थे. वह अपने पुत्र को अक्सर चुनाव के किस्से भी बताया करते हैं. उन्होंने बताया कि पिछले लोकसभा चुनाव में वार्ड नंबर 2 के मतदान केंद्र पर वोट करने के लिए पहुंचने वाले उनके पिता सबसे पहले मतदाता थे.